मऊगंज: नईगढ़ी तहसील कार्यालय के सामने उपयंत्री और सचिव को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों लोकायुक्त की टीम ने गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इन दोनों ने निर्माण कार्यों के बिल पास करने के एवज में ग्राम पंचायत हकरिया के सरपंच से रिश्वत के तौर पर 20 हजार रुपए की डिमांड की थी. सरपंच की शिकायत के बाद कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है.
बिल पास कराने के एवज में मांगी थी रिश्वत
ये मामला ग्राम पंचायत हकरिया का है. ग्राम पंचायत के सरपंच तरुण शुक्ला के मुताबिक, '' 3 लाख 60 हजार रुपए का बिल पिछले कई महीने से पेंडिंग है. बिल पास करने के लिए उपयंत्री भोला प्रसाद पटेल और हकरिया जनपद पंचायत के सचिव टीकम प्रसाद पाण्डेय से कई बार गुजारिश की. मगर कराए गए विकास कार्यो का बिल पास किए जाने के एवज में उपयंत्री और सचिव 20 हजार रिश्वत मांग रहे थे. उनका कहना था कि जब तक रिश्वत की रकम नहीं मिलती, तब तक बिल पास नही किया जाएगा.'' सरपंच तरुण शुक्ला 4 महीनों तक उपयंत्री और सचिव के दफ्तर के चक्कर काटे, लेकिन वह रिश्वत डिमांड पर अड़े रहे.
सरपंच ने लोकायुक्त से की थी शिकायत
बीते दिनों सरपंच तरुण शुक्ला ने उपयंत्री भोला प्रसाद पटेल और सचिव टीकम प्रसाद पाण्डेय की शिकायत रीवा लोकायुत पुलिस से कर दी. लोकायुत की टीम ने मामले की पुष्टि करते हुए जाल बिछाया. इसके बाद शुक्रवार को सरपंच तरुण शुक्ला रिश्वत की रकम लेकर उपयंत्री और सचिव को देने के लिए तहसील कार्यालय के सामने पहुंचे. वहां पर मौजूद उपयंत्री और सचिव को शिकायतकर्ता ने जैसे ही 20 हजार रुपए रिश्ववत की रकम दी, तत्काल मौके पर लोकायुत की 12 सदस्यीय टीम वहां पहुंची और दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
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रंगे हाथ दोनों आरोपी किए गए गिरफ्तार
लोकायुत निरीक्षक जियाउल हक ने बताया, ''आरोपी टीकम प्रसाद पाण्डेय व भोला प्रसाद पटेल ने सरपंच तरुण शुक्ला से ग्राम पंचायत में कराए गए विकास कार्यों के बिल पास करने के एवज में रिश्वत मांगी थी. सरपंच ने इसको लेकर हमारे यहां शिकायत की. जिसका सत्यापन लोकायुक्त संभाग रीवा के प्रभारी पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार द्वारा कराया गया. इसके बाद दोनों को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए तहसील कार्यालय के सामने से रंगे हाथ पकड़ा गया है. आरोपियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्जकर के आगे की कर्रवाई की जा रही है.''