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14 जून को माता धूमावती की जयंती, दुख-दरिद्रता से मिलेगी मुक्ति, ऐसे करें साधना - Mata Dhumavati Jyanti - MATA DHUMAVATI JYANTI

Mata Dhumavati Jyanti 2024: दुख दरिद्रता से मुक्ति पाने के लिए भक्त माता धूमावती की साधना करते हैं. इस बार 14 जून को माता धूमावती की जयंती मनाई जाएगी. पढ़िए पूरी खबर...

14 जून को माता धूमावती की जयंती
14 जून को माता धूमावती की जयंती (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 11, 2024, 3:17 PM IST

कुल्लू: सनातन धर्म में 10 महाविद्याओं का एक अहम स्थान है और माता धूमावती सातवीं महाविद्या के रूप में सनातन धर्म में पूजी जाती है. वही, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को धूमावती जयंती मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि इसी तिथि को मां धूमावती की उत्पत्ति हुई थी. इस बार 14 जून को माता धूमावती की जयंती मनाई जाएगी.

वैदिक पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि इस बार 13 जून को रात 9:33 पर शुरू हो रही है और यह तिथि 15 जून को रात 12:03 पर खत्म होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार धूमावती जयंती 14 जून को शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी और भक्त मां धूमावती का आशीर्वाद लेने के लिए उनकी पूजा अर्चना भी करेंगे.

वहीं, धूमावती जयंती के दिन सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. 14 जून को प्रातः काल से लेकर शाम 7:08 तक सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. वही धूमावती जयंती के दिन सुबह 4:02 से लेकर सुबह 4:45 तक पूजा का मुहूर्त भी है. इसी दिन अभिजीत मुहूर्त भी दोपहर 11:54 से लेकर 12:49 तक रहेगा.

आचार्य आशीष शर्मा का कहना है कि धूमावती जयंती के दिन मां धूमावती की पूजा विधि विधान से करने से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है. मां धूमावती भक्तों की दरिद्रता को दूर करने वाली है. इसके अलावा जो व्यक्ति असाध्य रोगों से जूझ रहे हैं. उनके लिए भी मां धूमावती की पूजा करने का विधान शास्त्रों में लिखा गया है.

आचार्य आशीष शर्मा ने कहा बताया कि मां धूमावती ऋषि दुर्वासा, ऋषि भृगु, बहगवां परशुराम की मूल शक्ति भी है और पापियों के नाश के लिए मां धूमावती धरती पर अवतरित हुई थी. ऐसे में शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए भी मां धूमावती की उपासना की जाती है. वही देवी पार्वती के स्वरूप को लेकर एक मान्यता है भी है कि इस दिन सुहागिन महिलाएं मां धूमावती का पूजन नहीं करती है. बल्कि सुहागन महिलाएं सिर्फ दूर से ही मां धूमावती के दर्शन करती है.

ऐसे में जिन व्यक्तियों के जीवन में कर्ज की समस्या है तो वह धूमावती जयंती के दिन नीम की पत्ती और घी के साथ हवन करें. वहीं दरिद्रता से मुक्ति पाने के लिए धूमावती जयंती के दिन गुड़ और गन्ने से भी हवन किया जाता है. इसके अलावा अन्य परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए मां धूमावती को काले कपड़े में काले रंग के तिल बांधकर भी उन्हें चढ़ाने चाहिए.

ये भी पढ़ें: चमत्कार या संयोग! 15 साल पहले गुम हुए आदि ब्रह्मा देवता आए सामने, देवालय में देख चौंक गए श्रद्धालु

कुल्लू: सनातन धर्म में 10 महाविद्याओं का एक अहम स्थान है और माता धूमावती सातवीं महाविद्या के रूप में सनातन धर्म में पूजी जाती है. वही, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को धूमावती जयंती मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि इसी तिथि को मां धूमावती की उत्पत्ति हुई थी. इस बार 14 जून को माता धूमावती की जयंती मनाई जाएगी.

वैदिक पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि इस बार 13 जून को रात 9:33 पर शुरू हो रही है और यह तिथि 15 जून को रात 12:03 पर खत्म होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार धूमावती जयंती 14 जून को शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी और भक्त मां धूमावती का आशीर्वाद लेने के लिए उनकी पूजा अर्चना भी करेंगे.

वहीं, धूमावती जयंती के दिन सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. 14 जून को प्रातः काल से लेकर शाम 7:08 तक सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. वही धूमावती जयंती के दिन सुबह 4:02 से लेकर सुबह 4:45 तक पूजा का मुहूर्त भी है. इसी दिन अभिजीत मुहूर्त भी दोपहर 11:54 से लेकर 12:49 तक रहेगा.

आचार्य आशीष शर्मा का कहना है कि धूमावती जयंती के दिन मां धूमावती की पूजा विधि विधान से करने से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है. मां धूमावती भक्तों की दरिद्रता को दूर करने वाली है. इसके अलावा जो व्यक्ति असाध्य रोगों से जूझ रहे हैं. उनके लिए भी मां धूमावती की पूजा करने का विधान शास्त्रों में लिखा गया है.

आचार्य आशीष शर्मा ने कहा बताया कि मां धूमावती ऋषि दुर्वासा, ऋषि भृगु, बहगवां परशुराम की मूल शक्ति भी है और पापियों के नाश के लिए मां धूमावती धरती पर अवतरित हुई थी. ऐसे में शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए भी मां धूमावती की उपासना की जाती है. वही देवी पार्वती के स्वरूप को लेकर एक मान्यता है भी है कि इस दिन सुहागिन महिलाएं मां धूमावती का पूजन नहीं करती है. बल्कि सुहागन महिलाएं सिर्फ दूर से ही मां धूमावती के दर्शन करती है.

ऐसे में जिन व्यक्तियों के जीवन में कर्ज की समस्या है तो वह धूमावती जयंती के दिन नीम की पत्ती और घी के साथ हवन करें. वहीं दरिद्रता से मुक्ति पाने के लिए धूमावती जयंती के दिन गुड़ और गन्ने से भी हवन किया जाता है. इसके अलावा अन्य परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए मां धूमावती को काले कपड़े में काले रंग के तिल बांधकर भी उन्हें चढ़ाने चाहिए.

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