पटना: राजधानी पटना के ग्रामीण इलाकों के महादलित टोला में लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त का दावा सिर्फ फाइलों तक ही सिमट कर रह गया है. नतीजन कई महिलाएं आज भी खुले में शौच करने को विवश है.
सरकारी योजना का नहीं मिला लाभ: दरअसल, मसौढी प्रखंड के तकरीबन दर्जन भर महादलित टोले की महिलाएं को शौच के लिए खुले में जाना पड़ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन सभी के टोलो में आज तक सरकारी लाभ से बनने वाले शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है.
आंदोलन के मूड में स्थानीय: सरकार द्वारा शौच मुक्त करने का दावा सिर्फ फाइलों में सिमट कर रह गया है. नतीजन हर महादलित टोला में महिलाएं अब अपनी आवाज बुलंद कर रही है. सभी नारेबाजी करते हुए आंदोलन के मूड में आ गई है.
महिलाओं ने जमकर प्रदर्शन किया: इसी कड़ी में मंगलवार को मसौढी प्रखंड के चेथौल पोखर स्थित महादलित टोला की महिलाओं ने जमकर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि हमने कई बार प्रखंड कार्यालय में जाकर अपना आवेदन दिया, लेकिन हम लोगों को अभी तक शौचालय का लाभ नहीं मिल पाया है. निर्माण के लिए संबंधिक लोगों द्वारा घूस भी मांगा जाता हैं.
"जब शौचालय के लिए आवेदन भर कर प्रखंड कार्यालय जाते हैं तो वहां से आश्वासन देकर लौटा दिया जाता है. ऐसे में विवश होकर यहां के करीब डेढ़ सौ परिवार आज भी खुले में शौच के लिए जाते हैं. इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. सरकार सिर्फ गरीबों की योजनाओं की बात करती हैं, लेकिन हम तक कोई योजना पहुंच नहीं पाती है." - सुजाता देवी, स्थानीय
Conclusion: कई महादलित टोले में सर्वेक्षण किया जा रहा है. उन सभी के पास जमीन नहीं है. लेकिन समुदायिक शौचालय बनाने का कार्य चल रही है. जल्द ही सभी महादलित टोलों में सर्वे करके शौचालय का निर्माण किया जाएगा." - संजीत कुमार, शौचालय कोऑर्डिनेटर, मसौढ़ी प्रखंड
"शौचालय निर्माण नहीं होने की जानकारी मिली है. फिलहाल कमीशन मांगने से जुड़ा कोई आवेदन नहीं दिया गया है. सूचना मिलते ही उक्त व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी. हमारा उद्देश्य वंचित लाभुको को उनका हक दिलाना है." - प्रीति कुमारी, एसडीएम
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