पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी प्रखंड के कोरियावां प्राथमिक विद्यालय का भवन पिछले 3 साल से जर्जर स्थिति में है. छत, दीवार, खिड़की और दरवाजे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं. जिससे यहां पढ़ने वाले बच्चों की जान को खतरा बना रहता है. बारिश के दिनों में छत से पानी टपकता है और चारों ओर झाड़ियां होने के कारण सांप-बिच्छू का खतरा भी मंडराता रहता है. ऐसी खतरनाक स्थितियों में बच्चे दहशत के आलम में पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
बच्चों को नहीं भेज रहे स्कूलः प्रधानाचार्य शैलेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल में ऐसे तो 40 नामांकित बच्चे हैं, लेकिन महज 5 या 10 बच्चे ही स्कूल आ पा रहे हैं. दहशत में अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. स्कूल की छात्रा स्वीटी कुमारी ने बताया कि वे लोग स्कूल में डर डर कर पढ़ते हैं. स्कूल का भवन पूरी तरह से जर्जर है. पीयूष कुमार नामक छात्र ने बताया कि पढ़ाई करते वक्त बहुत डर लगता है. बरसात में हमेशा छत से पानी टपकता रहता है. बिल्डिंग टूटा है.
"प्रखंड मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक इसको लेकर गुहार लगाकर चुके हैं. बावजूद अभी तक भवन मरम्मत या फिर नये सिरे से निर्माण नहीं हो पाया है. ऐसे में जर्जर भवन में ही स्कूल का पठन पाठन चल रहा है. कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, हम सभी लोग डर के साए में पठन-पाठन करने को विवश हैं."- शैलेंद्र कुमार, प्रधानाचार्य
ग्रामीणों में आक्रोश: ग्रामीणों में स्कूल की दुर्दशा को लेकर गहरा आक्रोश है. उनका कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण बच्चों की जान पर बन आई है और उनकी पढ़ाई भी बाधित हो रही है. वे कई बार स्कूल के सुधार के लिए मांग उठा चुके हैं, लेकिन उनकी आवाज अनसुनी कर दी गई. अब ग्रामीण इस समस्या के समाधान के लिए एकजुट होकर आंदोलन करने का मन बना रहे हैं.
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