पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए नाबालिगों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. माओवादी के टॉप कमांडर बच्चों को दस्ते में शामिल करने के फिराक में हैं. दरअसल, प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी कैडर की समस्या से जूझ रहा है. माओवादी के पास दस्ते में सदस्य नहीं हैं, यही वजह है कि वह अपनी संख्या बढ़ाने की फिराक में हैं. कुछ दिनों पहले लातेहार के बारेसाढ़ थाना क्षेत्र के दौना गांव के इलाके में दो नाबालिगों को माओवादियों ने दस्ते में शामिल करने की कोशिश की थी. लेकिन इसमें माओवादियों को सफलता नहीं मिली है.
माओवादी इससे पहले भी कई इलाकों में दस्ते की संख्या बढ़ाने के लिए ताकत लगा चुका है. बूढापहाड़ के इलाके में माओवादियों ने कई बच्चों को अपने दस्ते में सदस्य बना कर रखा था. लेकिन उनके कमजोर होने के बाद बच्चे मुख्य धारा में वापस लौट आए थे. कुछ दिनों पहले माओवादियों ने कई जगहों पर पोस्टर बैनर चिपकाया था और सरकारी भवनों को भर्ती केंद्र बनाने की घोषणा किया था.
समान की ढुलाई से लेकर, हथियार चलाने तक की ट्रेनिंग देते हैं माओवादी: माओवादी दस्ते में बच्चों से अपने सामानों की ढुलाई करवाते हैं. धीरे-धीरे उन्हें माओवाद का पाठ पढ़ाते हैं और हथियार चलाने तक की ट्रेनिंग देते हैं. यही बच्चे आगे चलकर माओवादियों के टॉप कमांडर बनते हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में माओवादी अपने दस्ते में बच्चों को भर्ती नहीं कर पाए हैं. उनकी संख्या लगातार घट रही है, यही वजह है कि माओवादी दस्ते में नए लोगों को भर्ती करना चाहते हैं. टॉप माओवादी कमांडर छोटू खरवर बच्चों को भर्ती करना चाहता है वह अपने प्रभाव वाले इलाके में इस तरह का कदम उठा रहा है. छोटू खरवार के दस्ते में फिलहाल आधे दर्जन के करीब सदस्य हैं.
पुलिस ने जारी किया है अलर्ट, ग्रामीण इलाकों में रखी जा रही है नजर: माओवादियों के मंसूबे को नाकाम करने को लेकर पुलिस ने भी योजना तैयार कर लिया है. पुलिस ग्रामीण इलाकों में अभियान चला रही है साथ ही उन्हें जागरूक भी कर रही है. पलामू के जोनल आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि ऐसी कोई भी तत्व जो ग्रामीणों को बहलाने फुसलाना या बरगलाने की कोशिश करेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस की नक्सल और इससे जुड़े हुए तत्वों पर नजर है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
ये भी पढ़ें-
नक्सली संगठन बच्चों को ढाल बनाने की फिराक में! कई इलाकों में खत्म हो गई है गतिविधि
सीआरपीएफ के हटने के बाद खास इलाके को माओवादियों ने बनाया ठिकाना, पुराने कैडर को कर रहे एक्टिवेट