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लातेहार विधानसभा सीटः झामुमो-राजद की दावेदारी तगड़ी तो भाजपा के बागी कर सकते हैं खेला! - Jharkhand Assembly Election

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 27, 2024, 4:50 PM IST

Know about Latehar assembly seat. झारखंड विधानसभा चुनाव की तिथि अब तक स्पष्ट नहीं है लेकिन जैसे-जैसे दिन निकल रहा है. वैसे-वैसे राजनीतिक गलियारों का तापमान भी बढ़ता जा रहा है. प्रदेश की 81 सीटों के लिए सैकड़ों की संख्या में दावेदार प्रस्तुत हो रहे हैं. इंडिया गठबंधन और एनडीए के कई दावेदार हैं तो कई बागी बनकर खेल बिगाड़ने के लिए तैयार बैठे हैं. लातेहार सीट की सियासी समीकरण खंगालती ईटीवी भारत की ये रिपोर्ट.

Many contenders from India Alliance and NDA for Latehar assembly seat
ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)

लातेहारः अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित लातेहार विधानसभा क्षेत्र हॉट केक बना हुआ है. लातेहार विधानसभा क्षेत्र में सभी दलों का अपना-अपना जनाधार है. इस कारण यहां इस बार गठबंधन में पेंच फंसने की संभावना प्रबल हो गई है. वर्तमान में यहां से झामुमो के विधायक बैद्यनाथ राम हैं. इसलिए इंडिया गठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा की दावेदारी स्वाभाविक है. इस बार लातेहार विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल भी अपनी दावेदारी मजबूती से पेश कर रहा है. दूसरी ओर एनडीए में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ही यहां से चुनाव मैदान में उतरेंगे. लेकिन एनडीए गठबंधन में कई प्रत्याशी हैं जो अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं.

झारखंड राज्य स्थापना के बाद से लातेहार विधानसभा क्षेत्र में अब तक जितने भी विधानसभा के चुनाव हुए उनमें अलग-अलग दल के प्रत्याशी चुनाव जीते. इस कारण यहां सभी दलों के प्रत्याशियों के द्वारा विधानसभा चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश की जा रही है. लातेहार विधानसभा क्षेत्र में सभी दलों का अपना-अपना जनाधार है. इसी कारण सभी दलों को यहां अपनी जीत की संभावना दिखती है. इसी संभावना के कारण इंडिया गठबंधन में शामिल राजद लातेहार विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहा है. दूसरी ओर पिछले चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर बैद्यनाथ राम के चुनाव जीतने के बाद झामुमो किसी भी सूरत में लातेहार विधानसभा क्षेत्र को छोड़ नहीं सकता है.

लातेहार नहीं देता दूसरा मौका!

झारखंड राज्य स्थापना के बाद से लातेहार विधानसभा चुनाव में अब तक बैद्यनाथ राम और प्रकाश राम में सीधा मुकाबला होता आया है. यहां के प्रत्याशियों के दल बदलने और लगातार दो बार चुनाव नहीं जीतने का रिकॉर्ड भी रहा है. वर्ष 2000 में जब झारखंड राज्य की स्थापना हुई थी तो उस समय लातेहार के विधायक बैद्यनाथ राम थे. बैद्यनाथ राम उस समय जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर चुनाव जीते थे.

वर्ष 2004 में प्रकाश राम यहां से राजद के टिकट पर विधायक चुने गए. उन्होंने उस समय झामुमो प्रत्याशी रामदेव गंझू को हराया था. बैद्यनाथ राम मंत्री होने के बावजूद उस चुनाव में तीसरे स्थान पर आ गए थे. वर्ष 2009 में बैद्यनाथ राम भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे. उस चुनाव में बैजनाथ राम लगभग 400 वोटों के मामूली अंतर से प्रकाश राम को हराने में सफल हुए थे. वर्ष 2014 में प्रकाश राम झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़े और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन राम को बड़े अंतर से हराया. वर्ष 2019 के चुनाव में बैद्यनाथ राम झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़कर भाजपा प्रत्याशी प्रकाश राम को बड़े अंतर से हराकर चुनाव जीते.

इंडिया गठबंधन में कई दावेदार

इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की अपनी-अपनी दावेदारी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से जहां वर्तमान विधायक बैद्यनाथ राम को फिर से टिकट मिलने की संभावना प्रबल है. वहीं दूसरी ओर राजद की ओर से सुरेश राम चुनावी तैयारी में लगे हुए हैं. दोनों दलों का दावा है कि इंडिया गठबंधन से लातेहार विधानसभा सीट उनके हिस्से में आएगी. इसी कारण दोनों दल चुनावी तैयारी में जोर शोर से लगे हुए हैं.

बागी बन खेला करने को तैयार!

भारतीय जनता पार्टी में भी कई दावेदार हैं. इनमें दो बार के विधायक रह चुके प्रकाश राम का नाम सबसे ऊपर है. प्रकाश राम का काफी अच्छा जनाधार है. लोगों के बीच रहना और जनता की समस्याओं के लिए आवाज उठाने के कारण क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है. वहीं दूसरी भाजपा नेता चेतलाल रामदास भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. भाजपा नेता संतोष पासवान भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें इस बार भाजपा का उम्मीदवार बनाया जाएगी. हालांकि भाजपा किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी यह तो भविष्य के गर्भ में है. परंतु भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के लिए भाजपा के बागी उम्मीदवार हमेशा ही सिरदर्द बन जाते हैं. बात चाहे वर्ष 2005 के चुनाव की हो, या फिर वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव की हो. दोनों ही बार भाजपा के बागी उम्मीदवार के चुनावी मैदान में खड़े हो जाने के कारण भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था.

भाजपा की जीत पक्की- पंकज

भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा कि भाजपा नेतृत्व जिसे भी लातेहार विधानसभा से उम्मीदवार बनाएगा, उस उम्मीदवार की जीत निश्चित है. उन्होंने कहा कि के प्रत्येक कार्यकर्ता चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं. इस बार लातेहार जिला के दोनों विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की जीत निश्चित है. उन्होंने कहा कि अपनी दावेदारी के लिए कुछ कार्यकर्ताओं ने आवेदन भी दिया है.

झामुमो ही लड़ेगा चुनाव- मोती

झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष लाल मोती नाथ शाहदेव ने कहा कि लातेहार विधानसभा क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा की दावेदारी स्वाभाविक है. यहां से झामुमो के प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में उतरेंगे और जीत हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रत्येक कार्यकर्ता और यहां की जनता झामुमो उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि झामुमो की ओर से कई उम्मीदवारों की दावेदारी आ रही है.

राजद का गढ़ रहा है लातेहार

राष्ट्रीय जनता दल के जिला उपाध्यक्ष रंजीत यादव ने कहा कि इस बार लातेहार विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल की दावेदारी है. उन्होंने कहा कि लातेहार विधानसभा क्षेत्र राष्ट्रीय जनता दल का गढ़ है. राजद उम्मीदवार यहां से भारी मतों से चुनाव जीतेंगे. उन्होंने कहा कि राजद कार्यकर्ताओं की भावनाओं से नेतृत्व को अवगत करा दिया गया है.

लातेहार विधानसभा सीट- एक परिचय

लातेहार विधानसभा क्षेत्र राज्य का 74वां विधानसभा क्षेत्र है. जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस विधानसभा क्षेत्र की खासियत यह है कि यहां से लगातार दूसरी बार किसी विधायक को जीत नहीं मिलती है. लातेहार विधानसभा क्षेत्र के जिला मुख्यालय समेत कुल 5 प्रखंड है. इन प्रखंडों में सदर प्रखंड के अलावा चंदवा, बालूमाथ, हेरहंज और बारियातू शामिल है. 2019 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक लातेहार विधानसभा क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या लगभग 2 लाख 60 हजार है. जिनमें पुरुष मतदाता की संख्या लगभग 1 लाख 35 हजार और महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 25 हजार है. यहां कुल 358 मतदान केंद्र अवस्थित है. लातेहार में साक्षरता दर लगभग 61% है. यह विधानसभा क्षेत्र लोहरदगा, सिमरिया, पांकी से सटा हुआ है.

लातेहार जिला की भौगोलिक स्थिति

लातेहार का क्षेत्रफल 3659.59 वर्ग किलोमीटर है. ये जिला छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से सटा है. लातेहार जिला में तीन कोयला खदान संचालित हैं. लातेहार जिला में 2 विधानसभा क्षेत्र हैं. लातेहार विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है तो मनिका विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. जिला में कुल 9 प्रखंड के साथ ही 13 थाना है. शहरी क्षेत्र नगर पंचायत है और शहरी क्षेत्र नगर पंचायत में 15 वार्ड हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 115 पंचायत और 772 गांव अवस्थित हैं. 2011 जनगणना के अनुसार जिला की कुल आबादी 7 लाख 20 हजार है तो साक्षरता दर 61.23 प्रतिशत है. लातेहार में महिला पुरुष का लिंग अनुपात 964 है.

इसे भी पढ़ें- मनिका विधानसभा क्षेत्र में बनता जा रहा दिलचस्प चुनावी समीकरण, भाजपा और इंडिया गठबंधन में संभावित उम्मीदवारों की भरमार - Jharkhand assembly election 2024

इसे भी पढे़ं- झारखंड के आदिवासी क्यों माने जाते हैं सत्ता की कुंजी, झारखंड की एसटी सीटों पर पक्ष-विपक्ष की नजर - Jharkhand Assembly Election

इसे भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव: टिकट के लिए BJP में कई दावेदार, नेता दिल्ली दरबार का लगा रहे चक्कर - Assembly Seats In Giridih

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इसे भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: लातेहार विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो

लातेहारः अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित लातेहार विधानसभा क्षेत्र हॉट केक बना हुआ है. लातेहार विधानसभा क्षेत्र में सभी दलों का अपना-अपना जनाधार है. इस कारण यहां इस बार गठबंधन में पेंच फंसने की संभावना प्रबल हो गई है. वर्तमान में यहां से झामुमो के विधायक बैद्यनाथ राम हैं. इसलिए इंडिया गठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा की दावेदारी स्वाभाविक है. इस बार लातेहार विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल भी अपनी दावेदारी मजबूती से पेश कर रहा है. दूसरी ओर एनडीए में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ही यहां से चुनाव मैदान में उतरेंगे. लेकिन एनडीए गठबंधन में कई प्रत्याशी हैं जो अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं.

झारखंड राज्य स्थापना के बाद से लातेहार विधानसभा क्षेत्र में अब तक जितने भी विधानसभा के चुनाव हुए उनमें अलग-अलग दल के प्रत्याशी चुनाव जीते. इस कारण यहां सभी दलों के प्रत्याशियों के द्वारा विधानसभा चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश की जा रही है. लातेहार विधानसभा क्षेत्र में सभी दलों का अपना-अपना जनाधार है. इसी कारण सभी दलों को यहां अपनी जीत की संभावना दिखती है. इसी संभावना के कारण इंडिया गठबंधन में शामिल राजद लातेहार विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहा है. दूसरी ओर पिछले चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर बैद्यनाथ राम के चुनाव जीतने के बाद झामुमो किसी भी सूरत में लातेहार विधानसभा क्षेत्र को छोड़ नहीं सकता है.

लातेहार नहीं देता दूसरा मौका!

झारखंड राज्य स्थापना के बाद से लातेहार विधानसभा चुनाव में अब तक बैद्यनाथ राम और प्रकाश राम में सीधा मुकाबला होता आया है. यहां के प्रत्याशियों के दल बदलने और लगातार दो बार चुनाव नहीं जीतने का रिकॉर्ड भी रहा है. वर्ष 2000 में जब झारखंड राज्य की स्थापना हुई थी तो उस समय लातेहार के विधायक बैद्यनाथ राम थे. बैद्यनाथ राम उस समय जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर चुनाव जीते थे.

वर्ष 2004 में प्रकाश राम यहां से राजद के टिकट पर विधायक चुने गए. उन्होंने उस समय झामुमो प्रत्याशी रामदेव गंझू को हराया था. बैद्यनाथ राम मंत्री होने के बावजूद उस चुनाव में तीसरे स्थान पर आ गए थे. वर्ष 2009 में बैद्यनाथ राम भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे. उस चुनाव में बैजनाथ राम लगभग 400 वोटों के मामूली अंतर से प्रकाश राम को हराने में सफल हुए थे. वर्ष 2014 में प्रकाश राम झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़े और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन राम को बड़े अंतर से हराया. वर्ष 2019 के चुनाव में बैद्यनाथ राम झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़कर भाजपा प्रत्याशी प्रकाश राम को बड़े अंतर से हराकर चुनाव जीते.

इंडिया गठबंधन में कई दावेदार

इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की अपनी-अपनी दावेदारी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से जहां वर्तमान विधायक बैद्यनाथ राम को फिर से टिकट मिलने की संभावना प्रबल है. वहीं दूसरी ओर राजद की ओर से सुरेश राम चुनावी तैयारी में लगे हुए हैं. दोनों दलों का दावा है कि इंडिया गठबंधन से लातेहार विधानसभा सीट उनके हिस्से में आएगी. इसी कारण दोनों दल चुनावी तैयारी में जोर शोर से लगे हुए हैं.

बागी बन खेला करने को तैयार!

भारतीय जनता पार्टी में भी कई दावेदार हैं. इनमें दो बार के विधायक रह चुके प्रकाश राम का नाम सबसे ऊपर है. प्रकाश राम का काफी अच्छा जनाधार है. लोगों के बीच रहना और जनता की समस्याओं के लिए आवाज उठाने के कारण क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है. वहीं दूसरी भाजपा नेता चेतलाल रामदास भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. भाजपा नेता संतोष पासवान भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें इस बार भाजपा का उम्मीदवार बनाया जाएगी. हालांकि भाजपा किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी यह तो भविष्य के गर्भ में है. परंतु भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के लिए भाजपा के बागी उम्मीदवार हमेशा ही सिरदर्द बन जाते हैं. बात चाहे वर्ष 2005 के चुनाव की हो, या फिर वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव की हो. दोनों ही बार भाजपा के बागी उम्मीदवार के चुनावी मैदान में खड़े हो जाने के कारण भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था.

भाजपा की जीत पक्की- पंकज

भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा कि भाजपा नेतृत्व जिसे भी लातेहार विधानसभा से उम्मीदवार बनाएगा, उस उम्मीदवार की जीत निश्चित है. उन्होंने कहा कि के प्रत्येक कार्यकर्ता चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं. इस बार लातेहार जिला के दोनों विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की जीत निश्चित है. उन्होंने कहा कि अपनी दावेदारी के लिए कुछ कार्यकर्ताओं ने आवेदन भी दिया है.

झामुमो ही लड़ेगा चुनाव- मोती

झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष लाल मोती नाथ शाहदेव ने कहा कि लातेहार विधानसभा क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा की दावेदारी स्वाभाविक है. यहां से झामुमो के प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में उतरेंगे और जीत हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रत्येक कार्यकर्ता और यहां की जनता झामुमो उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि झामुमो की ओर से कई उम्मीदवारों की दावेदारी आ रही है.

राजद का गढ़ रहा है लातेहार

राष्ट्रीय जनता दल के जिला उपाध्यक्ष रंजीत यादव ने कहा कि इस बार लातेहार विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल की दावेदारी है. उन्होंने कहा कि लातेहार विधानसभा क्षेत्र राष्ट्रीय जनता दल का गढ़ है. राजद उम्मीदवार यहां से भारी मतों से चुनाव जीतेंगे. उन्होंने कहा कि राजद कार्यकर्ताओं की भावनाओं से नेतृत्व को अवगत करा दिया गया है.

लातेहार विधानसभा सीट- एक परिचय

लातेहार विधानसभा क्षेत्र राज्य का 74वां विधानसभा क्षेत्र है. जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस विधानसभा क्षेत्र की खासियत यह है कि यहां से लगातार दूसरी बार किसी विधायक को जीत नहीं मिलती है. लातेहार विधानसभा क्षेत्र के जिला मुख्यालय समेत कुल 5 प्रखंड है. इन प्रखंडों में सदर प्रखंड के अलावा चंदवा, बालूमाथ, हेरहंज और बारियातू शामिल है. 2019 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक लातेहार विधानसभा क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या लगभग 2 लाख 60 हजार है. जिनमें पुरुष मतदाता की संख्या लगभग 1 लाख 35 हजार और महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 25 हजार है. यहां कुल 358 मतदान केंद्र अवस्थित है. लातेहार में साक्षरता दर लगभग 61% है. यह विधानसभा क्षेत्र लोहरदगा, सिमरिया, पांकी से सटा हुआ है.

लातेहार जिला की भौगोलिक स्थिति

लातेहार का क्षेत्रफल 3659.59 वर्ग किलोमीटर है. ये जिला छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से सटा है. लातेहार जिला में तीन कोयला खदान संचालित हैं. लातेहार जिला में 2 विधानसभा क्षेत्र हैं. लातेहार विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है तो मनिका विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. जिला में कुल 9 प्रखंड के साथ ही 13 थाना है. शहरी क्षेत्र नगर पंचायत है और शहरी क्षेत्र नगर पंचायत में 15 वार्ड हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 115 पंचायत और 772 गांव अवस्थित हैं. 2011 जनगणना के अनुसार जिला की कुल आबादी 7 लाख 20 हजार है तो साक्षरता दर 61.23 प्रतिशत है. लातेहार में महिला पुरुष का लिंग अनुपात 964 है.

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