वैशाली: एक साथ 48 बच्चों के बीमार होने से वैशाली जिले के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. जिले की स्वास्थ्य टीम प्रभावित क्षेत्र में दौरा करने गई थी, जहां से बीमार बच्चों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं. दरअसल वैशाली जिले के राजापाकर प्रखंड के बकरी सराय गांव में 48 से ज्यादा बच्चे एक साथ बीमार पड़ गए हैं.
वैशाली में 48 बच्चे खसरा प्रभावित: जब इन बच्चों की जांच की गई तो पता चला कि सभी मीजल्स (खसरा) से प्रभावित हैं. स्वास्थ्य विभाग को जब इसकी जानकारी मिली तो आनन-फानन में एक टीम को जांच के लिए भेजा गया. जांच के बाद पता चला कि सराय बकरी गांव के वार्ड नंबर 2 में 48 बच्चे मीजल्स से पीड़ित हैं. सभी बच्चों की उम्र 9 माह से लेकर 7 साल के बीच है.
मेडिकल टीम ने किया गांव का दौरा: चिकित्सकीय के जांच के बाद बच्चों का ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है. वहीं विटामिन ए की खुराक भी दिलाई गई. साथ ही बीमार बच्चों के लिए पेरासिटामोल सिरप और टैबलेट के साथ जिंक और ओआरएस का पैकेट दिया गया. बीमार बच्चों में से 9 बच्चों का ब्लड सैंपल लिया गया है, जिसके जांच के बाद यह पता चल पाएगा कि कैसे एक साथ इतने बड़े पैमाने पर बच्चे संक्रमित हो गए.
बच्चों का ब्लड सैंपल पटना एम्स भेजा गया: सभी ब्लड सैंपल को जांच के लिए पटना एम्स भेजा गया है. एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ माहेश्वरी की टीम गांव पहुंची थी. मेडिकल टीम में जिला सर्वेक्षण इकाई के डॉक्टर महेश्वरी सिंह महेश के अलावा जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर संजय कुमार दास, डॉक्टर श्वेता राय के साथ ही राजापाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर प्रकाश उपाध्याय मौजूद थे.
"आशा के द्वारा जानकारी मिली कि बकरी सराय गांव में एक साथ कई बच्चे खसरा से प्रभावित हो गए हैं. इसके बाद मैंने मामले का जांच पड़ताल किया और साथ ही जिला मुख्यालय से आई टीम के साथ घटनास्थल का दौरा किया. 9 बच्चों के ब्लड सैंपल जांच के लिए पटना एम्स भेजे गए हैं."- डॉ. प्रकाश उपाध्याय, प्रभारी राजापाकर पीएस
अफवाहों ने किया गांव के बच्चों को बीमार: वैशाली जिले के राजापाकर प्रखंड के सारी बकरी गांव के मुस्लिम बस्ती में बच्चों को समय पर टीका नहीं दिया गया. कहीं ना कहीं इसके पीछे कारण अफवाह बताया जा रहा है, जिसके तहत पीड़ित बच्चों के परिजनों का मानना था कि जो टीका दिया जा रहा है वह धार्मिक रूप से सही नहीं है.
लोगों को किया जा कहा जागरुक: इस विषय में खुद स्थानीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि गांव में ज्यादातर बच्चों को टीका नहीं लगा था, जिस वजह से बीमारी फैली है फिलहाल लोगों को जागरूक किया जा रहा है और तमाम मेडिकल सुविधाओं को उपलब्ध कराया गया है.
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