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मध्य प्रदेश में पड़ने वाले हैं सोयाबीन के लाले, किसानों के लिए मजबूरी बनी 'पीले सोने' की खेती - Farmers destroyed soybean crop

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 22, 2024, 9:16 AM IST

मध्य प्रदेश में सोयाबीन के दाम कम होने से नाराज किसान अपनी-अपनी खड़ी फसलों पर रोटावेटर चलाकर लहसुन की खेती करने की तैयारी में जुट गए हैं. किसानों के द्वारा ऐसा करने से प्रदेश में इस बार सोयाबीन की फसल का रकबा घट जाएगा. मंदसौर के कई किसानों ने सोयाबीन की फसल को नष्ट कर दिया है.

SOYBEAN MSP MADHYA PRADESH
मध्य प्रदेश में पड़ने वाले हैं सोयाबीन के लाले (ETV Bharat)

मंदसौर: सोयाबीन के उत्पादन में देश में नंबर वन रहे मध्य प्रदेश में अब इस फसल को ग्रहण लग गया है. प्रदेश में अब तेजी से सोयाबीन का रकबा घटता जा रहा है. यही नहीं सोयाबीन के दाम कम हो जाने से निराश किसान अपनी फसल को नष्ट कर रहे हैं. बीते दिनों मंदसौर में किसानों ने अपनी खेत में खड़ी सोयाबीन की फसल पर रोटावेटर चलाकर नष्ट कर दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ और प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय भी बना.

मध्य प्रदेश में पड़ने वाले हैं सोयाबीन के लाले (ETV Bharat)

लहसुन की खेती की तैयारी में जुटे किसान

सोयाबीन की फसल में फायदा नहीं मिलता देख किसान अब लहसुन की खेती के लिए खेत को तैयार करने में जुट गए हैं. केवल मंदसौर ही नहीं अन्य जिलों में भी किसान सोयाबीन की फसल पर रोटावेटर चलाकर लहसुन बोने की तैयारी कर रहे हैं. यही वजह है कि मध्य प्रदेश में आने वाले समय में सोयाबीन का रकबा घटने वाला है. दरअसल सोयाबीन की फसल नष्ट करने वाले किसानों का कहना है कि, ''सोयाबीन अब घाटे का सौदा साबित हो रही है. वर्तमान में मंडियों में सोयाबीन एमएसपी रेट से भी कम दाम में बिक रहा है.'' यही वजह है की मंदसौर के गरोठ और दलोदा से सोयाबीन फसल नष्टीकरण की तस्वीरें सामने आई हैं.

Farmer Destroyed Soybean Crop
रोटावेटर चलाकर फसल नष्ट कर रहे हैं किसान (ETV Bharat)

रोटावेटर चलाकर फसल नष्ट कर रहे हैं किसान

फसल नष्ट करने वालों किसानों का कहना है कि, अब सोयाबीन की खेती किसानों के लिए आफत बन रही है. गरोठ के किसान कमलेश पाटीदार ने अपनी 12 बीघा जमीन पर बोई सोयाबीन की फसल को रोटावेटर से नष्ट कर दिया. वहीं, दलोदा के किसान कमलेश्वर पाटीदार ने भी 5 बीघा में लगी सोयाबीन की फसल नष्ट कर दी है. किसानों को कहना है कि, ''वर्तमान में सोयाबीन के दाम अधिकतम 3800 प्रति क्विंटल तक मिल रहे हैं. 1 बीघा में तीन-साढे तीन क्विंटल उत्पादन ही मिल पाता है. सोयाबीन के उत्पादन में प्रति बीघा 10000 रुपए से अधिक तक खर्च हो जाते हैं.''

ये भी पढ़ें:

किसान को सोयाबीन ने दिया दर्द या सरकार ने! 10 बीघा में खड़ी सोयाबीन फसल पर चलाया ट्रैक्टर

900 एकड़ की खड़ी फसल होगी तहस नहस, जानिए क्यों किसानों के साथ प्रशासन किया ऐसा

किसानों के लिए मजबूरी बनी पीले सोने की खेती

कभी पीले सोने के नाम से मशहूर सोयाबीन अब किसानों के लिए मजबूरी की खेती बन गई है. बारिश के मौसम में किसी अन्य फसल के विकल्प मौजूद नहीं है. इसी कारण किसान आगामी सीजन की फसलों की जल्दी बुवाई करने में जुटे है. बीते वर्ष लहसुन के बंपर उत्पादन और अच्छे दामों की वजह से उत्साहित किसान इस वर्ष लहसुन की बुवाई जल्दी कर अच्छा मुनाफा लेना चाहते हैं. यह भी एक कारण है जिसकी वजह से किसान अपने लहलहाते सोयाबीन के खेतों पर रोटावेटर चला रहे हैं. बहरहाल ऑयल मिल्स की डिमांड कम होने से सोयाबीन के दाम निम्नतम स्तर पर बने हुए हैं, जिसकी वजह से किसान सोयाबीन की बजाय अन्य विकल्पों के बारे में विचार कर रहे हैं.

मंदसौर: सोयाबीन के उत्पादन में देश में नंबर वन रहे मध्य प्रदेश में अब इस फसल को ग्रहण लग गया है. प्रदेश में अब तेजी से सोयाबीन का रकबा घटता जा रहा है. यही नहीं सोयाबीन के दाम कम हो जाने से निराश किसान अपनी फसल को नष्ट कर रहे हैं. बीते दिनों मंदसौर में किसानों ने अपनी खेत में खड़ी सोयाबीन की फसल पर रोटावेटर चलाकर नष्ट कर दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ और प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय भी बना.

मध्य प्रदेश में पड़ने वाले हैं सोयाबीन के लाले (ETV Bharat)

लहसुन की खेती की तैयारी में जुटे किसान

सोयाबीन की फसल में फायदा नहीं मिलता देख किसान अब लहसुन की खेती के लिए खेत को तैयार करने में जुट गए हैं. केवल मंदसौर ही नहीं अन्य जिलों में भी किसान सोयाबीन की फसल पर रोटावेटर चलाकर लहसुन बोने की तैयारी कर रहे हैं. यही वजह है कि मध्य प्रदेश में आने वाले समय में सोयाबीन का रकबा घटने वाला है. दरअसल सोयाबीन की फसल नष्ट करने वाले किसानों का कहना है कि, ''सोयाबीन अब घाटे का सौदा साबित हो रही है. वर्तमान में मंडियों में सोयाबीन एमएसपी रेट से भी कम दाम में बिक रहा है.'' यही वजह है की मंदसौर के गरोठ और दलोदा से सोयाबीन फसल नष्टीकरण की तस्वीरें सामने आई हैं.

Farmer Destroyed Soybean Crop
रोटावेटर चलाकर फसल नष्ट कर रहे हैं किसान (ETV Bharat)

रोटावेटर चलाकर फसल नष्ट कर रहे हैं किसान

फसल नष्ट करने वालों किसानों का कहना है कि, अब सोयाबीन की खेती किसानों के लिए आफत बन रही है. गरोठ के किसान कमलेश पाटीदार ने अपनी 12 बीघा जमीन पर बोई सोयाबीन की फसल को रोटावेटर से नष्ट कर दिया. वहीं, दलोदा के किसान कमलेश्वर पाटीदार ने भी 5 बीघा में लगी सोयाबीन की फसल नष्ट कर दी है. किसानों को कहना है कि, ''वर्तमान में सोयाबीन के दाम अधिकतम 3800 प्रति क्विंटल तक मिल रहे हैं. 1 बीघा में तीन-साढे तीन क्विंटल उत्पादन ही मिल पाता है. सोयाबीन के उत्पादन में प्रति बीघा 10000 रुपए से अधिक तक खर्च हो जाते हैं.''

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किसानों के लिए मजबूरी बनी पीले सोने की खेती

कभी पीले सोने के नाम से मशहूर सोयाबीन अब किसानों के लिए मजबूरी की खेती बन गई है. बारिश के मौसम में किसी अन्य फसल के विकल्प मौजूद नहीं है. इसी कारण किसान आगामी सीजन की फसलों की जल्दी बुवाई करने में जुटे है. बीते वर्ष लहसुन के बंपर उत्पादन और अच्छे दामों की वजह से उत्साहित किसान इस वर्ष लहसुन की बुवाई जल्दी कर अच्छा मुनाफा लेना चाहते हैं. यह भी एक कारण है जिसकी वजह से किसान अपने लहलहाते सोयाबीन के खेतों पर रोटावेटर चला रहे हैं. बहरहाल ऑयल मिल्स की डिमांड कम होने से सोयाबीन के दाम निम्नतम स्तर पर बने हुए हैं, जिसकी वजह से किसान सोयाबीन की बजाय अन्य विकल्पों के बारे में विचार कर रहे हैं.

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