मंडला। जिले में दो योजनाएं प्रस्तावित हैं और दोनों योजनाओं का क्षेत्रीय जनता लंबे समय से विरोध करती आ रही है. जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी को नुकसान भी हुआ है. बीते वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में इन्ही दो परियोजनाओं की वजह से जिले में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. जिले के नारायणगंज विकासखंड में चुटका परमाणु संयंत्र और मोहगांव व घुँघरी विकासखंड की जमीन पर खेती किसानी के लिए बांध बनना है. इन दोनों योजनाओं का ग्रामीण काफी लंबे समय से विरोध करते नजर आ रहे हैं. मंगलवार को बांध विरोधी संघर्ष समिति ने ग्राम महापंचायत बुलाई थी, जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा, कांग्रेस और गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी के नेता व जनप्रतिनिधि शामिल होने पहुंचे.
ग्रामीणों की दो टूक, नहीं देंगे जल, जंगल, जमीन
बीते दिनों सरकार ने बसनियां बांध का शिलान्यास किया था. जिसका कई ग्रामों की जनता ने शिलान्यास का विरोध करते हुए मंगलवार 5 मार्च को बसनियाँ बांध संघर्ष समिति ने महापंचायत बुलाई थी. जिसमें दर्जनों ग्रामों के सैकड़ों महिला पुरुष शामिल हुए. इसी दौरान संघर्ष समिति की महिलाओं ने मीडिया से बातचीत करते हुआ बताया ''हम लोग अपने जल, जंगल, जमीन किसी को नही देंगे. हम यहां पर बहुत खुश हैं, हम नहीं चाहते हमारी जमीन पर बांध बने. अगर सरकार फिर भी बांध बनाना चाहती है तो हमको जहर देदे और यहाँ बांध बना ले.''
फग्गन सिंह कुलस्ते का विरोध
बांध विरोधी महापंचायत में भाजपा, कांग्रेस व गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जनप्रतिनिधि शामिल हुए और सभी ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए जनता का दिल जीतने का प्रयास किया. इसी तारमत्म्य में बांध विरोधी महापंचायत में शामिल होने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते पहुंचे, इस दौरान उन्हें जनता के विरोध का भी सामना करना पड़ा. लेकिन बाद में जनता मान गई. फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा ''केंद्र या राज्य सरकार कोई योजना बनाती है तो सबका ख्याल रख कर बनाती है.''
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प्रभावित ग्रामीणों को भरपूर मुआवजा मिलेगा
फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा ''इस बांध से करीब 12 गांव प्रभावित होंगे जिसमें 6 गांव मंडला जिले के और 6 गांव डिंडोरी जिले के शामिल हैं. लेकिन अभी तो बांध के लिए न तो डीपीआर बना है और न ही सर्वे हुआ है. हमने ऊपर भी बोला है जब तक संघर्ष समिति के साथ बातचीत नहीं होगी तब तक यह दुखदाई होगा. अगर यह बांध बनता है तो में पूरा प्रयास करूंगा कि पुनर्वास नीति के तहत प्रभावित ग्रामीणों को भरपूर मुआवजा मिले. अगर नहीं बनता है तो कोई बात नहीं है. आज संघर्ष समिति ने जो बात मेरे समक्ष रखी है में उसको दोनों सरकारों के समक्ष रखूंगा.