मंडला। कान्हा टाइगर रिजर्व में वर्तमान में कुल कुल 16 हाथी हैं. इनमें से कुछ हाथियो को देश के विभिन्न हाथी मेलों से क्रय किया गया है. कुछ हाथियों की पैदाइश राष्ट्रीय उद्यान में ही हुई है. इन हाथियों की मदद से कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में वन्यप्राणियों की सुरक्षा में ली जाती है. हाथियों एवं उनके महावतों के साथ काम करने वाले कर्मचारियों को सालभर कठिन परिश्रम करना पड़ता है. इसलिए सालभर में एक बार इनकी थकान मिटाने और तरोताजा करने के लिए इस प्रकार के कैंप का आयोजन किया जाता है.
हाथियों को भांति-भांति के फलों के साथ व्यंजन परोसे
सालभर काम करने के बाद हाथियों व स्टाफ को आराम की आवश्यकता होती है. इसके लिए उन्हें एक सप्ताह का विश्राम दिया जाता है. इस वर्ष रिजुविनेशन कैंप 15 सिंतबर को शुरू हुआ. और इसका समापन 20 सितंबर को हुआ. इस अवधि के दौरान सभी 16 हाथियों के स्वास्थ्य की विशेष देखरेख की गई. इस दौरान सभी महावतों को भी तरोताजा किया गया. हाथियों को अतिरिक्त खुराक के साथ ही खास विटामिन्स, फल-फूल आदि परोसे गये. हाथियों की सेवा में लगे समस्त महावतों एवं अन्य स्टाफ का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.
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हाथियों की तेल मालिश के साथ नाखून काटे
सात दिन चले कैंप में प्रतिदिन प्रातः चाराकटर द्वारा हाथियों को जंगल से लाकर नहलाकर रिजुविनेशन कैंप में लाया जाता रहा. हाथियों के पैर में नीम तेल तथा सिर में अरण्डी तेल की मालिश की गई. उन्हें गन्ना, केला, मक्का, आम, अनानास, नारियल आदि खिलाए गए. हाथियों के नाखूनों की ट्रिमिंग, दवा द्वारा पेट के कृमियों की सफाई के साथ ही दांतों की आवश्यतानुसार कटाई की गई. कैंप का समापन संचालक कान्हा टाइगर रिजर्व एसके सिंह द्वारा किया गया. सप्ताह भर चले कैंप में पुनीत गोयल उप संचालक, अमीता के.बी. उप संचालक बफर जोन वनमंडल सहित कान्हा टाइगर रिजर्व अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे.