प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश मुख्य सेविका भर्ती 2022 के परिणाम पर रोक के आदेश को संशोधित किया है. अदालत ने कहा कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग मुख्य सेविका के 126 पदों को रिक्त रखकर शेष पदों के लिए कानून के अनुसार परिणाम घोषित कर सकता है.
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने गुरुवार को दिया. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिवक्ता सिद्धार्थ सिंघल ने तर्क दिया कि 13 दिसंबर 2023 के अंतरिम आदेश से आयोग को मुख्य सेविका पद के लिए आयोजित चयन के संबंध में परिणाम घोषित न करने का निर्देश दिया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि यह विवादित नहीं है कि केवल 126 उम्मीदवार मुख्य सेविका के पद पर नियुक्ति के लिए याचिका है इसलिए यदि याचिका स्वीकार होती है, तो केवल 126 मुख्य सेविका पद उन्हें दिए जाएंगे.
वहीं 2693 पदों के लिए चयन हुआ है. उन्होंने 13 दिसंबर 2023 के आदेश इस सीमा तक संशोधित किया करने का अनुरोध किया कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग शेष पदों के लिए परिणाम घोषित करने की अनुमति दी जाए. मामले के तथ्यों के अनुसार उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 2022 में मुख्य सेविका के 2693 पदों की स्थायी नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था. इस भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा के बाद संविदाकर्मी अनीता सिंह व अन्य 74 की याचिका पर हाईकोर्ट ने लिखित परीक्षा के परिणाम पर रोक लगा दी थी.
अनीता सिंह व अन्य 75 संविदाकर्मी के रूप में 2003 से कार्यरत हैं. उन्होंने अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर मुख्य सेविका भर्ती परीक्षा 2022 को याचिका में चुनौती दी. इस समय 126 महिलाएं ही संविदाकर्मी के रूप में कार्य कर रही हैं. याचियों ने 2693 पदों को चुनौती दी थी. याचिका में भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग कर रही अभ्यर्थियों ने की ओर से अधिवक्ता आलोक मिश्र ने पक्ष रखा.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने 2693 में से 126 पदों पर परिणाम जारी करने पर रोक लगाते हुए शेष 2567 पदों का परिणाम जारी करने का आदेश. दिया. साथ ही शेष 126 संविदाकार्मियों का वेतन दो सप्ताह में जारी करने का निर्देश देते हुए और उनके मामले में सुनवाई के लिए पांच दिसम्बर की तारीख लगाई है.
ये भी पढ़ें- खाली कुर्सी देखकर एक मिनट में ही मंच छोड़कर भागे डिप्टी सीएम, कटेहरी में सपा के परिवारवाद पर जमकर बरसे केशव मौर्य