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महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज और बुंदेलखंड विश्विद्यालय का टूटेगा 49 साल पुराना साथ - Maharani Laxmibai Medical College

महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज और बुंदेलखंड विश्विद्यालय का 49 साल पुराना साथ अब टूटने जा रहा है.मेडिकल कॉलेज झांसी का पहला पीजी बैच लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट किया जा रहा है.

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महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल और बुंदेलखंड विश्विद्यालय (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 31, 2024, 10:02 AM IST

झांसी: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का 49 साल पुराना साथ अब खत्म होने जा रहा है. लखनऊ की अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्धता के बाद मेडिकल कॉलेज के पीजी छात्रों का पहला बैच अब वहां शिफ्ट किया जा रहा है. धीमे-धीमे सभी बैच शिफ्ट करने के बाद बुंदेलखंड विवि से मेडिकल कॉलेज की संबद्धता पूरी तरह खत्म हो जाएगी. लंबे समय से बीयू से जुड़े होने के कारण मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सभी कार्य कराने में आसानी होती थी, पर अब नई व्यवस्था को समझना होगा.

महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज का पहला बैच 1968 में शुरू हुआ था, उस वक्त मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग निर्माणाधीन थी. उस वक्त मेडिकल कॉलेज को कानपुर विवि से संबद्ध किया गया. वर्ष 1971 में मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई. यहीं से बैच का संचालन शुरू हो गया. लेकिन, संबद्धता कानपुर विवि से ही रही. इसके बाद वर्ष 1975 में बुंदेलखंड विविशुरू हो गया.

मेडिकल कॉलेज के संचालन को आसान करने के लिए इसे बीयू से 1975 में ही संबद्ध कर दिया गया. इसके बाद से लगातार मेडिकल कॉलेज से पास होने वाले छात्रों को डिग्री बीयू ही देता है. इसके अलावा परीक्षा कराने का जिम्मा भी बीयू के पास होता है. बीयू और मेडिकल कॉलेज प्रशासन समन्वय बनाकर यह काम करते रहे. चूंकि, बीयू में मेडिकल कोर्स नहीं हैं, इसलिए मेडिकल कॉलेज को किसी मेडिकल यूनिवर्सिटी से जोड़ने की कवायद शुरू हुई.

इसे भी पढ़े-महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने फटी आंत जोड़कर बचाई मरीज की जान, बुंदेलखंड में पहला जटिल ऑपरेशन - Maharani Lakshmibai Medical College

इस मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट होगा पीजी का पहला बैच: वर्ष 2021 में लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी शुरू हुई, तो मेडिकल कॉलेज झांसी को इससे संबद्ध करने का एलान कर दिया गया. हालांकि, तीन साल में मेडिकल कॉलेज का एक भी बैच वहां शिफ्ट नहीं हो पाया. अब इस शैक्षणिक सत्र का पहला पीजी बैच लखनऊ की मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट किया जा रहा है. इसके लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं. इस बैच के बाद धीमे-धीमे सभी वर्तमान में चल रहे नये बैच का रिकॉर्ड भी वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा. इसका मतलब यह होगा, कि मेडिकल कॉलेज की परीक्षाएं अब लखनऊ की मेडिकल यूनिवर्सिटी ही कराएगी और डिग्री भी वही देगी.

मेडिकल कॉलेज प्रशासन के सामने थोड़ी समस्या यह होगी कि अभी तक बीयू से उनका लंबे समय तक समन्वय होने के कारण सभी काम आसानी से हो जाते थे, पर अब नई यूनिवर्सिटी से समन्वय स्थापित करना होगा. माना जा रहा है, कि अगले शैक्षणिक सत्र से पहले सभी बैच का रिकॉर्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट हो जाएगा. मेडिकल कॉलेज झांसी के प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर का कहना है की मेडिकल कॉलेज का पहला पीजी बैच लखनऊ मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट किया जा रहा है. इसी प्रकार सभी बैच वहां शिफ्ट कर दिए जाएंगे और बीयू से मेडिकल कॉलेज का रिकॉर्ड पूरी तरह हट जाएगा.


यह भी पढ़े-कानपुर यूनिवर्सिटी के 35000 स्टूडेंट के लिए अच्छी खबर; स्पेशल बैक परीक्षा पर मुहर, फेल छात्रों को एक और मौका - Csjmu special back exam

झांसी: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का 49 साल पुराना साथ अब खत्म होने जा रहा है. लखनऊ की अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्धता के बाद मेडिकल कॉलेज के पीजी छात्रों का पहला बैच अब वहां शिफ्ट किया जा रहा है. धीमे-धीमे सभी बैच शिफ्ट करने के बाद बुंदेलखंड विवि से मेडिकल कॉलेज की संबद्धता पूरी तरह खत्म हो जाएगी. लंबे समय से बीयू से जुड़े होने के कारण मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सभी कार्य कराने में आसानी होती थी, पर अब नई व्यवस्था को समझना होगा.

महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज का पहला बैच 1968 में शुरू हुआ था, उस वक्त मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग निर्माणाधीन थी. उस वक्त मेडिकल कॉलेज को कानपुर विवि से संबद्ध किया गया. वर्ष 1971 में मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई. यहीं से बैच का संचालन शुरू हो गया. लेकिन, संबद्धता कानपुर विवि से ही रही. इसके बाद वर्ष 1975 में बुंदेलखंड विविशुरू हो गया.

मेडिकल कॉलेज के संचालन को आसान करने के लिए इसे बीयू से 1975 में ही संबद्ध कर दिया गया. इसके बाद से लगातार मेडिकल कॉलेज से पास होने वाले छात्रों को डिग्री बीयू ही देता है. इसके अलावा परीक्षा कराने का जिम्मा भी बीयू के पास होता है. बीयू और मेडिकल कॉलेज प्रशासन समन्वय बनाकर यह काम करते रहे. चूंकि, बीयू में मेडिकल कोर्स नहीं हैं, इसलिए मेडिकल कॉलेज को किसी मेडिकल यूनिवर्सिटी से जोड़ने की कवायद शुरू हुई.

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इस मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट होगा पीजी का पहला बैच: वर्ष 2021 में लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी शुरू हुई, तो मेडिकल कॉलेज झांसी को इससे संबद्ध करने का एलान कर दिया गया. हालांकि, तीन साल में मेडिकल कॉलेज का एक भी बैच वहां शिफ्ट नहीं हो पाया. अब इस शैक्षणिक सत्र का पहला पीजी बैच लखनऊ की मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट किया जा रहा है. इसके लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं. इस बैच के बाद धीमे-धीमे सभी वर्तमान में चल रहे नये बैच का रिकॉर्ड भी वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा. इसका मतलब यह होगा, कि मेडिकल कॉलेज की परीक्षाएं अब लखनऊ की मेडिकल यूनिवर्सिटी ही कराएगी और डिग्री भी वही देगी.

मेडिकल कॉलेज प्रशासन के सामने थोड़ी समस्या यह होगी कि अभी तक बीयू से उनका लंबे समय तक समन्वय होने के कारण सभी काम आसानी से हो जाते थे, पर अब नई यूनिवर्सिटी से समन्वय स्थापित करना होगा. माना जा रहा है, कि अगले शैक्षणिक सत्र से पहले सभी बैच का रिकॉर्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट हो जाएगा. मेडिकल कॉलेज झांसी के प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर का कहना है की मेडिकल कॉलेज का पहला पीजी बैच लखनऊ मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट किया जा रहा है. इसी प्रकार सभी बैच वहां शिफ्ट कर दिए जाएंगे और बीयू से मेडिकल कॉलेज का रिकॉर्ड पूरी तरह हट जाएगा.


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