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MHU का ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी के साथ करार, स्टूडेंट एक साथ ले सकेंगे 2 डिग्री - MAHARANA PRATAP UDYAN UNIVERSITY

महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल ने वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के साथ एक करार किया है.

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MHU का ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी के साथ करार (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 18 hours ago

करनाल: महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी ने वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के साथ एक करार किया है. समझौते में दोनों ही विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी दोहरी डिग्री हासिल कर सकेंगे. स्वैच्छिक विकल्प चुनने वाले विद्यार्थी ही दोनों यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर पाएंगे. इसके लिए महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय को वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया से समझौते को लेकर पुष्टि पत्र मिल चुका हैं.

कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्टता की ओर बढ़ रही है. पिछले वर्ष एमएचयू 4 अलग-अलग ख्याति प्राप्त देशों के साथ समझौते करने की ओर अग्रसर हुआ. इसी कड़ी में वेस्ट्रर्न सिडनी यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया के साथ अनुसंधान एवं शिक्षा के क्षेत्र में मिलकर काम करने पर समझौता हुआ है, जिसकी सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है. ऐसे में बागवानी के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा.

मधुमक्खी, बायो टेक्नोलॉजी, संरक्षित खेती पर होगी रिसर्च शुरू : कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर मधुमक्खी पालन, बॉयो टेक्नोलॉजी और संरक्षित खेती पर अनुसंधान शुरू करेगा, ताकि बागवानी फसलों की अधिक गुणवत्ता वाला उत्पादन लेने के लिए आधुनिक तकनीकों का विकास होगा. जिसका सीधा फायदा हमारे किसान भाइयों को मिलेगा.

किसानों को विश्व स्तरीय तकनीक उपलब्ध होगी : महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय किसानों को विश्व स्तरीय उन्नत तकनीक उपलब्ध करवाने के लिए गंभीरता के साथ काम कर रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे. विश्व की बेहतरीन बागवानी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम किया जा रहा हैं और वहां पर बागवानी की खेती के उन्नत मॉडल पर शोध करके भारत के बागवानी के क्षेत्र के अनुरूप ढालकर किसानों तक पहुंचाया जाएगा. जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा.

जापान, इंग्लैंड, अमेरिका के साथ हुआ एमओयू साइन: डॉ. मल्होत्रा

कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू ने पिछले साल इंग्लैंड की ब्रुनेल यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू किया था, जिसके तहत सौर ऊर्जा आधारित शीत भंडारण पर अनुसंधान कार्य शुरू हो चुका है. इसी तरह जापान की कोच्चि विश्वविद्यालय के साथ भी अनुसंधान एवं शिक्षा के लिए समझौता हुआ हैं. दोनों ही विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक नई तकनीकों को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे है. इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय उर्वरक विकास केंद्र अमेरिका के साथ भी एमओयू हो चुका है.

इसे भी पढ़ें : नूंह वासियों के लिए खुशखबरी, केंद्र सरकार जल्द कर सकती है यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा, दो राज्यों को होगा फायदा

इसे भी पढ़ें : हिसार की संतोष को अमेरिकी यूनिवर्सिटी से ph.d के लिए मिली फैलोशिप, GJUST ने जताया हर्ष

करनाल: महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी ने वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के साथ एक करार किया है. समझौते में दोनों ही विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी दोहरी डिग्री हासिल कर सकेंगे. स्वैच्छिक विकल्प चुनने वाले विद्यार्थी ही दोनों यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर पाएंगे. इसके लिए महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय को वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया से समझौते को लेकर पुष्टि पत्र मिल चुका हैं.

कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्टता की ओर बढ़ रही है. पिछले वर्ष एमएचयू 4 अलग-अलग ख्याति प्राप्त देशों के साथ समझौते करने की ओर अग्रसर हुआ. इसी कड़ी में वेस्ट्रर्न सिडनी यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया के साथ अनुसंधान एवं शिक्षा के क्षेत्र में मिलकर काम करने पर समझौता हुआ है, जिसकी सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है. ऐसे में बागवानी के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा.

मधुमक्खी, बायो टेक्नोलॉजी, संरक्षित खेती पर होगी रिसर्च शुरू : कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर मधुमक्खी पालन, बॉयो टेक्नोलॉजी और संरक्षित खेती पर अनुसंधान शुरू करेगा, ताकि बागवानी फसलों की अधिक गुणवत्ता वाला उत्पादन लेने के लिए आधुनिक तकनीकों का विकास होगा. जिसका सीधा फायदा हमारे किसान भाइयों को मिलेगा.

किसानों को विश्व स्तरीय तकनीक उपलब्ध होगी : महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय किसानों को विश्व स्तरीय उन्नत तकनीक उपलब्ध करवाने के लिए गंभीरता के साथ काम कर रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे. विश्व की बेहतरीन बागवानी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम किया जा रहा हैं और वहां पर बागवानी की खेती के उन्नत मॉडल पर शोध करके भारत के बागवानी के क्षेत्र के अनुरूप ढालकर किसानों तक पहुंचाया जाएगा. जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा.

जापान, इंग्लैंड, अमेरिका के साथ हुआ एमओयू साइन: डॉ. मल्होत्रा

कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू ने पिछले साल इंग्लैंड की ब्रुनेल यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू किया था, जिसके तहत सौर ऊर्जा आधारित शीत भंडारण पर अनुसंधान कार्य शुरू हो चुका है. इसी तरह जापान की कोच्चि विश्वविद्यालय के साथ भी अनुसंधान एवं शिक्षा के लिए समझौता हुआ हैं. दोनों ही विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक नई तकनीकों को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे है. इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय उर्वरक विकास केंद्र अमेरिका के साथ भी एमओयू हो चुका है.

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