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गजब के शातिर हैं भाई! फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर ठगे लाखों सरकारी पैसे, दो गिरफ्तार - NUH FAKE DEATH CERTIFICATE CASE

नूंह में फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर ठगों ने 2.15 लाख रुपए की ठगी की. पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

Nuh Fake Death Certificate Case
नूंह फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाकर ठगी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 9, 2025, 10:04 AM IST

Updated : Jan 9, 2025, 10:21 AM IST

नूंहः जिला पुलिस ने फर्जी डेठ सर्टिफिकेट बवाकर ठगी के मामले में सीएससी संचालक सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ये फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाकर मृत्यु सहायता राशि योजना से 2.15 लाख रुपए की ठगी किए हैं. जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने लैबर डिपार्टमेंट के कर्मचारियों की मिलीभगत से वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस ने दोनों के मोबाइल और सिम कार्ड जब्त कर लिए हैं. फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.

जानिए पूरा मामला: ये पूरी घटना नूंह जिले की है. नूंह की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनाक्षी सिंह ने बताया, "पिछले साल अगस्त में दल्लाबास पुन्हाना के रहने वाले मोहम्मद हनीफ ने साइबर थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे मजदूर पंजीकरण के तहत मिलने वाली हरियाणा सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी मिली थी. इसके बाद उन्होंने गांव के ही सीएससी संचालक के माध्यम से मजदूर पंजीकरण कॉपी बनवाने के लिए आवेदन दिया. उस दौरान उनकी मुलाकात पुन्हाना वार्ड-11 लक्ष्मीनगर कॉलोनी में रहने वाले अरबाज से हुई.उन्होंने मजदूर पंजीकरण के तहत मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए उनका और पत्नी का आधार व पैन कार्ड नंबर सहित अन्य दस्तावेज मांगे.

फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर ठगे लाखों सरकारी पैसे (ETV Bharat)

फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के जरिए धोखाधड़ी: आगे एएसपी ने जानकारी दी कि दस्तावेज मांगने के बाद एक दिन नूंह बस स्टैंड पर बुलाकर फिरोजपुर के जाबिर से मुलाकात कराई थी. उन्हें पता चला कि मजदूर पंजीकरण की योजना के तहत कुछ राशि खातों में जारी की गई है. उन्होंने सीएससी संचालक से संपर्क किया तो उनकी कॉपी कैंसिल होने की बात कहते हुए फैमिली का आईडी नंबर पूछा. फिर उनका फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाकर पोर्टल पर अपलोड कर दिया. इसके बाद मजदूर पंजीकरण के तहत मिलने वाली सरकारी राशी के नाम पर 2.15 लाख रुपये फर्जी खातों में डलवा लिए. विवाद का पंचायत स्तर पर समाधान करने का प्रयास हुआ, तो उन्हें गाली-गलौज देकर भगा दिया गया.

जालसाजों ने पीड़ित के पैन कार्ड, आधार कार्ड और मजदूर पंजीकरण कॉपी आदि दस्तावेज का प्रयोग धोखाधड़ी में किया. आरोपियों ने पीड़ित के दस्तावेज लेकर फर्जी मोबाइल नंबर और ऑनलाइन तकनीकी सहायता से बैंक खाता और अन्य फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किए थे. आरोपी अरबाज और सीएससी संचालक जाबिर को गुप्त सूचना के आधार पर दबोचा गया है. दोनों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा. -सोनाक्षी सिंह ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक

दोनों आरोपी गिरफ्तार: पीड़ित ने साइबर थाना पुलिस को अरबाज और जाबिर के खिलाफ शिकायत की थी. इसी शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस ने जांच तेज की. पुलिस ने सीएससी संचालक सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया है.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम में डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन फ्रॉड में 8 गिरफ्तार, 15 करोड़ से ज्यादा की ठगी को दे चुके हैं अंजाम

नूंहः जिला पुलिस ने फर्जी डेठ सर्टिफिकेट बवाकर ठगी के मामले में सीएससी संचालक सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ये फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाकर मृत्यु सहायता राशि योजना से 2.15 लाख रुपए की ठगी किए हैं. जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने लैबर डिपार्टमेंट के कर्मचारियों की मिलीभगत से वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस ने दोनों के मोबाइल और सिम कार्ड जब्त कर लिए हैं. फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.

जानिए पूरा मामला: ये पूरी घटना नूंह जिले की है. नूंह की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनाक्षी सिंह ने बताया, "पिछले साल अगस्त में दल्लाबास पुन्हाना के रहने वाले मोहम्मद हनीफ ने साइबर थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे मजदूर पंजीकरण के तहत मिलने वाली हरियाणा सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी मिली थी. इसके बाद उन्होंने गांव के ही सीएससी संचालक के माध्यम से मजदूर पंजीकरण कॉपी बनवाने के लिए आवेदन दिया. उस दौरान उनकी मुलाकात पुन्हाना वार्ड-11 लक्ष्मीनगर कॉलोनी में रहने वाले अरबाज से हुई.उन्होंने मजदूर पंजीकरण के तहत मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए उनका और पत्नी का आधार व पैन कार्ड नंबर सहित अन्य दस्तावेज मांगे.

फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर ठगे लाखों सरकारी पैसे (ETV Bharat)

फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के जरिए धोखाधड़ी: आगे एएसपी ने जानकारी दी कि दस्तावेज मांगने के बाद एक दिन नूंह बस स्टैंड पर बुलाकर फिरोजपुर के जाबिर से मुलाकात कराई थी. उन्हें पता चला कि मजदूर पंजीकरण की योजना के तहत कुछ राशि खातों में जारी की गई है. उन्होंने सीएससी संचालक से संपर्क किया तो उनकी कॉपी कैंसिल होने की बात कहते हुए फैमिली का आईडी नंबर पूछा. फिर उनका फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाकर पोर्टल पर अपलोड कर दिया. इसके बाद मजदूर पंजीकरण के तहत मिलने वाली सरकारी राशी के नाम पर 2.15 लाख रुपये फर्जी खातों में डलवा लिए. विवाद का पंचायत स्तर पर समाधान करने का प्रयास हुआ, तो उन्हें गाली-गलौज देकर भगा दिया गया.

जालसाजों ने पीड़ित के पैन कार्ड, आधार कार्ड और मजदूर पंजीकरण कॉपी आदि दस्तावेज का प्रयोग धोखाधड़ी में किया. आरोपियों ने पीड़ित के दस्तावेज लेकर फर्जी मोबाइल नंबर और ऑनलाइन तकनीकी सहायता से बैंक खाता और अन्य फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किए थे. आरोपी अरबाज और सीएससी संचालक जाबिर को गुप्त सूचना के आधार पर दबोचा गया है. दोनों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा. -सोनाक्षी सिंह ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक

दोनों आरोपी गिरफ्तार: पीड़ित ने साइबर थाना पुलिस को अरबाज और जाबिर के खिलाफ शिकायत की थी. इसी शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस ने जांच तेज की. पुलिस ने सीएससी संचालक सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया है.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम में डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन फ्रॉड में 8 गिरफ्तार, 15 करोड़ से ज्यादा की ठगी को दे चुके हैं अंजाम

Last Updated : Jan 9, 2025, 10:21 AM IST
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