जैसलमेर. स्वर्णनगरी जैसलमेर से अयोध्या तक पैदल यात्रा पर गए देवचंद्रेश्वर महादेव मंदिर के गादीपति भगवान भारती महाराज 58 दिनों बाद पुनः जैसलमेर पहुंच गए हैं. करीब 1400 किलोमीटर की पैदल यात्रा उन्होंने तय की. भारती महाराज के जैसलमेर पहुंचने पर भक्तों की ओर से उनका भव्य स्वागत किया गया. इस अवसर पर शहर के गड़ीसर चौराहे से गोपा चौक, मुख्य बाजार, गांधी चौक होते हुए देवचन्द्रेश्वर महादेव मंदिर तक भव्य स्वागत यात्रा निकाली गई. स्वागत यात्रा के पूरे मार्ग में पुष्प वर्षा व माल्यार्पण कर जगह-जगह भारती महाराज का भव्य स्वागत किया गया.
बता दें कि देवचन्द्रेश्वर महादेव मंदिर के महंत भारती महाराज करीब 1400 किलोमीटर की जैसलमेर से अयोध्या के रामलला मंदिर तक की यात्रा पूरी कर जैसलमेर पहुंचे हैं. उन्हें इस यात्रा में करीब डेढ़ महीने का समय लगा. महंत भारती महाराज के अयोध्या पैदल यात्रा कर वापस जैसलमेर आने जानकारी मिलने पर काफी संख्या में भक्त उनसे मिलने पहुंचे. जैसलमेर पहुंचने पर शहरवासियों ने महंत का भव्य स्वागत किया. भारती महाराज ने अपने सभी भक्तों का आभार प्रकट किया. इस अवसर पर भारती महराज ने कहा कि सनतान धर्म के प्रचार के लिए उन्होंने यह यात्रा की है. उन्होंने कहा कि जहां धर्म के प्रचार की बात होगी, तो हमारा काम सबसे आगे रहकर तपस्या करना है.
पहले कंप्यूटर ऑपरेटर थे महंत : बता दें कि महंत भारती जिले के देवा गांव के निवासी हैं और उनकी भक्ति के प्रति शुरू से ही रुचि रही है. पूर्व में वे पंचायत समिति में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर काम कर रहे थे. उनका जैसलमेर स्थित 800 साल पुराने देव चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में आना-जाना शुरू हुआ और वो मंदिर के पुराने महंत की देखभाल करने लगे. धीरे-धीरे उनका रुझान भक्ति में बढ़ने लगा, जिसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ संन्यास ले लिया और पुराने महंत की मृत्यु के बाद से ही वे इस मंदिर के गादीपति बन गए. पूर्व में भारती महाराज जैसलमेर से हरिद्वार तक की कावड़ यात्रा कर चुके हैं. वहीं, उन्होंने सावन के पूरे महीने में एक पैर पर खड़े रहकर तपस्या की थी.