प्रयागराज: महाकुंभ 2025 योगी सरकार के लिए ग्लोबल ब्रांडिंग का भी मंच बनने जा रहा है. योगी सरकार की मंशा के अनुरूप प्रयागराज शहर और जनपद की सीमाओं को पूरी भव्यता के साथ सजाया जा रहा है. जिले की सीमाओं में चार भव्य विशाल प्रवेश द्वार का निर्माण इसी कड़ी का हिस्सा है. 'अतिथि देवो भव' के मूल मंत्र को लेकर तैयारी में जुटी योगी सरकार महाकुंभ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का जिले की सीमा पर ही भव्य स्वागत करेगी. उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम सभी दिशाओं से श्रद्धालु और पर्यटक जैसे ही जिले की सीमा में प्रवेश करेंगे, उनका अभिनंदन किया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस के पास है.
सीएंडडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार राना बताते हैं, महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को जिले की सीमा में दाखिल होते ही धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभूति होगी. अलग-अलग दिशाओं में चार भव्य प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं. इनमें तीन प्रवेश द्वारों का 2019 के कुंभ में निर्माण किया गया था, जिसका कायाकल्प और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. चौथे शिवा द्वार के निर्माण के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की अनुमति मिल गई है. इसका निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है.
18.93 करोड़ के बजट से हो रहा है निर्माण और कायाकल्प: प्रयागराज महाकुंभ में सड़क मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक होगी. प्रशासन के अनुमान के मुताबिक लगभग 30 करोड़ से अधिक श्रद्धालु सड़क मार्ग से कुंभ नगरी आएंगे. प्रयागराज जनपद की सीमा में दाखिल होते ही गंगा, यमुना, सरस्वती और शिवा द्वार श्रद्धालुओं का स्वागत करेंगे. प्रोजेक्ट मैनेजर के मुताबिक 18.93 करोड़ के बजट से इनका निर्माण और कायाकल्प किया जा रहा है. इसमें शिव द्वार का निर्माण नेशनल हाईवे 319 में प्रयागराज को जौनपुर और गोरखपुर से जोड़ने वाले सड़क मार्ग पर किया जा रहा है.
4.95 करोड़ शिवा प्रवेश द्वार का निर्माण : बताया कि 4.95 करोड़ के बजट से शिवा प्रवेश द्वार का निर्माण हो रहा है. इसमें प्रवेश द्वार के मध्य में शीर्ष पर ध्यान योग की मुद्रा में भगवान शिव की मूर्ति भी स्थापित होगी. इसके अतिरिक्त 2019 के कुंभ में योगी सरकार द्वारा निर्माण कराए गए गंगा, यमुना और सरस्वती प्रवेश द्वार का सौंदर्यीकरण और कायाकल्प का कार्य भी चल रहा है. इसमें क्लैडिंग और म्यूरल्स निर्माण का कार्य 25 फीसदी तक पूरा हो चुका है.