प्रयागराज : संगम नगरी में 13 जनवरी से दिव्य और भव्य महाकुंभ मेला चल रहा है. पूरी दुनिया से लोग इसमें पहुंच रहे हैं. मेले के जरिए सनातन धर्म की ध्वज पताका विश्व के कोने-कोने तक पहुंच रही है. इस भीड़ में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो सिर्फ और सिर्फ सनातन की अद्भुत चमक से प्रभावित होकर यहां आए हैं. इन्हीं में से एक अमेरिका की 55 वर्षीय कुशला भी हैं. वह योगा टीचर हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में कुशला ने बताया कि सनातन धर्म के प्रति उनका काफी लगाव है. इसी की वजह से उन्होंने खुद को योग टीचर के तौर पर स्थापित किया. यह लगाव उन्हें सात समंदर पार से महाकुंभ में खींचकर ले आएगा, इसका अंदाजा उन्हें कभी नहीं था. प्रयाग में आने के बाद उन्होंने घाट पर पहुंचकर मां गंगा को नमन किया. अपने ऊपर जल छिड़का. अब वह प्रयागराज में रहकर महाकुंभ मेले की साक्षी बन रहीं हैं.
अमेरिका से भारत पहुंचीं कुशला का कहना है कि मैंने महाकुंभ के बारे में बहुत कुछ सुन रखा था. मैं वाराणसी पहुंची थी. जब मुझे पता चला कि प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगा है तो मैं खुद को रोक नहीं पाई. मैंने सोचा कि यह बहुत बड़ा मौका है, अपने आप को सनातन धर्म से जोड़ने का, इस अनुभव को हासिल करने का.
कुशला ने बताया कि यहां आकर उनका एक्सपीरियंस टॉप लेवल का रहा. यह अद्भुत है. उन्होंने कहा कि मैं योगा टीचर हूं मेरे गुरु ने मुझे महाकुंभ मेले के बारे में बताया था. जब मैं काशी पहुंची तो मुझे वहां भी लोगों ने बताया. मैंने अभी गंगा में डुबकी नहीं लगाई है. मैंने अपने ऊपर गंगाजल छिड़का है.
उन्होंने कहा कि मैं सनातन धर्म को बहुत पसंद करती हूं. प्रयागराज बेहद पवित्र जगह है. काफी संख्या में साधु-संत भी पहुंचे हैं. मुझे बहुत अच्छा लगा. उन्होंने कहा कि मैं अमेरिका पहुंचकर हर किसी से बस यही कहूंगी कि अपने जीवन में एक बार इस अनुभव को हासिल करने के लिए महाकुंभ जरूर जाएं. भारत अद्भुत है, यहां की परंपरा भी काफी आकर्षित करने वाली है. मैं अपने देश के लोगों से कहूंगी कि महाकुंभ में जरूर जाएं नहीं तो बहुत पछताएंगे.
यह भी पढ़ें : महाकुंभ में सबसे पहले नागा साधु क्यों करते हैं शाही स्नान, त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने से पहले जान लें ये नियम, वरना