कानपुर: जिस तरह कानपुर की पहचान में लाल इमली की अहम भूमिका रही है, ठीक वैसे ही इस औद्योगिक नगरी की पहचान कानपुर फर्टिलाइजर केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड से भी है. सालों पहले जब यहां यूरिया का उत्पादन शुरू हुआ, तो देश के कई राज्यों से यूरिया की मांग होने लगी. इसका परिणाम रहा, यहां रोजाना 67 हजार मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होता रहा है.
शहर की अब इसी सबसे बड़ी फर्टिलाइजर फैक्ट्री से बुरी खबर सामने आई है. आर्थिक कारणों के चलते फिलहाल कानपुर फर्टिलाइजर पर तालाबंदी हुई है. इससे यहां काम करने वाले करीब 1500 श्रमिकों के परिवारों के सामने रोजीरोटी का संकट छा गया है. यह दावा है आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सेक्रेटरी असित सिंह का. इसके विरोध में शनिवार को श्रमिकों ने श्रम विभाग को ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया है. वहीं, श्रम विभाग के अफसरों का कहना है कि इस संबंध में प्रबंधन से वार्ता की गई है. आश्वासन मिला है कि गेल से आपूर्ति शुरू होने पर काम शुरू कराया जा सकता है. इस संबंध में गेल से वार्ता की जा रही है.
श्रमिक नेता क्या बोलेः श्रमिक नेता असित सिंह ने बताया कि 17 दिसंबर से गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड ने अचानक ही गैस की सप्लाई बंद कर थी. इसके चलते यूरिया का उत्पादन ठप हुआ. इसके बाद शुक्रवार को प्रबंधन ने कानपुर फर्टिलाइजर पर तालाबंदी की जानकारी दे दी.
साथ ही इस बाबत नोटिस भी चस्पा कर दिया गया. हालांकि, श्रमिक नेता ने श्रम विभाग से संबंधित नियमों का संदर्भ देते हुए कहा कि प्रबंधन अचानक ही इकाई को बंद नहीं कर सकता. इस मामले पर वह संगठन के अन्य पदाधिकारियों संग शनिवार को श्रमायुक्त से मिलेंगे और उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे.
260 करोड़ रुपये गेल को दिए जा चुकेः श्रमिक नेता असित सिंह ने बताया कि कानपुर फर्टिलाइजर की ओर से गैस की बकाया राशि के तौर पर कुछ माह पहले ही करीब 260 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया था लेकिन, बकाया राशि और अधिक होने के चलते गेल के अफसरों ने इस मामले में कोई खास रुचि नहीं दिखाई. असित ने कहा कि नियमानुसार केंद्र की ओर से यूरिया को लेकर दी जाने वाली सब्सिडी भी प्रबंधन को नहीं मिली.
दिसंबर से पहले प्रबंधन की ओर से हर दो तारीख को श्रमिकों को वेतन दे दिया जाता था मगर, दिसंबर में 14 दिसंबर तक वेतन नहीं आया था. वेतन की लड़ाई लड़ने के बाद जैसै-तैसे दिसंबर का वेतन जारी करा दिया था लेकिन, अब जनवरी में प्रबंधन ने अचानक ही फर्टिलाइजर पर तालाबंदी कर दी है. इस मामले पर जब फर्टिलाइजर के श्रम अधिकारी प्रदीप चतुर्वेदी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की.
![श्रम विभाग के दफ्तर में नारेबाजे करते ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के पदाधिकारी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-01-2025/23349306_kanpur-2.jpg)
श्रम आयुक्त ने जल्द से जल्द फैक्ट्री शुरू कराने का दिया आश्वासन: वहीं फर्टिलाइजर फैक्ट्री की तालाबंदी की खबर जैसे ही श्रम विभाग के अफसरों तक पहुंची हड़कंप मच गया. श्रमायुक्त मार्कंडेय शाही के शहर से बाहर होने पर अपर श्रमायुक्त पीके सिंह ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी सुरेश सिंह यादव के साथ कई अधीनस्थों को मौके पर भेजा और जांच कराई. श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने बताया कि कानपुर फर्टिलाइजर में तालाबंदी नहीं हुई है, मगर काम पूरी तरह से ठप कर दिया गया है. जब प्रबंधन से वार्ता की गई तो वहां मौजूद सदस्यों का कहना था, गेल के अफसरों से गैस सप्लाई को लेकर वार्ता की जा रही है. गैस सप्लाई में राहत मिल गई तो काम शुरू कराया जा सकता है. वहीं, अपर श्रमायुक्त पीके सिंह ने कहा कि अब सोमवार को प्रबंधन से बात करेंगे, साथ ही गेल के अफसरों से भी वार्ता की जाएगी. कानपुर फर्टिलाइजर को बंद नहीं होने देंगे. जितने दिन काम नहीं हुआ है, उतने दिन भले ही उत्पादन ठप रहा हो. पर, अब जल्द से जल्द काम शुरू कराएंगे.
![श्रम विभाग के अफसर को ज्ञापन सौंपते ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के पदाधिकारी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-01-2025/23349306_kanpur-1.jpg)
श्रमिक नेताओं ने सौंपा ज्ञापन, जताया रोष: कानपुर फर्टिलाइजर के तालाबंदी मामले पर शनिवार को श्रमिक नेताओं ने श्रम विभाग के दफ्तर पहुंचकर अफसरों को अपनी ओर से फर्टिलाइजर के संचालन संबंधी ज्ञापन सौंपा. आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सेक्रेटरी असित कुमार सिंह ने श्रम प्रवर्तन अफसरों से कहा, उस फर्टिलाइजर से करीब 1500 श्रमिकों के परिवारों का भरण-पोषण होता है. अगर फर्टिलाइजर पर तालाबंदी हुई, तो उन्हें आर्थिक संकटों से जूझना होगा. गेल और फर्टिलाइजर प्रबंधन के अफसरों से वार्ता कर जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान कराएं.