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रेलवे की सौगात; कबीर की जन्मस्थली काशी से सीधे जुड़ेगी निर्वाण स्थली मगहर, अनुयायियों-पर्यटकों को मिलेगा लाभ - place of Kabir Nirvana Maghar - PLACE OF KABIR NIRVANA MAGHAR

पूर्वोत्तर रेलवे के नए रेल खंड सहजनवा से दोहरीघाट के निर्माण में भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई के बीच रेलवे बोर्ड ने एक नया परिवर्तन करते हुए इस नव निर्माण में कबीर की निर्वाण स्थली मगहर को भी जोड़ने की हरी झंडी दे दी है. इसके जुड़ जाने से कबीर की जन्म स्थली काशी से उनके निर्वाण स्थली मगहर जाने का लोगों को एक और सीधा और वैकल्पिक संपर्क मार्ग मिल जाएगा.

कबीर की जन्मस्थली काशी से सीधे जुड़ेगी निर्वाण स्थली मगहर.
कबीर की जन्मस्थली काशी से सीधे जुड़ेगी निर्वाण स्थली मगहर. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 1, 2024, 8:47 PM IST

कबीर की जन्मस्थली काशी से सीधे जुड़ेगी निर्वाण स्थली मगहर. (Video Credit; ETV Bharat)

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे के नए रेल खंड सहजनवा से दोहरीघाट के निर्माण में भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई के बीच रेलवे बोर्ड ने एक नया परिवर्तन करते हुए इस नव निर्माण में कबीर की निर्वाण स्थली मगहर को भी जोड़ने की हरी झंडी दे दी है. इसके जुड़ जाने से कबीर की जन्म स्थली काशी से उनके निर्वाण स्थली मगहर जाने का लोगों को एक और सीधा और वैकल्पिक संपर्क मार्ग मिल जाएगा. करीब 82 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट में मगहर को जोड़ते हुए 12 से 16 किलोमीटर का एक नया मार्ग और बनाया जाएगा. जिसमें भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी. यह पर्यटन के लिहाज से भी बेहतर होगा तो गोरखपुर के दक्षिणांचल का वह हिस्सा, जहां से आजादी के बाद भी ट्रेन नहीं गुजरी.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने इस संबंध में बताया कि सहजनवा- दोहरीघाट रेलखंड से जब मगहर को जोड़ा जाएगा तो पर्यटन का यह विशिष्ट केंद्र कबीर के अनुयायियों समेत अन्य पर्यटकों की भी पहुंच में हो जाएगा. कहा कि इस सुविधा के हो जाने से इंजन रिवर्सल की समस्या से भी निजात मिल जाएगी और कोई भी ट्रेन सीधे मगहर जा सकेगी. कहा कि इसी प्रकार से भटनी से वाराणसी को जाने वाले रूट को भी नई रेल लाइन बिछाकर जोड़ा गया है, जिससे इंजन रिवर्सल की समस्या समाप्त हो गई है.

बताया कि ऐसी ही सुविधा गाजीपुर में ताड़ीघाट रेल खंड पर दी गई है. जिससे इंजन रिवर्सल की असुविधा खत्म हुई और वाई लिंक पर नए ट्रैक को बिछाकर दो रेलमार्गों को जोड़ने और शुरू करने का रेलवे ने कार्य किया है. उसी कड़ी में सहजनवा- दोहरीघाट नई रेल लाइन में मगहर को जोड़ने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड ने स्वीकृत किया है. जिसके आधार पर भविष्य में इस रूट पर भी जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही करते हुए मगहर को रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. इस तरह से गोरखपुर से बनारस जाने के लिए लोगों को दो मार्ग मिलेगा. एक गोरखपुर से देवरिया- भटनी होते हुए वाराणसी मार्ग, तो दूसरा सहजनवा- दोहरीघाट होते हुए वाराणसी मार्ग होगा.

सहजनवा- दोहरीघाट नई रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हो चुका है. इस प्रोजेक्ट को 3 से 4 चरणों में वर्ष 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. करीब 1300 करोड़ रुपए की इस परियोजना में पहले चरण का काम सहजनवा से पिपरौली का होगा, जिसमें भूमि अधिग्रहण के साथ रेलवे पटरी बिछाई जाएगी. इसमें घाघरा नदी पर एक रेल ब्रिज भी बनेगा. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक ब्रिज बनेंगे. इस रेल लाइन के लिए 359 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. सहजनवा तहसील के 13 गांव में 11 किलोमीटर रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य अंतिम चरण में है. जिसके लिए करीब 44 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है. यह रेल लाइन 112 गांव से होकर गुजरेगी.

यह भी पढ़ें : हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा पर बवाल, डिप्टी सीएम केशव मौर्या बोले- गोरखपुर का मामला, गोरखपुर वाले जाने - Deputy CM Keshav Prasad Maurya

कबीर की जन्मस्थली काशी से सीधे जुड़ेगी निर्वाण स्थली मगहर. (Video Credit; ETV Bharat)

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे के नए रेल खंड सहजनवा से दोहरीघाट के निर्माण में भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई के बीच रेलवे बोर्ड ने एक नया परिवर्तन करते हुए इस नव निर्माण में कबीर की निर्वाण स्थली मगहर को भी जोड़ने की हरी झंडी दे दी है. इसके जुड़ जाने से कबीर की जन्म स्थली काशी से उनके निर्वाण स्थली मगहर जाने का लोगों को एक और सीधा और वैकल्पिक संपर्क मार्ग मिल जाएगा. करीब 82 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट में मगहर को जोड़ते हुए 12 से 16 किलोमीटर का एक नया मार्ग और बनाया जाएगा. जिसमें भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी. यह पर्यटन के लिहाज से भी बेहतर होगा तो गोरखपुर के दक्षिणांचल का वह हिस्सा, जहां से आजादी के बाद भी ट्रेन नहीं गुजरी.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने इस संबंध में बताया कि सहजनवा- दोहरीघाट रेलखंड से जब मगहर को जोड़ा जाएगा तो पर्यटन का यह विशिष्ट केंद्र कबीर के अनुयायियों समेत अन्य पर्यटकों की भी पहुंच में हो जाएगा. कहा कि इस सुविधा के हो जाने से इंजन रिवर्सल की समस्या से भी निजात मिल जाएगी और कोई भी ट्रेन सीधे मगहर जा सकेगी. कहा कि इसी प्रकार से भटनी से वाराणसी को जाने वाले रूट को भी नई रेल लाइन बिछाकर जोड़ा गया है, जिससे इंजन रिवर्सल की समस्या समाप्त हो गई है.

बताया कि ऐसी ही सुविधा गाजीपुर में ताड़ीघाट रेल खंड पर दी गई है. जिससे इंजन रिवर्सल की असुविधा खत्म हुई और वाई लिंक पर नए ट्रैक को बिछाकर दो रेलमार्गों को जोड़ने और शुरू करने का रेलवे ने कार्य किया है. उसी कड़ी में सहजनवा- दोहरीघाट नई रेल लाइन में मगहर को जोड़ने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड ने स्वीकृत किया है. जिसके आधार पर भविष्य में इस रूट पर भी जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही करते हुए मगहर को रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. इस तरह से गोरखपुर से बनारस जाने के लिए लोगों को दो मार्ग मिलेगा. एक गोरखपुर से देवरिया- भटनी होते हुए वाराणसी मार्ग, तो दूसरा सहजनवा- दोहरीघाट होते हुए वाराणसी मार्ग होगा.

सहजनवा- दोहरीघाट नई रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हो चुका है. इस प्रोजेक्ट को 3 से 4 चरणों में वर्ष 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. करीब 1300 करोड़ रुपए की इस परियोजना में पहले चरण का काम सहजनवा से पिपरौली का होगा, जिसमें भूमि अधिग्रहण के साथ रेलवे पटरी बिछाई जाएगी. इसमें घाघरा नदी पर एक रेल ब्रिज भी बनेगा. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक ब्रिज बनेंगे. इस रेल लाइन के लिए 359 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. सहजनवा तहसील के 13 गांव में 11 किलोमीटर रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य अंतिम चरण में है. जिसके लिए करीब 44 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है. यह रेल लाइन 112 गांव से होकर गुजरेगी.

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