भोपाल : मध्य प्रदेश में मॉनसून का सीजन आमतौर पर 1 जून से 30 सितंबर तक माना जाता है. इस बार शुरुआत में भले ही मॉनसून ने धीमी चाल चली हो पर जुलाई अंत से अगस्त के बीच जोरदार बारिश ने खोए हुए समय की जमकर भरपाई की. शुरुआत में जहां मध्यप्रदेश के 18 जिलों में कम बारिश की बात की जा रही थी तो वहीं अब ये संख्या केवल 1 रह गई है. रीवा जिले को छोड़कर पूरे प्रदेश में मॉनसून की अच्छी बारिश देखने को मिली है. वहीं अब कुछ दिनों के ब्रेक के बाद मॉनसून के कई छोटे-छोटे सिस्टम सक्रिय होते रहेंगे.
आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम?
आईएमडी के मौसम वैज्ञानिक भोलानाथ पाठक ने बताया, '' वर्तमान में मॉनसून ट्रफ लाइन बीकानेर, नारनौल, मध्यप्रदेश के सीधी जिले से होती हुई संबलपुर और उत्तरी बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव के क्षेत्र के साथ गुजर रही है. इसके असर से राजस्थान और गुजरात में अति भारी बारिश होगी तो वहीं 8 सितंबर तक मध्यप्रदेश के कुछ जिलों मध्यम बारिश हो सकती है. इसके बाद कुछ दिनों के लिए बारिश पर ब्रेक लग सकता है.'' मौसम विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में 10 से13 सितंबर तक कोई बड़ा बारिश का सिस्टम एक्टिव होता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में दिन के तापमान में बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है.
Rainfall Warning : 06th to 12th September 2024
— India Meteorological Department (@Indiametdept) September 6, 2024
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अबतक सामान्य से 11 प्रतिशत ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के ताजा आंकड़े बताते हैं कि अब तक मध्य प्रदेश में 896.8 मिमी बारिश हुई है, जो इस अबकत सामान्य बारिश (808.2 मिमी) से 11 प्रतिशत ज्यादा है. वहीं इस बार की बारिश ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को विशेष रूप से लाभ पहुंचाया है. भोपाल में सामान्य तौर पर 829.3 मिमी बारिश होती है पर इस वर्ष अबकत यहां 1076.9 मिमी यानी सामान्य से 30 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है. यानी मॉनसून सीजन खत्म होने के लगभग एक महीने पहले ही भोपाल में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है.
ला नीना का मॉनसून पर असर
मौसम वैज्ञानिकों का मत है कि इस बार मॉनसून की जबर्दस्त बारिश के पीछे ला नीना एक बड़ा कारण है. इस साल मॉनसून के आगमन से पहले ही मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि 'ला नीना' के प्रभाव से देशभर में जबर्दस्त बारिश देखने को मिलेगी, और ठीक वैसा ही हो रहा. मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि बारिश जारी रहेगी और इस साल मॉनसून का औसत 110 प्रतिशत से ज्यादा हो सकता है. माना जा रहा है कि इसके प्रभाव से अक्टूबर की शुरुआत से रात का तापमान तेजी से गिरने लगेगा और दीवाली तक गुलाबी ठंड दस्तक दे सकती है.
क्या है क्या है ला नीना और अल नीनो?
'अल नीनो' और 'ला नीना' ऐसे मौसमी पैटर्न हैं जिनका असर दुनिया भर के मौसम पर पड़ता है. ये दोनों ही पैटर्न बारिश, ठंड और गर्मी सभी चीजों पर खास असर करते हैं. इनकी वजह से कम या अत्यधिक बारिश, ठंड या बर्फबारी होती है. 'अल नीनो' जहां मौसमी सिस्टम पर उल्टा प्रभाव डालता है, तो वहीं 'ला नीना' मौसमी चक्र और समुद्र हवाओं को अत्यधिक बल प्रदान करता है. इस बार देश में 'ला नीना' का प्रभाव ही देखने को मिल रहा है, जिससे अत्यधिक बारिश हो रही है और मध्यप्रदेश पर भी इसका खासा असर है.