भोपाल। अगर आपका बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ रहा है और मेधावी है तो सरकार की तरफ से खुशखबरी मिलने वाली है. अब सरकार ऐसे बच्चों को उन प्राइवेट संस्थानों में कोचिंग दिलाएगी, जहां की फीस लाखों रुपए है. मध्यप्रदेश सरकार ने दिल्ली के बड़े कोचिंग संस्थानों के साथ एमपी के चुनिंदा कोचिंग संस्थानों से करार करेगी. इसमे सभी श्रेणी के विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे. सरकारी स्कूल के बच्चे 12वीं के पहले कॉम्पीटीटिव एग्जाम की तैयारी कर अच्छे संस्थानों में जाकर अपना कैरियर बना सकेंगे.
कक्षा 9वीं से ही तैयारी कराना शुरू करेगी सरकार
सरकार इन परीक्षाओं की तैयारी 9वीं कक्षा से कराएगी. जिससे वे कक्षा 12 वीं आने के पहले ही प्रतियोगी परीक्षा के लिए खुद को साबित कर सकें. स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने बताया "हमारी प्लानिंग है कि स्कूलों के विद्यार्थियों को 9वीं से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराकर उन्हें JEE, PET, PMT और अन्य एग्जाम की तैयारी कराकर उनका भविष्य उज्ज्वल बनाएंगे. अगले सत्र से ये स्कीम लागू होगी. इसमें जाति और आरक्षण की कोई बाध्यता नहीं होगी. इससे मेधावी छात्रों को बड़ी मदद मिलेगी."
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इस योजना में आरक्षण जैसी कोई बाध्यता नहीं
इस योजना में सरकारी स्कूलों में पढ़ रहा कोई भी छात्र शामिल हो सकता है. मंत्री राव उदय प्रताप का मानना है कि हमारी प्राथमिकता उन बच्चों को लेकर है जो होशियार हैं. इसके लिए पहले साल 1 हजार बच्चों को कंपीटीशन की तैयारी कराएंगे. इसके लिए स्कूल से दो बच्चो को सेलेक्ट किया जाएगा और उनकी कोचिंग का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी. पहले चरण में 500 बच्चे सीएम राइज और बाकी 500 बच्चे अन्य सरकारी स्कूलों से चयन किए जाएंगे. बता दें कि इससे पहले शिवराज सरकार में अनुसूचित जाति-जनजाति के मेधावी विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं की प्रवेश परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग कराई जाती थी.