लखनऊ: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के यादव वोटरों पर मोह बाण चला रही है. बिजनौर रोड पर आयोजित यादव महाकुंभ में शामिल होने के लिए मोहन यादव रविवार को लखनऊ पहुंचे और उन्होंने अखिलेश यादव पर जमकर शब्द प्रहार किया. उन्होंने कहा कि यहां आने से कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. मगर उत्तर प्रदेश का यादव समाज उनको जब-जब बुलाएगी वह जरूर आएंगे. उन्होंने कहा वह किसी बड़े नेता के पुत्र नहीं हैं, इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें इतने बड़े प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया. मोहन यादव ने यादव महासम्मेलन में भाग लेने के बाद उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन में मुलाकात की.
यादव महाकुंभ में एमपी के सीएम: यादव महाकुंभ में CM मोहन यादव बोले, भले किसी के पेट में दर्द हो लेकिन आप बुलाओगे तो मैं आउंगा. उन्होंने कहा कि मेरे परिवार से न कोई सांसद न कोई विधायक तब भी मुझे सीधा मुख्यमंत्री बना दिया,कई लोगों के पेट दुख रहे हैं. मुझे नाम लेने में कष्ट होता है संकोच होता है. कृष्ण ने तो राजनीति के घर को नहीं आने दिया लेकिन यहां तो इस कार्यक्रम को खराब करने के लिए एक सभा करने लगे.
'मथुरा में भगवान मुस्कुराएंगे नहीं तो अधूरा सा लगेगा': मोहन यादव ने कहा कि, दरवाजा बंद करके परिवार को बढ़ाओगे तो अगली बार मौका नहीं मिलेगा समझ जाओ. यूपी से मेरा नाता है,समाज का बड़ा कार्यक्रम था मैं आया हूं, शिक्षा को लेकर मैंने समाज से आग्रह किया है ,लोकतंत्र में सबको मौका मिल सकता है इसका उदाहरण मैं हूं. श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि मथुरा में अगर भगवान मुस्कुराएंगे नहीं तो अधूरा सा लगेगा.
प्रदेश की 50 सीटों पर यादव वोटर्स का असर: उत्तर प्रदेश में यादव मतदाताओं का विधानसभा की 50 सीटों पर असर है. उत्तर प्रदेश में करीब 8-9 फीसदी यादव वोटर माने जाते हैं. यादव वोट बैंक समाजवादी पार्टी का कोर वोटर माना जाता है. समाजवादी पार्टी की उभार से पहले राम नरेश यादव जनता पार्टी से मुख्यमंत्री रहे हैं. समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव तीन बार और उनके उत्तराधिकारी के रूप में अखिलेश यादव एक बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. प्रदेश की करीब 50 विधानसभा सीटों को यादव वोटर प्रभावित करते हैं.