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कुत्तों संग सैर-सपाटा करना है तो करवा लें ये काम, लखनऊ में इन जगहों पर बन रहा लाइसेंस, पढ़िए पूरी प्रक्रिया

नगर निगम की टीम अभियान चलाकर 2500 से 5000 हजार रुपये तक वसूल रही जुर्माना

लखनऊ नगर निगम वसूल रहा जुर्माना.
लखनऊ नगर निगम वसूल रहा जुर्माना. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 15, 2024, 7:37 AM IST

लखनऊ : मार्निंग वॉक पर पालतू कुत्तों के साथ सैर-सपाटा करने की आदत है तो इसे बदल डालिए. वर्ना लाइसेंस न होने पर आपका चालान हो सकता है. नगर निगम की ओर से डॉग के लाइसेंस चेक करने का अभियान चलाया जा रहा है. लाइसेंस न होने पर ढाई हजार से 5 हजार तक का चालान हो रहा है. ऐसे में कुत्तों को पालने के लिए लाइसेंस अब बेहद जरूरी हो गया है. पढ़िए क्या है पूरी प्रक्रिया, और किन-किन जगहों पर बनवा सकते हैं लाइसेंस...

राजधानी में लोग मॉर्निग वॉक पर निकलने के साथ अपने पालतू कुत्तों को भी सैर-सपाटे के लिए लेकर निकल पड़ते थे. अब ये नजारा बेहद कम देखने को मिल रहा है. इसके पीछे का कारण यह है कि जैसे ही कोई अपने डॉग को टहलाने के लिए निकल रहा है वैसे ही एक अधिकारी आकर लाइसेंस मांगने लगते हैं. लिहाजा अब सड़कों पर कुत्तों के साथ बेहद कम लोग दिखाई देने लगे हैं.

केवल 3 हजार ने ही बनवाया लाइसेंस : लखनऊ में करीब 10 हजार पालतू कुत्ते हैं. सिर्फ तीन हजार लोगों ने ही लाइसेंस बनवाया है. नगर पशु कल्याण अधिकारी अभिनव वर्मा ने बताया कि नगर निगम ने अभियान चलाकर लाइसेंस बनाने को लेकर जागरूक किया. बावजूद इसके लोग लाइसेंस बनवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे. ऐसे में अब नगर निगम सख्ती कर रहा है. हर जोन में पालतू कुत्तों के मालिकों से लाइसेंस मांगा जा रहा है. जिन्होंने नहीं बनवाया है तत्काल जुर्माना वसूला जा रहा है.

लाइसेंस के लिए देनी होगी इतनी फीस : नगर पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि लाइसेंस ना होने पर ढाई हजार से पांच हजार तक का जुर्माना वसूला जा रहा है. इतना ही नहीं तत्काल उनका नया लाइसेंस या नवीनीकरण भी किया जा रहा है. विदेशी नस्ल के डॉग के लिए लाइसेंस फीस 1000 और जबकि देसी के लिए 200 रुपये निर्धारित है. शहर में कई जगहों पर लोग अपनी सुविधा के अनुसार लाइसेंस बनवा सकते हैं.

यहां से बनवाएं लाइसेंस : जू लैंड हैनिमैन चौराहा गोमतीनगर (मोबाइल नंबर 9936879200), नगर निगम मुख्यालय लालबाग, जयंत सिंह (9511156792), अफसर अली (9721095021), स्पर्श पेट क्लिनिक, अलीगंज सेक्टर-आई (9935470728), डॉग ऐंड पप्स, विवेक खंड (8799255500), अग्रवाल पेट क्लिनिक, लेखराज मार्केट-इंदिरानगर (9839072095), दक्ष पेट विलनिक नीलमथा (7618929753), अलीगंज पेट शॉप ऐंड क्लिनिक, पुरनिया चौराहा, विक्टोरिया पेट हट, विराज खंड (9696729407) पप्स, इंदिरानगर ए ब्लॉक (9415008457), पूर्वांचल पेट क्लिनिक, बसेरा विहार, कल्याणपुर (6392128685), मशमीर पेट हॉस्पिटल, चंद्रलोक कॉलोनी, अलीगंज सेक्टर ई (9919349393), वेट-पेट डॉग क्लिनिक, इंदिरानगर सेक्टर-25, (9554126456), उदय पेट क्लिनिक ऐंड केयर, एल्डिको एक्सप्रेस प्लाजा, रायबरेली रोड (9793715300), शुक्ला वेटनरी क्लिनिक, कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी सेक्टर एल (9415289111), रॉयल पेट क्लिनिक, उदय टॉवर, विजयन्त खंड, गोमती नगर (9369880514)

इन बातों का भी रखना होगा ध्यान : लाइसेंस के लिए डॉग को एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगना जरूरी है. मालिक के पास सर्टिफिकेट होना चाहिए. इस प्रमाण पत्र के अलावा उनके पास खुद का आधार कार्ड भी होना चाहिए. अगर आपने कुत्ते के छोटे बच्चे को भी पाला है तो तीन से चार महीने बाद उसका भी लाइसेंस बनवाना जरूरी है. लाइसेंस केवल एक साल के लिए ही बनता है. अगले साल इसे रिन्यूवल करना जरूरी रहता है.

क्यों जरूरी है लाइसेंस : राजधानी समेत अन्य शहरों में भी लगातार पालतू कुत्तों के हमले की घटनाएं सामने आती रहीं हैं. कई मामलों में लोगों की जान भी जा चुकी है. ऐसे में कुत्ता पालने के नियम सख्त कर दिए गए हैं, जिससे इस तरह की घटनाएं होने पर त्वरित कार्रवाई हो सके.

यह भी पढ़ें : ब पेट शॉप-क्लीनिक पर होगी कड़ी कार्रवाई; लखनऊ में पाए गए 3 हजार अवैध प्रतिष्ठान

लखनऊ : मार्निंग वॉक पर पालतू कुत्तों के साथ सैर-सपाटा करने की आदत है तो इसे बदल डालिए. वर्ना लाइसेंस न होने पर आपका चालान हो सकता है. नगर निगम की ओर से डॉग के लाइसेंस चेक करने का अभियान चलाया जा रहा है. लाइसेंस न होने पर ढाई हजार से 5 हजार तक का चालान हो रहा है. ऐसे में कुत्तों को पालने के लिए लाइसेंस अब बेहद जरूरी हो गया है. पढ़िए क्या है पूरी प्रक्रिया, और किन-किन जगहों पर बनवा सकते हैं लाइसेंस...

राजधानी में लोग मॉर्निग वॉक पर निकलने के साथ अपने पालतू कुत्तों को भी सैर-सपाटे के लिए लेकर निकल पड़ते थे. अब ये नजारा बेहद कम देखने को मिल रहा है. इसके पीछे का कारण यह है कि जैसे ही कोई अपने डॉग को टहलाने के लिए निकल रहा है वैसे ही एक अधिकारी आकर लाइसेंस मांगने लगते हैं. लिहाजा अब सड़कों पर कुत्तों के साथ बेहद कम लोग दिखाई देने लगे हैं.

केवल 3 हजार ने ही बनवाया लाइसेंस : लखनऊ में करीब 10 हजार पालतू कुत्ते हैं. सिर्फ तीन हजार लोगों ने ही लाइसेंस बनवाया है. नगर पशु कल्याण अधिकारी अभिनव वर्मा ने बताया कि नगर निगम ने अभियान चलाकर लाइसेंस बनाने को लेकर जागरूक किया. बावजूद इसके लोग लाइसेंस बनवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे. ऐसे में अब नगर निगम सख्ती कर रहा है. हर जोन में पालतू कुत्तों के मालिकों से लाइसेंस मांगा जा रहा है. जिन्होंने नहीं बनवाया है तत्काल जुर्माना वसूला जा रहा है.

लाइसेंस के लिए देनी होगी इतनी फीस : नगर पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि लाइसेंस ना होने पर ढाई हजार से पांच हजार तक का जुर्माना वसूला जा रहा है. इतना ही नहीं तत्काल उनका नया लाइसेंस या नवीनीकरण भी किया जा रहा है. विदेशी नस्ल के डॉग के लिए लाइसेंस फीस 1000 और जबकि देसी के लिए 200 रुपये निर्धारित है. शहर में कई जगहों पर लोग अपनी सुविधा के अनुसार लाइसेंस बनवा सकते हैं.

यहां से बनवाएं लाइसेंस : जू लैंड हैनिमैन चौराहा गोमतीनगर (मोबाइल नंबर 9936879200), नगर निगम मुख्यालय लालबाग, जयंत सिंह (9511156792), अफसर अली (9721095021), स्पर्श पेट क्लिनिक, अलीगंज सेक्टर-आई (9935470728), डॉग ऐंड पप्स, विवेक खंड (8799255500), अग्रवाल पेट क्लिनिक, लेखराज मार्केट-इंदिरानगर (9839072095), दक्ष पेट विलनिक नीलमथा (7618929753), अलीगंज पेट शॉप ऐंड क्लिनिक, पुरनिया चौराहा, विक्टोरिया पेट हट, विराज खंड (9696729407) पप्स, इंदिरानगर ए ब्लॉक (9415008457), पूर्वांचल पेट क्लिनिक, बसेरा विहार, कल्याणपुर (6392128685), मशमीर पेट हॉस्पिटल, चंद्रलोक कॉलोनी, अलीगंज सेक्टर ई (9919349393), वेट-पेट डॉग क्लिनिक, इंदिरानगर सेक्टर-25, (9554126456), उदय पेट क्लिनिक ऐंड केयर, एल्डिको एक्सप्रेस प्लाजा, रायबरेली रोड (9793715300), शुक्ला वेटनरी क्लिनिक, कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी सेक्टर एल (9415289111), रॉयल पेट क्लिनिक, उदय टॉवर, विजयन्त खंड, गोमती नगर (9369880514)

इन बातों का भी रखना होगा ध्यान : लाइसेंस के लिए डॉग को एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगना जरूरी है. मालिक के पास सर्टिफिकेट होना चाहिए. इस प्रमाण पत्र के अलावा उनके पास खुद का आधार कार्ड भी होना चाहिए. अगर आपने कुत्ते के छोटे बच्चे को भी पाला है तो तीन से चार महीने बाद उसका भी लाइसेंस बनवाना जरूरी है. लाइसेंस केवल एक साल के लिए ही बनता है. अगले साल इसे रिन्यूवल करना जरूरी रहता है.

क्यों जरूरी है लाइसेंस : राजधानी समेत अन्य शहरों में भी लगातार पालतू कुत्तों के हमले की घटनाएं सामने आती रहीं हैं. कई मामलों में लोगों की जान भी जा चुकी है. ऐसे में कुत्ता पालने के नियम सख्त कर दिए गए हैं, जिससे इस तरह की घटनाएं होने पर त्वरित कार्रवाई हो सके.

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