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अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल हो सकते हैं घुमंतू जनजाति के लोग, राज्य तेल घानी बोर्ड के गठन पर विचार - BACKWARD CLASSES STATE COMMISSION

लखनऊ में पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग की बैठक, पिछड़े वर्ग से संबंधित जातियों के निष्कासन, विकास-उत्थान पर चर्चा.

पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग की बैठक में मौजूद अधिकारी.
पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग की बैठक में मौजूद अधिकारी. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 17, 2025, 6:22 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग की महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा की अध्यक्षता में हुई. बैठक में उपाध्यक्ष सोहन लाल श्रीमाली, सदस्य सूर्य प्रकाश पाल, सदस्यगण व सचिव मनोज कुमार सागर उपस्थित रहे. बैठक का उद्देश्य अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) से संबंधित जातियों के सम्मिलन, निष्कासन, विकास और उत्थान से जुड़े मामलों पर विचार करना और उन्हें सुलझाने के लिए आवश्यक निर्णय लेना था.

बैठक में पिछड़ी जाति सूची में सूचीबद्ध कहार जाति के विलोपन का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया. इस पर गहन चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि कहार जाति को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची से विलोपित करने का कोई औचित्य नहीं है. अतः इसे यथावत रखने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा विमुक्त घुमंतू जनजातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में सम्मिलित करने के विषय पर भी विचार हुआ. आयोग ने स्पष्ट किया कि किसी जाति को विमुक्त जनजाति में सम्मिलित करने की प्रक्रिया आयोग द्वारा नहीं की जाती है.

राज्य में तेल घानी व्यवसाय से जुड़े लोगों के विकास और उनके हितों की रक्षा के लिए राज्य तेल घानी बोर्ड के गठन का प्रस्ताव बैठक में प्रस्तुत किया गया. इस पर आयोग ने निर्णय लिया कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी एकत्र कर इसे आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि इसे लेकर ठोस कदम उठाए जा सकें. इसके अतिरिक्त अन्य पिछड़े वर्गों के लिए नॉन-क्रीमीलेयर प्रमाण पत्र प्राप्त करने में हो रही कठिनाइयों पर भी गहन मंथन किया गया. यह पाया गया कि प्रमाण पत्र के वर्तमान प्रारूप में संशोधन की आवश्यकता है. सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि प्रमाण पत्र के प्रारूप में आवश्यक संशोधन के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी और इसे आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग की महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा की अध्यक्षता में हुई. बैठक में उपाध्यक्ष सोहन लाल श्रीमाली, सदस्य सूर्य प्रकाश पाल, सदस्यगण व सचिव मनोज कुमार सागर उपस्थित रहे. बैठक का उद्देश्य अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) से संबंधित जातियों के सम्मिलन, निष्कासन, विकास और उत्थान से जुड़े मामलों पर विचार करना और उन्हें सुलझाने के लिए आवश्यक निर्णय लेना था.

बैठक में पिछड़ी जाति सूची में सूचीबद्ध कहार जाति के विलोपन का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया. इस पर गहन चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि कहार जाति को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची से विलोपित करने का कोई औचित्य नहीं है. अतः इसे यथावत रखने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा विमुक्त घुमंतू जनजातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में सम्मिलित करने के विषय पर भी विचार हुआ. आयोग ने स्पष्ट किया कि किसी जाति को विमुक्त जनजाति में सम्मिलित करने की प्रक्रिया आयोग द्वारा नहीं की जाती है.

राज्य में तेल घानी व्यवसाय से जुड़े लोगों के विकास और उनके हितों की रक्षा के लिए राज्य तेल घानी बोर्ड के गठन का प्रस्ताव बैठक में प्रस्तुत किया गया. इस पर आयोग ने निर्णय लिया कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी एकत्र कर इसे आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि इसे लेकर ठोस कदम उठाए जा सकें. इसके अतिरिक्त अन्य पिछड़े वर्गों के लिए नॉन-क्रीमीलेयर प्रमाण पत्र प्राप्त करने में हो रही कठिनाइयों पर भी गहन मंथन किया गया. यह पाया गया कि प्रमाण पत्र के वर्तमान प्रारूप में संशोधन की आवश्यकता है. सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि प्रमाण पत्र के प्रारूप में आवश्यक संशोधन के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी और इसे आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.

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