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KGMU के डाॅक्टरों ने चेहरे में घुसा आयरन ब्लेड निकाल बचाई युवक की जिंदगी - ACHIEVEMENT OF KGMU DOCTORS

Achievement of KGMU Doctors : सर्जरी के बाद मरीज स्वस्थ, लेकिन डाॅक्टर आंख की रोशनी जाने की आशंका जता रहे हैं.

KGMU Trauma Center.
KGMU Trauma Center. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 20, 2024, 1:22 PM IST

लखनऊ : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने जटिल सर्जरी करके एक युवक को नई जिंदगी दी है. युवक के चेहरे में आयरन कटर का ब्लेड घुस गया था और उसकी जान पर बन आई थी. हालांकि आंख के पास धंसे ब्लेड के टुकड़े की वजह से डाॅक्टरों ने एक आंख की रोशनी जाने की आशंका जता रहा है. फिलहाल डॉक्टर्स वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं.


ट्रॉमा सर्जरी विभाग के प्रोफेसर समीर मिश्रा ने बताया कि रौनाही अयोध्या के रहने वाले शिवमूरत (47) के चेहरे में लोहा काटने वाले कटर का ब्लेड टूट कर चेहरे में धंस गया था. परिजन 16 नवंबर को मरीज को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे. इमरजेंसी ट्रॉमा में तैनात डॉ. यादवेन्द्र धीर और उनकी टीम ने केस को अटेंड किया और प्रारम्भिक उपचार के बाद सर्जरी की जरूरत बताई.


डॉ. समीर के अनुसार इसके बाद रेजीडेंट डॉ. अंजना ने मरीज को ट्रैकियोस्टोमी की. नतीजतन सर्जरी के बाद मरीज को वेंटीलेटर की आवश्यकता नहीं पड़ी. लगभग चार घंटे की सर्जरी के बाद मरीज के चेहरे में घुसा ब्लेड निकाल लिया गया. आंख पर चोट लगने के कारण सर्जरी के दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञ भी मौजूद रहे. फिलहाल मरीज खतरे से बाहर है. हालांकि रोशनी के बारे में संदेह है. ट्रामा सेंटर सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संदीप तिवारी और प्रो. समीर मिश्रा ने सर्जरी करने वाली टीम की सराहना की है.



सर्जरी करने वाली टीम : डॉ. यादवेन्द्र धीर, डॉ. रंबित चन्द्र द्विवेदी, डॉ. लोकेश कुमार, डॉ. आकांक्षा कुमारी, डॉ. अंजना मनहस, डॉ प्रज्ज्वल गुप्ता, डॉ. महक वर्मा, डॉ. अंतरा (नॉन पीजी), डॉ. गायत्री व डॉ. अंकिता (नेत्र रोग विभाग) व ऐनेस्थीसिया टीम के डॉ. अभिजीत पात्रा और डॉ. दिनेश शामिल रहे.

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लखनऊ : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने जटिल सर्जरी करके एक युवक को नई जिंदगी दी है. युवक के चेहरे में आयरन कटर का ब्लेड घुस गया था और उसकी जान पर बन आई थी. हालांकि आंख के पास धंसे ब्लेड के टुकड़े की वजह से डाॅक्टरों ने एक आंख की रोशनी जाने की आशंका जता रहा है. फिलहाल डॉक्टर्स वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं.


ट्रॉमा सर्जरी विभाग के प्रोफेसर समीर मिश्रा ने बताया कि रौनाही अयोध्या के रहने वाले शिवमूरत (47) के चेहरे में लोहा काटने वाले कटर का ब्लेड टूट कर चेहरे में धंस गया था. परिजन 16 नवंबर को मरीज को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे. इमरजेंसी ट्रॉमा में तैनात डॉ. यादवेन्द्र धीर और उनकी टीम ने केस को अटेंड किया और प्रारम्भिक उपचार के बाद सर्जरी की जरूरत बताई.


डॉ. समीर के अनुसार इसके बाद रेजीडेंट डॉ. अंजना ने मरीज को ट्रैकियोस्टोमी की. नतीजतन सर्जरी के बाद मरीज को वेंटीलेटर की आवश्यकता नहीं पड़ी. लगभग चार घंटे की सर्जरी के बाद मरीज के चेहरे में घुसा ब्लेड निकाल लिया गया. आंख पर चोट लगने के कारण सर्जरी के दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञ भी मौजूद रहे. फिलहाल मरीज खतरे से बाहर है. हालांकि रोशनी के बारे में संदेह है. ट्रामा सेंटर सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संदीप तिवारी और प्रो. समीर मिश्रा ने सर्जरी करने वाली टीम की सराहना की है.



सर्जरी करने वाली टीम : डॉ. यादवेन्द्र धीर, डॉ. रंबित चन्द्र द्विवेदी, डॉ. लोकेश कुमार, डॉ. आकांक्षा कुमारी, डॉ. अंजना मनहस, डॉ प्रज्ज्वल गुप्ता, डॉ. महक वर्मा, डॉ. अंतरा (नॉन पीजी), डॉ. गायत्री व डॉ. अंकिता (नेत्र रोग विभाग) व ऐनेस्थीसिया टीम के डॉ. अभिजीत पात्रा और डॉ. दिनेश शामिल रहे.

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