लखनऊ: महज 12 वर्ष की आयु में अखिलेश को ललित मोहिनी के भाई अपने घर ले आए, जहां वो उनकी मां की सेवा करने लगा. अखिलेश भले ही गरीब घर का था लेकिन, उसकी इमानदारी से मोहिनी के मायके का हर सदस्य खुश रहता था.
यही वजह है कि मां के निधन के बाद मोहिनी उसे अपने साथ ससुराल ले आई. जहां अखिलेश व उसका भाई रवि परिवार के सदस्य के रूप में काम करने लगा. लेकिन पैसों का लालच, बीमारी का खर्च और पूर्व आईएएस के एक वादा खिलाफी ने उसे लूटेरा और हत्यारा बना दिया.
करीब 15 वर्ष पहले कैंट के घोसियाना के रहने वाले अखिलेश को मोहिनी के भाई कृष्ण शुक्ला अपनी बूढ़ी मां की देखभाल के लिए लाए थे. अखिलेश घर का काम भी करता और बूढ़ी मां की देखभाल की जिम्मेदारी भी निभाता. लेकिन, कृष्ण शुक्ला की मां ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रही और उनका निधन हो गया.
कृष्ण शुक्ला को अब अखिलेश की जरूरत नहीं थी, यही वजह है कि ललित मोहिनी उसे अपने पति पूर्व IAS देवेंद्र नाथ दुबे के घर ले आई. अखिलेश ने अपनी इमानदारी से देवेंद्र नाथ शुक्ला का भी भरोसा और दिल जीत लिया. धीरे-धीरे अखिलेश ने अपने छोटे भाई रवि को भी देवेंद्र के घर ले आया और फिर दोनों काम करने लगे.
अखिलेश की शादी के कार्ड में छपा था मोहिनी का नाम: पूर्व IAS देवेंद्र दुबे के करीबी बताते है कि, वो और उनकी पत्नी दोनों भाइयों को अपना बेटा जैसा ही समझते थे. उनके घर में कोई बीमार भी होता तो दवा के लिए पैसे वही देते. इतने वर्षों में दोनों ने ऐसी कोई हरकत की ही नहीं कि उन्हें कुछ भी शक हो.
बल्कि इसी वर्ष 9 फरवरी को हुई अखिलेश की शादी में जो कार्ड छपा था, उसमें स्वागतकांक्षी में देवेंद्र और मोहिनी का नाम छपा. इतना ही नहीं शादी की कई रस्मों में दोनों ने अहम भूमिका निभाई थी. अखिलेश के रिस्पेशन में मोहिनी ने उसकी पत्नी को सोने की अंगूठी गिफ्ट की थी. ऐसे में कैसे कोई इतना निर्दयी हो सकता है कि जिसने अपने बच्चों की तरह पाला उसकी निर्मम हत्या कर दी.
IAS की वादा खिलाफी से नाराज था अखिलेश: पूछताछ में मोहिनी की हत्या करने के तीन कारणों में से एक कारण बताते हुए अखिलेश ने बताया कि वह देवेंद्र दुबे की वादा खिलाफी से नाराज था. उसने बताया कि जब उसक शादी तय हो रही थी तब उन्होंने कहा था कि वो कई खर्चों में उसकी आर्थिक मदद करेंगे लेकिन, जब देने की बारी आई तो सिर्फ 21 हजार रुपए व्यवहार के रूप में दे दिया. जबकि उसे उस समय पैसों की बहुत जरूरत थी.
बीमारी के खर्चे के बाद कंगाली आ गई तो पैसों के लिए कुछ भी करने को आमादा था ड्राइवर: पांच माह पहले शादी हुई, जिसमें लाखो रुपये अखिलेश ने खर्च कर डाले. उसे लगा कि देवेंद्र नाथ दुबे कुछ मदद करेंगे ही लेकिन वो हुई नहीं. इसके अलावा टीबी की बीमारी भी उसकी जेब खाली करवा रह थी.
अखिलेश को शादी और बीमारी के लिए हुए कर्ज को उतारना था, जिसके चलते उसे पैसों का सख्त जरूरत थी. इसी बीच जब वह घर में काम कर रहा था और मोहिनी अपने जेवर अलमारी से निकाल कर देख रह थीं, अखिलेश की नजर उन गहनों पर पड़ी तो वह एक पल में 15 साल की इमानदारी भूल गया. उसने तय कर लिया कि अब सारे कर्ज इन्हीं जेवरों को बेच कर उतारेगा और बाकी की जिंदगी ऐश से गुजारेगा.
पैर छूकर आशीर्वाद लिया फिर गला दबाकर पेंचकस से किए वार: 26 मई को प्लानिंग के अनुसार अखिलेश और उसका एक साथ रंजीत पूर्व आईएएस के घर के पास सुबह 7 बजे आकर खड़े हो गए. अखिलेश का भाई रवि देवेंद्र नाथ को लेकर गोल्फ क्लब की ओर निकला और अखिलेश को इशारा कर गया.
अखिलेश घर पहुंचा जहां मोहिनी ने दरवाजा खोल उसे उसके मित्र के साथ घर के अंदर ले आईं. रंजीत ने पैर छुए और अखिलेश ने मोहिनी का गला दबा दिया. इसके बाद अखिलेश मोहिनी के सिर पर तब तक पेंचकस मारता रहा जब तक उन्होंने दम नहीं तोड़ दिया. फिर रंजीत और अखिलेश ने अलमारी खोलकर पूरे गहने निकाल लिए और फरार हो गए.
अखिलेश के आंसू पुलिस को शक करने से रोक रहे थे, फिर सीसीटीवी ने खोल दिया राज: पुलिस को शुरुआत जांच में ही यह लग गया था कि यह लूट और हत्या किसी बाहर के नहीं बल्कि अंदर के ही व्यक्ति का हाथ है. यही वजह है कि सीसीटीवी DVR उठा ले गए, पानी से पूरा क्राइम सीन धुला गया था.
मोहिनी के अंतिम संस्कार से लेकर दो दिन तक अखिलेश के आंसू और पूर्व आईएएस का उस पर अटूट भरोसा पुलिस को उस पर शक करने से रोक रहे थे. लेकिन कैंट इलाके के एक सीसीटीवी कैमरे में रंजीत की तस्वीर कैद होने के बाद मानो पुलिस का अखिलेश पर शक गहरा गया और धीरे-धीरे पूरे हत्याकांड से पर्दा उठ गया.
ये है मामला: इंदिरा नगर के सेक्टर-20 में शनिवार को पूर्व आईएएस अधिकारी देवेंद्र नाथ दुबे की 58 वर्षीय पत्नी मोहिनी दुबे की हत्या कर दी गई थी. उनका शव बाथरूम में बने चेंजिंग रूम में मिला था. वारदात के वक्त देवेंद्र नाथ दुबे घर पर नहीं थे, वो गोल्फ खेलने गए थे. जब वो वापस आए तो उन्होंने पत्नी मोहिनी की लाश देखी थी.
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