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यूपी में लखनऊ से बुंदेलखंड तक नए एक्सप्रेस वे दूरी होगी हाफ, रॉकेट जैसे लॉन्च होगी इकॉनमी - Lucknow Bundelkhand Expressway

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की राजधानियों को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे हाईवे का निर्माण जल्द पूरा होने वाला है. इसके लिए 3 अलग-अलग प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं. इस प्रोजेक्ट के बनने से दोनों प्रदेशों की राजधानियों के बीच की दूरी कम हो जाएगी. इससे औद्योगिक विकास की राहें खुलेंगी.

Lucknow Bundelkhand Expressway
औद्योगिक विकास की बढ़ेंगी अपार संभावनाएं (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 4, 2024, 4:43 PM IST

Updated : Sep 4, 2024, 5:03 PM IST

सागर: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने की दिशा में एक नई क्रांतिकारी योजना कुछ ही सालों में आकार लेने वाली है. दरअसल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को तीन अलग-अलग फोर-सिक्स लेन हाईवे के जरिए जोड़ने का काम चल रहा है. दोनों राज्यों की राजधानी को जोड़ने के लिए कानपुर-कबरई हाईवे, कबरई-सागर हाईवे और सागर-भोपाल हाईवे तीन हिस्सों में बनाया जा रहा है. दोनों राजधानियों के जुड़ने से औद्योगिक विकास के साथ पर्यटन और खनन व्यवसाय विकास की नई इबारत लिखेगा. फिलहाल इन दोनों राजधानी के बीच की दूरी करीब 600 किमी है, लेकिन रोड कनेक्टिविटी बेहतर ना होने के कारण आवागमन काफी कम है. फिलहाल, भोपाल से लखनऊ पहुंचने में 15 घंटे तक समय लग जाता है, लेकिन इस योजना के पूरी होते ही ज्यादा से ज्यादा 8 घंटे में सफर तय हो सकेगा.

NHAI UP MP 6 Super Highway Projects
औद्योगिक विकास की खुलेंगी राहें (ETV Bharat)

11 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च में जुड़ेंगी दोनों राजधानियां

देश के दो बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की राजधानी को जोड़ने के लिए जो अलग-अलग तीन सड़कों के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. इनकी लागत 11 हजार 300 करोड़ के लगभग है. हालांकि, तीनों रोड प्रोजेक्ट का अलग-अलग स्तर पर निर्माण हो रहा है. खास बात ये है कि दोनों राजधानियों को जोड़ने में बुंदेलखंड सेतु का काम करेगा. इन प्रोजेक्ट के पूरे होने पर दोनों राजधानियों के बीच सफर सुगम और सरल हो जाएगा.

कानपुर-कबरई मार्ग

कानपुर-कबरई मार्ग यूपी की राजधानी लखनऊ को मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड से जोड़ने का काम करेगा. भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने इस हाईवे के लिए एनओसी जारी कर दी है. इसकी लंबाई करीब 112 किलोमीटर होगी और यमुना एक्सप्रेस वे की तर्ज पर इसका निर्माण किया जाना प्रस्तावित है. ये हाईवे कानपुर शहर, कानपुर देहात, हमीरपुर और महोबा से जुड़ जाएगा. लखनऊ कानपुर हमीरपुर महोबा होते हुए एमपी के बुंदेलखंड के छतरपुर तक जाएगा.

UP Economy integration with MP
दोनों राजधानियों के बीच की दूरी होगी कम (ETV Bharat)

कबरई से सागर फोर टू सिक्स लेन हाईवे

यूपी और एमपी को जोड़ने कबरई-सागर फोर टू सिक्स लेन का काम पिछले करीब 5 साल से चल रहा है. 223 किलोमीटर के फोर टू सिक्स लेन हाईवे की 2026 में तैयार हो जाने की संभावना है. खास बात ये है कि फिलहाल ये हाईवे सिर्फ टू लेन है. इस परियोजना का जमीन अधिग्रहण का काम एक तरह से पूरा हो गया है. ये फोरलेन सागर से निकलकर बंडा, दलपततुर, शाहगढ़, बडा मलहरा, गुलगंज, छतरपुर, गढ़ी मलहरा, श्रीनगर और महोबा तक बनाया जा रहा है.

सागर-भोपाल हाईवे

दूसरी तरफ सागर-भोपाल हाईवे भी नए सिरे से तैयार किया जा रहा है. इसके निर्माण से सागर भोपाल के बीच की दूरी भी कम होने जा रही है. सागर भोपाल के बीच की दूरी महज 150 किमी रह जाएगी. सागर भोपाल मार्ग फिलहाल टू लेन है. भोपाल से रायसेन होकर विदिशा तक नेशनल हाइवे 45 मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है, जो पहले महज 10 मीटर चौड़ा है. इसकी चौड़ाई दोनों तरफ 20 मीटर तक बढ़ाई जा रही है. इसके बाद दूसरे चरण में विदिशा से सागर तक चौड़ीकरण किया जाएगा. इस तरह भोपाल से सागर तक हाइवे फोरलेन में बदल जाएगा.

यहां पढ़ें...

बुंदेलखंड और बघेलखंड के पर्यटन की तस्वीर बदल देगा ग्रीनफील्ड हाईवे, एक साथ जुडेंगे कई पर्यटन केंद्र

मध्य प्रदेश की तस्वीर बदलेंगे नेशनल हाईवे, दिल्ली में इन प्रोजक्ट्स पर होगी चर्चा

बुंंदेलखड बनेगा सेतु, औद्योगिक विकास की नई तस्वीर

ये तीन नेशनल हाईवे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास की नई कहानी गढ़ने जा रहे हैं. यूपी की राजधानी लखनऊ के अलावा औद्योगिक नगर कानपुर और कई जिले इस प्रोजेक्ट के जरिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर, देवास जैसी औद्योगिक शहर से आसानी से जुड़ जाएंगे. इन दोनों राज्यों को जोड़ने में बुंदेलखंड सेतु का काम कर रहा है. इस परियोजना के पूरे होते ही एमपी और यूपी के बुंदेलखंड की तस्वीर बदल जाएगी और औद्योगिक विकास में लंबी छलांग का काम करेगा. इसके अलावा दोनों बुंदेलखंड के पर्यटन खनन व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा. 426 लेन हाईवे के कारण कई तरह के नए व्यवसाय इस 600 किमी के एरिया में आकार लेंगे. यूपी-एमपी के बुंदेलखंड पर लगा पिछड़ापन का टैग परियोजना के पूरे होने के बाद हट जाएगा.

सागर: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने की दिशा में एक नई क्रांतिकारी योजना कुछ ही सालों में आकार लेने वाली है. दरअसल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को तीन अलग-अलग फोर-सिक्स लेन हाईवे के जरिए जोड़ने का काम चल रहा है. दोनों राज्यों की राजधानी को जोड़ने के लिए कानपुर-कबरई हाईवे, कबरई-सागर हाईवे और सागर-भोपाल हाईवे तीन हिस्सों में बनाया जा रहा है. दोनों राजधानियों के जुड़ने से औद्योगिक विकास के साथ पर्यटन और खनन व्यवसाय विकास की नई इबारत लिखेगा. फिलहाल इन दोनों राजधानी के बीच की दूरी करीब 600 किमी है, लेकिन रोड कनेक्टिविटी बेहतर ना होने के कारण आवागमन काफी कम है. फिलहाल, भोपाल से लखनऊ पहुंचने में 15 घंटे तक समय लग जाता है, लेकिन इस योजना के पूरी होते ही ज्यादा से ज्यादा 8 घंटे में सफर तय हो सकेगा.

NHAI UP MP 6 Super Highway Projects
औद्योगिक विकास की खुलेंगी राहें (ETV Bharat)

11 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च में जुड़ेंगी दोनों राजधानियां

देश के दो बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की राजधानी को जोड़ने के लिए जो अलग-अलग तीन सड़कों के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. इनकी लागत 11 हजार 300 करोड़ के लगभग है. हालांकि, तीनों रोड प्रोजेक्ट का अलग-अलग स्तर पर निर्माण हो रहा है. खास बात ये है कि दोनों राजधानियों को जोड़ने में बुंदेलखंड सेतु का काम करेगा. इन प्रोजेक्ट के पूरे होने पर दोनों राजधानियों के बीच सफर सुगम और सरल हो जाएगा.

कानपुर-कबरई मार्ग

कानपुर-कबरई मार्ग यूपी की राजधानी लखनऊ को मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड से जोड़ने का काम करेगा. भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने इस हाईवे के लिए एनओसी जारी कर दी है. इसकी लंबाई करीब 112 किलोमीटर होगी और यमुना एक्सप्रेस वे की तर्ज पर इसका निर्माण किया जाना प्रस्तावित है. ये हाईवे कानपुर शहर, कानपुर देहात, हमीरपुर और महोबा से जुड़ जाएगा. लखनऊ कानपुर हमीरपुर महोबा होते हुए एमपी के बुंदेलखंड के छतरपुर तक जाएगा.

UP Economy integration with MP
दोनों राजधानियों के बीच की दूरी होगी कम (ETV Bharat)

कबरई से सागर फोर टू सिक्स लेन हाईवे

यूपी और एमपी को जोड़ने कबरई-सागर फोर टू सिक्स लेन का काम पिछले करीब 5 साल से चल रहा है. 223 किलोमीटर के फोर टू सिक्स लेन हाईवे की 2026 में तैयार हो जाने की संभावना है. खास बात ये है कि फिलहाल ये हाईवे सिर्फ टू लेन है. इस परियोजना का जमीन अधिग्रहण का काम एक तरह से पूरा हो गया है. ये फोरलेन सागर से निकलकर बंडा, दलपततुर, शाहगढ़, बडा मलहरा, गुलगंज, छतरपुर, गढ़ी मलहरा, श्रीनगर और महोबा तक बनाया जा रहा है.

सागर-भोपाल हाईवे

दूसरी तरफ सागर-भोपाल हाईवे भी नए सिरे से तैयार किया जा रहा है. इसके निर्माण से सागर भोपाल के बीच की दूरी भी कम होने जा रही है. सागर भोपाल के बीच की दूरी महज 150 किमी रह जाएगी. सागर भोपाल मार्ग फिलहाल टू लेन है. भोपाल से रायसेन होकर विदिशा तक नेशनल हाइवे 45 मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है, जो पहले महज 10 मीटर चौड़ा है. इसकी चौड़ाई दोनों तरफ 20 मीटर तक बढ़ाई जा रही है. इसके बाद दूसरे चरण में विदिशा से सागर तक चौड़ीकरण किया जाएगा. इस तरह भोपाल से सागर तक हाइवे फोरलेन में बदल जाएगा.

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बुंंदेलखड बनेगा सेतु, औद्योगिक विकास की नई तस्वीर

ये तीन नेशनल हाईवे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास की नई कहानी गढ़ने जा रहे हैं. यूपी की राजधानी लखनऊ के अलावा औद्योगिक नगर कानपुर और कई जिले इस प्रोजेक्ट के जरिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर, देवास जैसी औद्योगिक शहर से आसानी से जुड़ जाएंगे. इन दोनों राज्यों को जोड़ने में बुंदेलखंड सेतु का काम कर रहा है. इस परियोजना के पूरे होते ही एमपी और यूपी के बुंदेलखंड की तस्वीर बदल जाएगी और औद्योगिक विकास में लंबी छलांग का काम करेगा. इसके अलावा दोनों बुंदेलखंड के पर्यटन खनन व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा. 426 लेन हाईवे के कारण कई तरह के नए व्यवसाय इस 600 किमी के एरिया में आकार लेंगे. यूपी-एमपी के बुंदेलखंड पर लगा पिछड़ापन का टैग परियोजना के पूरे होने के बाद हट जाएगा.

Last Updated : Sep 4, 2024, 5:03 PM IST
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