कुल्लू: एशिया की दूसरी सबसे बड़ी सहकारी सोसायटी लाहौल आलू उत्पादक संघ (LPS) पर कुप्रबंधन के कारण संकट के बादल छा गए हैं. देनदारी का भुगतान न होने पर कांगड़ा बैंक ने एलपीएस के मनाली स्थित होटल चंद्रमुखी पर ताला लगा दिया है. हालांकि नई कार्यकारिणी के चुनाव हो गए हैं, लेकिन मामला कोर्ट में होने के कारण चेयरमैन का चयन होना अभी बाकी है.
2017 में लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप
साल 1960 के दशक में अस्तित्व में आने के बाद सोसायटी कुछ ही समय में प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश की जानी-मानी सहकारी संस्थाओं में शुमार हो गई. एलपीएस जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की आर्थिकी बढ़ाने में कई सालों तक अहम भूमिका निभाती रही है. साल 2017 में एलपीएस की आम सभा में जिला परिषद सदस्य सुदर्शन जस्पा ने एलपीएस प्रबंधन और बोर्ड के पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और इसकी जांच करने की मांग की थी. इसके बाद उन्होंने कोऑपरेटिव सोसायटी शिमला के रजिस्ट्रार से इसकी शिकायत की थी.
2019 में भंग की गई थी सोसायटी
भ्रष्टाचार और गबन के आरोप साबित होने पर करोड़ों रुपए का कारोबार करने वाली लाहौल पोटैटो सोसायटी मई 2019 को भंग कर दी गई थी. जिस संस्था में सदस्यों की संख्या लगभग 2500 थी. वहां अब सक्रिय सदस्यों की संख्या मात्र 380 ही रह गई है. लाहौल घाटी में जिस दौरान अटल टनल नहीं बनी थी, उस समय सोसायटी लाहौल के क्षेत्रों के लोगों को सालों तक सस्ते दामों पर राशन घर-घर तक पहुंचा कर देती थी. साल 2019 में गठित बोर्ड के चेयरमैन सुदर्शन जस्पा पूर्व कार्यकारिणी को दोष देते रहे. जबकि पूर्व में एमडी रहे कमल 2019 में बनी कार्यकारिणी को इसका जिम्मेदार ठहराते रहे. हालांकि करोड़ों के टर्नओवर की सोसायटी को इस हाल तक पहुंचाने में किसका हाथ है? ये मामला अभी कोर्ट में चल रहा है.
लाहौल पोटैटो सोसायटी के एमडी राज ने बताया, "कांगड़ा सहकारी बैंक ने देनदारी का भुगतान न होने के चलते सोसायटी के चंद्रमुखी होटल में ताला लगा दिया है. अब सोसायटी द्वारा इसको लेकर आगामी कारवाई की जा रही है."