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2019 लोकसभा चुनाव की सबसे बड़ी और छोटी जीत, इस बार भी दिलचस्प है इन सीटों पर मुकाबला - Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024 : बिहार में लोकसभा चुनाव 2019 में बड़ी जीत और जीत के कम अंतर ने रिकॉर्ड बनाया है. दोनों ही रिकॉर्ड एनडीए प्रत्याशियों के नाम रहा. सबसे ज्यादा जीत का अंतर बिहार के मधुबनी में हुकुम नारायण यादव के बेटे अशोक कुमार यादव के नाम रहा. उन्होंने कई लाख मतों से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को हराया. तो वहीं चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने सबसे कम वोट के अंतर से जीत हासिल की. 2024 का लोकसभा चुनाव भी दिलचस्प हो गया है. पढ़ें पूरी खबर-

LOK SABHA ELECTION 2024
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 30, 2024, 7:15 PM IST

देखें रिपोर्ट

पटना : 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए ने एक तरफ जीत हासिल की थी। 40 में से 39 सीट एनडीए के खाते में गई थी। एक दिलचस्प पहलू यह है कि सबसे ज्यादा मतों से जीत का रिकॉर्ड मधुबनी से बीजेपी के प्रत्याशी अशोक यादव ने बनाया. वहीं, सबसे कम वोट से जीत जहानाबाद से जदयू के चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने हासिल किया. मधुबनी से बीजेपी के प्रत्याशी अशोक कुमार यादव ने 4 लाख 54 हजार 106 मतों से जीत हासिल की. वहीं जहानाबाद से जदयू के चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी 1751 मतों से जीत हासिल कर सके. 2024 चुनाव में दोनों पर पार्टी ने भरोसा किया. मधुबनी और जहानाबाद से एक बार फिर यह दोनों प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.


2019 में बिहार में सबसे बड़ी जीत : मधुबनी लोकसभा सीट से एनडीए के भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार यादव ने रिकॉर्ड जीत हासिल की. उन्होंने वीआईपी के उम्मीदवार बद्री कुमार पूर्वे को चार लाख 54 हजार 106 मतों के भारी अंतर से पराजित किया. भाजपा के अशोक कुमार यादव को पांच लाख 94 हजार 811 मत मिले, जबकि वीआईपी के बद्री कुमार पूर्वे को एक लाख 40 हजार 705 मत मिले. तीसरे स्थांन पर निर्दलीय उम्मीदवार शकील अहमद रहे. उन्हें एक लाख 31 हजार 416 मत हासिल किया. इस क्षेत्र से भाजपा जीत की हैट्रिक लगाने में सफल रही.

ईटीवी भारत GFX.
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NDA का दबदबा : मधुबनी लोकसभा में कुल 6 विधानसभा सीट है. जिसमें मधुबनी जिले की 4 सीट और दरभंगा जिले की 2 सीट आती है. 6 विधानसभा में से 4 पर बीजेपी, 1-1 JDU और RJD का कब्जा है. हरलाखी विधानसभा सीट से अभी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सुधांशु शेखर विधायक हैं. बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विनोद नारायण झा विधायक हैं. बिस्फी विधानसभा सीट से बीजेपी हरिभूषण ठाकुर विधायक हैं. मधुबनी विधानसभा सीट से आरजेडी के समीर कुमार महासेठ विधायक हैं. केवटी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के मुरारी मोहन झा के पास है. जाले विधानसभा सीट से बीजेपी जीवेश कुमार विधायक हैं.

मधुबनी का समीकरण : मधुबनी लोकसभा क्षेत्र बीजेपी के लिए परंपरागत सीट रही है. यहां से हुकुमदेव नारायण यादव पांच बार सांसद चुने गए. 2019 में उनके पुत्र अशोक कुमार यादव ने यहां से रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के बारे में की धारणा है कि यहां आरजेडी का MY समीकरण नहीं चलता है. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के यादव मतदाताओं पर भी हुकुमदेव यादव के परिवार का पकड़ है. यही कारण है कि अच्छी संख्या में यादव मतदाता बीजेपी को वोट करते आ रहे हैं. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में जतीय समीकरण की बात करें तो यहां 34% मतदाता अति पिछड़ा वर्ग के हैं, जिसमें 14%यादव, 6% कोयरी, 11% दलित मतदाता हैं. 12 से 13 फीसदी ब्राह्मण और 12% फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं.

2024 का मुकाबला : 2024 लोकसभा चुनाव में एक बार बीजेपी में फिर से अशोक कुमार यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है. इस बार उनका मुकाबला राजद के दिग्गज नेता रहे अली अशरफ फ़ातमी से है. अली असरफ फ़ातमी दरभंगा से चार बार सांसद रह चुके हैं. फातमी की मिथिलांचल के बड़े अल्पसंख्यक चेहरे में गिनती होती है. अशोक यादव का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मिथिलांचल के लिए जितना काम किया है. उतना किसी भी शासनकाल में नहीं हुआ. मिथिलांचल में सड़कों का जाल बिछाया गया दरभंगा में एयरपोर्ट दिया गया एम्स का निर्माण करवाया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी के कामों और उनके द्वारा क्षेत्र की समस्याओं को समय-समय पर सदन में उठाए जाने का लाभ क्षेत्र की जनता को मिला है. उन्हें उम्मीद है कि एक बार यहां की जनता उन्हें फिर से अपना आशीर्वाद देगी.

ईटीवी भारत GFX.
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सबसे कम अंतर से जीत : 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार के जहानाबाद से जदयू के चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी चुनावी मैदान में थे. उनका मुकाबला राजद के बाहुबली नेता सुरेंद्र प्रसाद यादव से था. भूमिहार एवं यादव बहुल जहानाबाद सीट पर नीतीश कुमार ने एक नया प्रयोग किया था और अतिपिछड़ा समुदाय के चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को अपना उम्मीदवार बनाया था. 2019 लोकसभा चुनाव जहानाबाद में बड़ा ही दिलचस्प हुआ. कांटे की टक्कर में चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने राजद के बाहुबली नेता सुरेंद्र यादव को 1751 मत से पराजित किया. 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार में वह सबसे कम अंतर से चुनावी जीत थी.

जहानाबाद में महागठबंधन मजबूत : जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र में, जहानाबाद, घोसी, मखदुमपुर, कुर्था, अरवल, गया जिले की अतरी विधानसभा क्षेत्र शामिल है. जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र की सभी 6 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है. चार सीट पर राजद और दो सीट पर सीपीआईएमएल का कब्जा है. जहानाबाद से आरजेडी से सुदय यादव, मखदुमपुर से आरजेडी से सतीश दास, कुर्था से राजद के बागी प्रसाद वर्मा और अतरी से राजद के अजय यादव विधायक हैं. सीपीआईएमएल का 2 सीटों पर कब्जा है. घोसी से रामबली सिंह यादव और अरवल से महानंद सिंह विधायक हैं.

जहानाबाद का जातीय समीकरण : जहानाबाद संसदीय क्षेत्र में भूमिहार और यादव वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. यही कारण है कि इस सीट पर यादव और भूमिहार कैंडिडेट ही अधिकतर जीतकर आते हैं. कुशवाहा, कुर्मी, पासवान और मुस्लिम वोटरों की संख्या भी ठीक है. जो प्रत्याशी के जीत और हार में अहम भूमिका निभाते हैं. इस सीट का एक और इतिहास है 1996 के बाद से यहां की जनता ने किसी को लगातार दूसरी बार लोकसभा नहीं भेजा.

2024 का मुकाबला : जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र में 2024 में भी एक बार वर्तमान सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी का मुकाबला राजद के बाहुबली नेता सुरेंद्र प्रसाद यादव से ही होगा. चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के द्वारा पिछले 10 वर्षों में किए गए काम और बिहार में विकास पुरुष नीतीश कुमार के स्पष्ट विजन के आधार पर जनता एक बार उनको फिर से मौका देगी.

क्या कहते हैं जानकर : वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि ''मधुबनी सीट पर अशोक यादव ने पिछले चुनाव में रिकॉर्ड वोट से जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार उनका मुकाबला चार बार के सांसद रह चुके राजद के नेता अली अशरफ फ़ातमी से है. पिछली बार VIP से अशोक यादव का मुकाबला हुआ था और इस बार राजद और वीआईपी संयुक्त रूप से उनके खिलाफ प्रत्याशी दिए हैं. रवि उपाध्याय का कहना है कि इस बार मधुबनी लोकसभा क्षेत्र की लड़ाई बहुत ही दिलचस्प होगी.''

वहीं जहानाबाद लोकसभा सीट पर पिछली बार चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी का मुकाबला बाहुबली सुरेंद्र यादव से हुआ था और इस बार भी यही देखने को मिल रहा है. जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि ''2024 में जहानाबाद सीट से चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के लिए मुश्किल इसीलिए खड़ी हो सकती है क्योंकि पूर्व सांसद अरुण कुमार BSP से और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आशुतोष कुमार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. यदि यह दोनों खड़ा होते हैं तो चंदेश्वर चंद्रवंशी के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है.''

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पटना : 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए ने एक तरफ जीत हासिल की थी। 40 में से 39 सीट एनडीए के खाते में गई थी। एक दिलचस्प पहलू यह है कि सबसे ज्यादा मतों से जीत का रिकॉर्ड मधुबनी से बीजेपी के प्रत्याशी अशोक यादव ने बनाया. वहीं, सबसे कम वोट से जीत जहानाबाद से जदयू के चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने हासिल किया. मधुबनी से बीजेपी के प्रत्याशी अशोक कुमार यादव ने 4 लाख 54 हजार 106 मतों से जीत हासिल की. वहीं जहानाबाद से जदयू के चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी 1751 मतों से जीत हासिल कर सके. 2024 चुनाव में दोनों पर पार्टी ने भरोसा किया. मधुबनी और जहानाबाद से एक बार फिर यह दोनों प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.


2019 में बिहार में सबसे बड़ी जीत : मधुबनी लोकसभा सीट से एनडीए के भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार यादव ने रिकॉर्ड जीत हासिल की. उन्होंने वीआईपी के उम्मीदवार बद्री कुमार पूर्वे को चार लाख 54 हजार 106 मतों के भारी अंतर से पराजित किया. भाजपा के अशोक कुमार यादव को पांच लाख 94 हजार 811 मत मिले, जबकि वीआईपी के बद्री कुमार पूर्वे को एक लाख 40 हजार 705 मत मिले. तीसरे स्थांन पर निर्दलीय उम्मीदवार शकील अहमद रहे. उन्हें एक लाख 31 हजार 416 मत हासिल किया. इस क्षेत्र से भाजपा जीत की हैट्रिक लगाने में सफल रही.

ईटीवी भारत GFX.
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NDA का दबदबा : मधुबनी लोकसभा में कुल 6 विधानसभा सीट है. जिसमें मधुबनी जिले की 4 सीट और दरभंगा जिले की 2 सीट आती है. 6 विधानसभा में से 4 पर बीजेपी, 1-1 JDU और RJD का कब्जा है. हरलाखी विधानसभा सीट से अभी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सुधांशु शेखर विधायक हैं. बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विनोद नारायण झा विधायक हैं. बिस्फी विधानसभा सीट से बीजेपी हरिभूषण ठाकुर विधायक हैं. मधुबनी विधानसभा सीट से आरजेडी के समीर कुमार महासेठ विधायक हैं. केवटी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के मुरारी मोहन झा के पास है. जाले विधानसभा सीट से बीजेपी जीवेश कुमार विधायक हैं.

मधुबनी का समीकरण : मधुबनी लोकसभा क्षेत्र बीजेपी के लिए परंपरागत सीट रही है. यहां से हुकुमदेव नारायण यादव पांच बार सांसद चुने गए. 2019 में उनके पुत्र अशोक कुमार यादव ने यहां से रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के बारे में की धारणा है कि यहां आरजेडी का MY समीकरण नहीं चलता है. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के यादव मतदाताओं पर भी हुकुमदेव यादव के परिवार का पकड़ है. यही कारण है कि अच्छी संख्या में यादव मतदाता बीजेपी को वोट करते आ रहे हैं. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में जतीय समीकरण की बात करें तो यहां 34% मतदाता अति पिछड़ा वर्ग के हैं, जिसमें 14%यादव, 6% कोयरी, 11% दलित मतदाता हैं. 12 से 13 फीसदी ब्राह्मण और 12% फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं.

2024 का मुकाबला : 2024 लोकसभा चुनाव में एक बार बीजेपी में फिर से अशोक कुमार यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है. इस बार उनका मुकाबला राजद के दिग्गज नेता रहे अली अशरफ फ़ातमी से है. अली असरफ फ़ातमी दरभंगा से चार बार सांसद रह चुके हैं. फातमी की मिथिलांचल के बड़े अल्पसंख्यक चेहरे में गिनती होती है. अशोक यादव का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मिथिलांचल के लिए जितना काम किया है. उतना किसी भी शासनकाल में नहीं हुआ. मिथिलांचल में सड़कों का जाल बिछाया गया दरभंगा में एयरपोर्ट दिया गया एम्स का निर्माण करवाया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी के कामों और उनके द्वारा क्षेत्र की समस्याओं को समय-समय पर सदन में उठाए जाने का लाभ क्षेत्र की जनता को मिला है. उन्हें उम्मीद है कि एक बार यहां की जनता उन्हें फिर से अपना आशीर्वाद देगी.

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सबसे कम अंतर से जीत : 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार के जहानाबाद से जदयू के चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी चुनावी मैदान में थे. उनका मुकाबला राजद के बाहुबली नेता सुरेंद्र प्रसाद यादव से था. भूमिहार एवं यादव बहुल जहानाबाद सीट पर नीतीश कुमार ने एक नया प्रयोग किया था और अतिपिछड़ा समुदाय के चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को अपना उम्मीदवार बनाया था. 2019 लोकसभा चुनाव जहानाबाद में बड़ा ही दिलचस्प हुआ. कांटे की टक्कर में चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने राजद के बाहुबली नेता सुरेंद्र यादव को 1751 मत से पराजित किया. 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार में वह सबसे कम अंतर से चुनावी जीत थी.

जहानाबाद में महागठबंधन मजबूत : जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र में, जहानाबाद, घोसी, मखदुमपुर, कुर्था, अरवल, गया जिले की अतरी विधानसभा क्षेत्र शामिल है. जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र की सभी 6 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है. चार सीट पर राजद और दो सीट पर सीपीआईएमएल का कब्जा है. जहानाबाद से आरजेडी से सुदय यादव, मखदुमपुर से आरजेडी से सतीश दास, कुर्था से राजद के बागी प्रसाद वर्मा और अतरी से राजद के अजय यादव विधायक हैं. सीपीआईएमएल का 2 सीटों पर कब्जा है. घोसी से रामबली सिंह यादव और अरवल से महानंद सिंह विधायक हैं.

जहानाबाद का जातीय समीकरण : जहानाबाद संसदीय क्षेत्र में भूमिहार और यादव वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. यही कारण है कि इस सीट पर यादव और भूमिहार कैंडिडेट ही अधिकतर जीतकर आते हैं. कुशवाहा, कुर्मी, पासवान और मुस्लिम वोटरों की संख्या भी ठीक है. जो प्रत्याशी के जीत और हार में अहम भूमिका निभाते हैं. इस सीट का एक और इतिहास है 1996 के बाद से यहां की जनता ने किसी को लगातार दूसरी बार लोकसभा नहीं भेजा.

2024 का मुकाबला : जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र में 2024 में भी एक बार वर्तमान सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी का मुकाबला राजद के बाहुबली नेता सुरेंद्र प्रसाद यादव से ही होगा. चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के द्वारा पिछले 10 वर्षों में किए गए काम और बिहार में विकास पुरुष नीतीश कुमार के स्पष्ट विजन के आधार पर जनता एक बार उनको फिर से मौका देगी.

क्या कहते हैं जानकर : वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि ''मधुबनी सीट पर अशोक यादव ने पिछले चुनाव में रिकॉर्ड वोट से जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार उनका मुकाबला चार बार के सांसद रह चुके राजद के नेता अली अशरफ फ़ातमी से है. पिछली बार VIP से अशोक यादव का मुकाबला हुआ था और इस बार राजद और वीआईपी संयुक्त रूप से उनके खिलाफ प्रत्याशी दिए हैं. रवि उपाध्याय का कहना है कि इस बार मधुबनी लोकसभा क्षेत्र की लड़ाई बहुत ही दिलचस्प होगी.''

वहीं जहानाबाद लोकसभा सीट पर पिछली बार चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी का मुकाबला बाहुबली सुरेंद्र यादव से हुआ था और इस बार भी यही देखने को मिल रहा है. जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि ''2024 में जहानाबाद सीट से चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के लिए मुश्किल इसीलिए खड़ी हो सकती है क्योंकि पूर्व सांसद अरुण कुमार BSP से और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आशुतोष कुमार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. यदि यह दोनों खड़ा होते हैं तो चंदेश्वर चंद्रवंशी के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है.''

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