कन्नौज/अलीगढ़: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर छिबरामऊ पहुंचे. यहां राजभर एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम के बाद ओम प्रकाश राजभर मीडिया से रूबरू हुए. मीडिया ने पूछा कि बिहार में एक बार फिर से नीतीश कुमार ने दल बदलकर सबको चौका दिया. आप भी दल बदलते रहते हैं. क्या इससे जनता को नुकसान नहीं होता है? इस पर ओम प्रकाश राजभर ने जवाब को घुमाते हुए सारा ठीकरा अखिलेश यादव पर फोड़ दिया.
उन्होंने कहा कि पहले अखिलेश यादव से पूछिए उन्होंने कितने दल बदले हैं. जब पत्रकारों ने कहा कि आप अपनी बात कीजिए तो ओम प्रकाश राजभर पत्रकारों पर भड़क गए. उन्होंने पहले तो पत्रकारों से पूछा कि आप लोग चैनल क्यों बदलते हैं तो पत्रकारों ने कहा ये तो नौकरी है. लेकिन, आप जनसेवक हैं, इस पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अब पहले जैसे वाली राजनीति नहीं रह गई है. अवसर वादियों की राजनीति हो गई है. उन्होंने कहा कि आज का नेता अवसरवादी हो गया है. इस बयान से एक बार फिर राजनीति गरम हो सकती है.
पत्रकारों ने पूछा कि दल बदलने के बाद आपकी विश्वनीयता कम हो रही है. इस पर भड़कते हुए ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव की विश्वनीय भी कम हो रही है. अखिलेश यादव से पूछना आजमगढ़ कैसे जीते हैं. अखिलेश यादव तो एसी रूम में बैठकर मोबाइल में लूडो खेल रहे थे. अबकी बार अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनाव लड़कर दिखाएं, उनको औकात मालूम पड़ जाएगी.
वहीं, अलीगढ़ में कासिमपुर क्षेत्र के हरदोई में बंजारा अधिकार महारैली को संबोधित करने पहुंचे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने इंडिया गठबंधन और अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की केवल दो सीटें बची हैं. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में पूर्ण बहुमत के साथ एनडीए ने चुनाव जीता है. उन्होंने महागठबंधन बनाया. ममता बनर्जी ने गठबंधन के लिए मना कर दिया. पंजाब में भी मना कर गया. बिहार में नीतीश बीजेपी के साथ आ गए. अब दिल्ली का नंबर है. बचा कौन है. सबको अकेले चुनाव लड़ना है.
सीएए कानून लागू करने के सवाल पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हम भी इसके पक्षधर हैं. सही मायने में गणना हो, गिनती हो जाए. सामान नागरिक संहिता की बात है तो दो तरह का कानून नहीं होना चाहिए. जब संविधान एक है तो एक ही कानून होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके पक्षधर बाबा साहब अंबेडकर भी थे. कांग्रेस लंबे समय तक रही. लेकिन, इसे नहीं लागू कर पाई. आज भाजपा उस काम को कर रही है तो विपक्ष के लोग सिर्फ विरोध का काम कर रहे हैं.
वहीं, मदरसे में हिंदू धर्म की पढ़ाई पर उन्होंने कहा कि जब संविधान एक है, देश एक है, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति एक है, हम एक कानून की वकालत करते हैं. फिर एक समान शिक्षा क्यों नहीं लागू होती है? इस बात को लेकर हम लड़ाई लड़ते हैं. मदरसे में अलग पढ़ाई, कान्वेंट व प्राइमरी में अलग पढ़ाई क्यों हो रही है. मीडिया से बात करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि आजादी के बाद से बंजारा समाज वंचित और शोषित है.
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