नई दिल्ली: देश भर में लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से प्रचार-प्रसार में जुटी है. राजनीतिक दलों के नेता अपने हित में मतदान करने के लिए मतदाताओं को रुझाने का प्रयास कर रहे हैं. अगर राजधानी की बात करें तो दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर इस बार इंडिया गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी के बीच मुकाबला है.
2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को जीत दिलाने में ऑटो चालकों की भूमिका काफी अहम रही थी. तब AAP ने प्रचार के लिए बड़े पैमाने पर ऑटो-रिक्शा का इस्तेमाल किया था. ऐसे में लोकसभा चुनाव को लेकर दिल्ली के ऑटो चालक किन मुद्दों को लेकर इस बार मतदान करेंगे, इन बातों को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने पुष्प विहार स्थित ऑटो स्टैंड पर जाकर ऑटो चालकों से बातचीत की.
ईटीवी भारत से बातचीत में ऑटो चालकों ने बताया कि आगामी चुनाव को लेकर उनके मुद्दे स्पष्ट हैं. दिल्ली में महिलाओं को फ्री बस यात्रा और प्राइवेट दोपहिया बाइक टैक्सी सर्विस के चलते ऑटो चालकों का हाल बेहाल है. उन्होंने बताया कि जब से दिल्ली में यह सब सर्विस चालू हुई है तब से ऑटो चालकों की कमाई आधी हो गई है. उदाहरण के तौर पर जहां पहले दो से तीन हजार रुपए की कमाई होती थी, अब वह कमाई घटकर सिर्फ 1000 रुपए रह गई है. ऊपर से बढ़ते सीएनजी के दामों ने ऑटो चालकों की कमर तोड़ दी है. लोग अब ऑटो में ना जाकर कमर्शियल कैब और बाइक कैब सर्विस का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं.
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बता दें, बातचीत के दौरान कुछ ऑटो चालकों ने दिल्ली सरकार के कार्यों से खुश होकर इंडिया गठबंधन को मतदान करने की बात कही. तो कुछ ऑटो चालकों ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार के द्वारा ऑटो चालकों के हित में कोई कार्य नहीं किया गया. ऐसे में मौजूदा सरकार के प्रति ऑटो चालकों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. अब देखना होगा कि इस बार पहले की तरह दिल्ली के ऑटो वाले आम आदमी पार्टी पर भरोसा जताते हैं या फिर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पर.