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नोटा से हार गए राजस्थान के 189 प्रत्याशी, सबसे ज्यादा उदयपुर के लोगों ने दबाया NOTA का बटन - Lok Sabha Election Results 2024

Rajasthan Election 2024 Results, लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम में बड़ी बात सामने आई है. राजस्थान में 189 प्रत्याशी 'नोटा' से हार गए. सबसे ज्यादा उदयपुर के लोगों ने नोटा का बटन दबाया.

Lok Sabha Election Results 2024
राजस्थान लोकसभा चुनाव 2024 (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 6, 2024, 5:32 PM IST

भरतपुर. लोकसभा चुनाव का परिणाम सामने आ चुका है. राजस्थान में 14 सीट पर भाजपा तो 11 सीटों पर कांग्रेस व अन्य सहयोगी दलों ने जीत हासिल की है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश में लोकसभा चुनावी मैदान में उतरे कुल 266 प्रत्याशियों में से 189 प्रत्याशी नोटा (नॉन ऑफ द एबव/उपरोक्त में से कोई नहीं) से हार गए. यानी नोटा को प्रदेश के 189 प्रत्याशियों से अधिक वोट मिले हैं. राजस्थान में कुल 2,80,246 लोगों ने नोटा का बटन दबाकर सभी प्रत्याशियों को नकारा दिया. इनमें सबसे ज्यादा उदयपुर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने नोटा को वोट (22,948) दिए.

यहां सबसे ज्यादा नोटा को वोट : निर्वाचन विभाग के आंकड़ों की मानें तो लोकसभा चुनाव 2024 में प्रदेश की जनता ने जमकर नोटा का बटन दबाया. इनमें सबसे ज्यादा नोटा को वोट उदयपुर में 22,948, बांसवाड़ा में 20,970, जालोर में 18,459, बाड़मेर में 17,903 और झालावाड़-बारां में 16,027 मिले.

Lok Sabha Election Results 2024
नोटा से हार गए प्रदेश के 189 प्रत्याशी (ETV Bharat GFX)

नोटा से सबसे ज्यादा यहां के प्रत्याशी हारे : प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कुल 266 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन इनमें से 189 प्रत्याशी नोटा के बराबर भी वोट हासिल नहीं कर पाए. लोकसभा क्षेत्र जयपुर ग्रामीण, जोधपुर और कोटा के 13-13 प्रत्याशियों को नोटा ने शिकस्त दी. जबकि अजमेर के 12 प्रत्याशी, जयपुर के 11 प्रत्याशी, चूरू, सीकर, जालौर व चित्तौड़गढ़ के 10-10 प्रत्याशी, पाली के 9, टोंक-सवाई माधोपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा के 8-8 प्रत्याशी, बाड़मेर के 7, गंगानगर, बीकानेर, अलवर के 6-6 प्रत्याशी समेत कुल 189 को नोटा ने पीछे छोड़ दिया.

पढ़ें : लोकसभा चुनाव के नतीजों में नेता प्रतिपक्ष जूली और मंत्री संजय की बची साख, ललित अपने ही क्षेत्र में पिछड़े, खैरिया भी नहीं दिला सके लीड - Lok Sabha Election Results

ऐसे समझिए नोटा : नोटा का मतलब है, इनमें से कोई नहीं. यदि मतदाता को राजनीतिक पार्टियों का कोई प्रत्याशी पसंद ना हो और मतदाता इनमें से किसी को वोट नहीं देना चाहता है, तो वो नोटा का बटन दबा सकता है. निर्वाचन आयोग ने ऐसे ही मतदाताओं के लिए नोटा की व्यवस्था की है. मतगणना के समय नोटा के वोट भी गिने जाते हैं. ईवीएम से पहले जब बैलेट पेपर से मतदान होता था तो मतदाता बैलेट पेपर को खाली छोड़कर अपना विरोध दर्ज कराता था.

प्रदेश में 43 हजार से अधिक वोट रिजेक्ट : प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 43,463 वोट रिजेक्ट हो गए. ये सभी वोट पोस्टल बैलट पेपर से डाले गए थे. यानी सभी पोस्टल बैलट पेपर शिक्षित और प्रशिक्षित कर्मचारियों के थे, लेकिन पोस्टल बैलट पेपर कटा-फटा होने, औपचारिकता पूरी नहीं होने की वजह से रिजेक्ट कर दिए गए.

भरतपुर. लोकसभा चुनाव का परिणाम सामने आ चुका है. राजस्थान में 14 सीट पर भाजपा तो 11 सीटों पर कांग्रेस व अन्य सहयोगी दलों ने जीत हासिल की है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश में लोकसभा चुनावी मैदान में उतरे कुल 266 प्रत्याशियों में से 189 प्रत्याशी नोटा (नॉन ऑफ द एबव/उपरोक्त में से कोई नहीं) से हार गए. यानी नोटा को प्रदेश के 189 प्रत्याशियों से अधिक वोट मिले हैं. राजस्थान में कुल 2,80,246 लोगों ने नोटा का बटन दबाकर सभी प्रत्याशियों को नकारा दिया. इनमें सबसे ज्यादा उदयपुर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने नोटा को वोट (22,948) दिए.

यहां सबसे ज्यादा नोटा को वोट : निर्वाचन विभाग के आंकड़ों की मानें तो लोकसभा चुनाव 2024 में प्रदेश की जनता ने जमकर नोटा का बटन दबाया. इनमें सबसे ज्यादा नोटा को वोट उदयपुर में 22,948, बांसवाड़ा में 20,970, जालोर में 18,459, बाड़मेर में 17,903 और झालावाड़-बारां में 16,027 मिले.

Lok Sabha Election Results 2024
नोटा से हार गए प्रदेश के 189 प्रत्याशी (ETV Bharat GFX)

नोटा से सबसे ज्यादा यहां के प्रत्याशी हारे : प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कुल 266 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन इनमें से 189 प्रत्याशी नोटा के बराबर भी वोट हासिल नहीं कर पाए. लोकसभा क्षेत्र जयपुर ग्रामीण, जोधपुर और कोटा के 13-13 प्रत्याशियों को नोटा ने शिकस्त दी. जबकि अजमेर के 12 प्रत्याशी, जयपुर के 11 प्रत्याशी, चूरू, सीकर, जालौर व चित्तौड़गढ़ के 10-10 प्रत्याशी, पाली के 9, टोंक-सवाई माधोपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा के 8-8 प्रत्याशी, बाड़मेर के 7, गंगानगर, बीकानेर, अलवर के 6-6 प्रत्याशी समेत कुल 189 को नोटा ने पीछे छोड़ दिया.

पढ़ें : लोकसभा चुनाव के नतीजों में नेता प्रतिपक्ष जूली और मंत्री संजय की बची साख, ललित अपने ही क्षेत्र में पिछड़े, खैरिया भी नहीं दिला सके लीड - Lok Sabha Election Results

ऐसे समझिए नोटा : नोटा का मतलब है, इनमें से कोई नहीं. यदि मतदाता को राजनीतिक पार्टियों का कोई प्रत्याशी पसंद ना हो और मतदाता इनमें से किसी को वोट नहीं देना चाहता है, तो वो नोटा का बटन दबा सकता है. निर्वाचन आयोग ने ऐसे ही मतदाताओं के लिए नोटा की व्यवस्था की है. मतगणना के समय नोटा के वोट भी गिने जाते हैं. ईवीएम से पहले जब बैलेट पेपर से मतदान होता था तो मतदाता बैलेट पेपर को खाली छोड़कर अपना विरोध दर्ज कराता था.

प्रदेश में 43 हजार से अधिक वोट रिजेक्ट : प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 43,463 वोट रिजेक्ट हो गए. ये सभी वोट पोस्टल बैलट पेपर से डाले गए थे. यानी सभी पोस्टल बैलट पेपर शिक्षित और प्रशिक्षित कर्मचारियों के थे, लेकिन पोस्टल बैलट पेपर कटा-फटा होने, औपचारिकता पूरी नहीं होने की वजह से रिजेक्ट कर दिए गए.

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