पटना : लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंका जा चुका है. आज यानी 20 मार्च से गया, जमुई, औरंगाबाद और नवादा में प्रत्याशी अपना नॉमिनेशन कर रहे हैं. ये नॉमिनेशन 28 मार्च तक होगी और इन इलाकों में 19 अप्रैल को चुनाव होंगे. ये चारो जिले नक्सल प्रभावित हैं. इन सभी इलाकों में सुरक्षा के खास इंतजाम की जरूरत होती है. नामांकन से लेकर, चुनावी प्रक्रिया समाप्त होने तक इन इलाकों में विशेष सुरक्षा की व्यवस्था होती है.
गया में है विशेष सुरक्षा की व्यवस्था : गया का का कई इलाका जंगल से घिरा है और इसके बॉडर झारखंड से लगते हैं. ये सभी नक्सल प्रभावित इलाके हैं. ऐसे में चुनाव आयोग की विशेष निगाह रहती है. 20 मार्च से प्रारंभ होकर 28 मार्च तक चलने वाले प्रत्याशियों के नामांकन को लेकर विधि-व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था बहाल रहे. इसे लेकर समाहरणालय गोलंबर पर एकल मार्ग, ट्रैफिक व्यवस्था, वाहन पड़ाव, नो एंट्री, ड्राप गेट, बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई.
प्रशासनिक अधिकारियों को दिया गया निर्देश : गया डीएम ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का सख्ती से पालन करवायें. प्रत्याशी सहित मात्र पांच व्यक्ति ही निर्वाची पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी के कक्ष में अपना नामांकन पत्र समर्पित करने जा सकेंगे. डीएम ने स्पष्ट कहा कि नामांकन में भाग लेने के समय कोई भी अगर जुलूस, रैली, सभा, रोड शो करेंगे तो उसका विधिवत अनुमति अनुमंडल पदाधिकारी से प्राप्त करनी होगी. अनुमंडल पदाधिकारी सदर को निर्देश दिया गया है कि जिला स्कूल एवं जिला परिषद के मैदान में वाहनों की पार्किंग करवायें.
औरंगाबाद का प्रशान सख्त : औरंगाबाद भी नक्सल प्रभावित इलाका है. यहां के प्रशासन ने उम्मीदवारों के लिए कई निर्देश जारी किए हैं. समाहरणालय के आसपास के इलाकों में सघन जांच और सुरक्षा बढ़ा दी गई है. औरंगाबाद प्रशासन ने चुनाव आयोग के मुताबिक जो निर्देश दिया इसमें निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय के 100 मीटर की परिधि में तीन गाड़ी अंदर आ सकती है. निर्वाची पदाधिकारी के नाम निर्देश कक्ष में प्रत्याशी सहित पांच व्यक्ति अंदर आ सकते हैं.
होर्डिंग से लेकर झंडा लगाने तक लेनी होगी अनुमति : पार्टी कार्यालय के बाहर किसी भी प्रचार-प्रसार में होर्डिंग-फ्लेक्स के लिये हर हाल में अनुमति लेनी होगी. पार्टी कार्यालय में 6 फीट लंबा और 4 फीट चौड़ा का बैनर लगा सकते हैं. किसी निजी मकान में झंडा लगाने के लिए मकान मालिक से अनुमति लेना अनिवार्य रहेगा.
शस्त्रों का सत्यापन है जरूरी : चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए जिला प्रशासन द्वारा चयनित मैदान में ही सभा स्थल करने की अनुमति दिया जाएगा. साथ ही साथ सभा स्थल हेतु उपयोग में लाये गए मैदान जितनी भीड़ एकत्रित करने की क्षमता रहेगी उतना ही भीड़ एकत्रित करने का ही अनुमति मिलेगी. निर्देश दिया गया है कि सभी अपना अपना शस्त्रों का सत्यापन करवाकर उसे जमा कर दें.
जमुई भी है पूरी तरह तैयार : बिहार का सबसे संवेदनशील इलाकों में एक जमुई है. जमुई एक आरक्षित क्षेत्र है. ये अनुसुचित जाति जनजाति बहुल इलाका है. जिला प्रशासन ने नामांकन से लेकर चुनावी प्रक्रिया की पूरी तैयारी कर ली है. इसको लेकर समाहरणालय परिसर में काउंटर बनाया गया है. जहां जिला निर्वाचित पदाधिकारी सह डीएम राकेश कुमार के द्वारा प्रत्याशियों द्वारा नामांकन दाखिल किया जाएगा. जबकि प्रत्याशियों के समर्थकों को रोकने के लिए शहर के कचहरी चौक पर बैरिकेड किया गया है. वही, समाहरणालय जाने वाले मुख्य गेट के बाहर और अंदर दो जगह पर बैरिकेड लगाया गया है. जहां पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल को तैनात किया जाएगा.
नवादा है बॉर्डर इलाका : झारखंड से सटे होने की वजह से इसे भी काफी संवेदनशील इलाका माना जा रहा है. नवादा लोकसभा चुनाक के लिए नॉमिनेशन को लेकर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. समाहरणालय में आस पास बैरिकेड कर दिया गया है. समुचित जांच के साथ ही लोगों को अंदर जाने की इजाजत होगी. सुरक्षा कर्मियों के रहने के लिए स्टॉल बनाया गया है जहां के लिए आने वाले प्रत्याशियों को जांच पड़ताल अंदर प्रवेश करवाया जाएगा. सुरक्षा को लेकर व्यापक तैयारी की जा रही है. इसके अलावा शहर में जगह-जगह पर ड्रॉप गेट लगाया. जहां सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे.
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