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यूपी की 10 सीटों के लिए नामांकन शुरू, देखें किस पार्टी का कौन उम्मीदवार कहां से ठोंक रहा ताल - Lok Sabha Election 2024

Third Phase Nomination: यूपी की संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है. नामांकन की अंतिम तारीख 19 अप्रैल रखी गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 12, 2024, 12:35 PM IST

लखनऊ: Lok Sabha Election 2024 Third Phase Nomination: लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के मतदान के लिए आज से यानी शुक्रवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई. यूपी में तीसरे चरण में 10 लोकसभा सीटों पर मतदान 7 मई को होगा. ये 10 सीटे हैं, संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली.

नामांकन की अंतिम तारीख 19 अप्रैल रखी गई है लेकिन, कई सीट पर अभी कुछ प्रमुख दलों ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं. उम्मीद है कि एक से दो दिन में इनकी घोषणा हो जाएगी. वैसे नामांकन पत्रों की जांच 20 अप्रैल को की जाएगी. इसके बाद 22 अप्रैल को दोपहर तीन बजे तक नाम वापसी की जा सकेगी.

संभल लोकसभा सीट: संभल लोकसभा सीट पर सपा, बसपा और भाजपा ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. खास बात यह है कि इनमें से जो भी जीतेगा वह पहली बार देश की संसद में कदम रखेगा. भाजपा ने संभल से परमेश्वरलाल सैनी को उतारा है, जिन्होंने 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे. वहीं सपा ने सांसद शफीकउर्रहमान के पोते कुंदरकी विधायक जियाउर्रहमान को प्रत्याशी बनाया है. बसपा ने पूर्व विधायक सौलत अली पर दांव खेला है.

हाथरस लोकसभा सीट: हाथरस सुरक्षित सीट पर हमेशा ही भाजपा का दबदबा रहा है. साढ़े तीन दशक से यहां लगातार भाजपा जीतती आ रही है. अब तक हुए कुल 15 चुनावों में सात बार भाजपा जीती है. इस सीट से बीजेपी ने पिछले चुनाव में राजवीर सिंह दिलेर को उतारा था. दिलेर ने आसानी से जीत दर्ज की थी. इस बार अनूप वाल्मिकि को प्रत्याशी बनाया है. वहीं सपा ने इस सीट से जसवीर वाल्मीकि और बीएसपी ने हेमबाबू धनगर को प्रत्याशी बनाया है.

आगरा लोकसभा सीट: भाजपा ने अपने सांसद सत्यपाल सिंह बघेल को फिर से मैदान में उतारा है. जबकि, बसपा ने इस बार पूजा अमरोही पर दांव खेला है. प्रत्याशियों के मंथन में कई दिनों तक उलझी रही सपा ने सबसे आखिर में पुराने बसपाई सुरेश चंद कर्दम को टिकट दिया है. राजबब्बर के ग्लैमर के सहारे 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव जीतने वाली सपा उसके बाद यहां कोई उल्लेखनीय प्रदर्शन नहीं कर पाई है. ऐसे में सपा के लिए चुनौती बड़ी है.

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट: भाजपा ने मौजूदा फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से अपने सांसद राजकुमार चाहर पर फिर से भरोसा जताया है. वहीं, बसपा ने रामनिवास शर्मा पर दांव खेला है. सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी के नाम का अभी औपचारिक ऐलान होना बाकी है. बता दें कि 22 साल पहले भी राजकुमार चाहर और रामनिवास शर्मा चुनावी मैदान में आमने-सामने आ चुके हैं.

फिरोजाबाद लोकसभा सीट: भाजपा ने इस सीट पर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. समाजवादी पार्टी ने जहां पार्टी के कदावर नेता और राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं बहुजन समाज पार्टी ने सवर्ण नेता और एकदम नया चेहरा सत्येंद्र जैन सौली को अपना प्रत्याशी बनाया है.

मैनपुरी लोकसभा सीट: 1996 के बाद से इस सीट पर सपा के प्रत्याशी अजेय रहे हैं. 2014 और 2019 की मोदी लहर वाले चुनाव में भी भाजपा इस सीट को जीत नहीं पाई थी. इस बार सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के सामने भाजपा ने पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह को प्रत्याशी बनाया है. तीन चुनावों के बाद भाजपा ने क्षत्रिय चेहरे पर दांव लगाया है.

एटा लोकसभा सीट: एटा में जातियों पर पकड़ इस चुनाव का रुख तय करने वाली है. ज्यादा हलचल शाक्य प्रत्याशी के आने से है. सपा ने निरंतर दो बार हुई हार से सबक लेकर इस बार शाक्य प्रत्याशी को उतार दिया है. हालांकि भाजपा अपने शाक्य नेताओं के सहारे वोटों का धुर्वीकरण कराने की कोशिश में है. भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह को लगातार तीसरी बार यहां से उम्मीदवार बनाया है. सपा ने देवेश शाक्य व बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी मुहम्मद इरफान अहमद को चुनाव मैदान में उतारा है.

बदायूं लोकसभा सीट: बदायूं लोकसभा सीट अपनी विविधता के लिए जानी जाती है. इस सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने लंबे इंतजार के बाद जीत हासिल की थी. इस बार सपा ने शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि पहले सपा ने शिवपाल को ही टिकट दिया था. लेकिन, बाद में बदल दिया. भाजपा ने यहां से अपने सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर दुर्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है.

आंवला लोकसभा सीट: बसपा ने सपा छोड़कर आए आबिद अली को यहां से उम्मीदवार बनाया है. जबकि, भाजपा ने अपने सांसद धर्मेंद्र कश्यप पर ही भरोसा जताया है. सपा ने अपने पूर्व विधायक नीरज मौर्य को टिकट दिया है.

बरेली लोकसभा सीट: बरेली भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है.पिछले 40 सालो से बरेली लोकसभा पर भाजपा का कब्जा है.भारतीय जनता पार्टी से संतोष गंगवार यहां के सांसद है. संतोष गंगवार 8 बार के सांसद है. बढ़ती उम्र की वजह से इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट कर पूर्व मंत्री छत्रपाल गंगवार को उम्मीदवार बनाया है. सपा ने पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन को प्रत्याशी बनाया है.ऐरन 2009 में संतोष गंगवार को हराकर संसद पहुंचे थे. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कुर्मी कार्ड खेलते हुए पूर्व विधायक मास्टर छोटेलाल गंगवार को मैदान में उतारा है.

ये भी पढ़ेंः BSP ने जारी की चौथी लिस्ट; सीएम योगी के गृह क्षेत्र गोरखपुर में उतारा मुस्लिम उम्मीदवार

लखनऊ: Lok Sabha Election 2024 Third Phase Nomination: लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के मतदान के लिए आज से यानी शुक्रवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई. यूपी में तीसरे चरण में 10 लोकसभा सीटों पर मतदान 7 मई को होगा. ये 10 सीटे हैं, संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली.

नामांकन की अंतिम तारीख 19 अप्रैल रखी गई है लेकिन, कई सीट पर अभी कुछ प्रमुख दलों ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं. उम्मीद है कि एक से दो दिन में इनकी घोषणा हो जाएगी. वैसे नामांकन पत्रों की जांच 20 अप्रैल को की जाएगी. इसके बाद 22 अप्रैल को दोपहर तीन बजे तक नाम वापसी की जा सकेगी.

संभल लोकसभा सीट: संभल लोकसभा सीट पर सपा, बसपा और भाजपा ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. खास बात यह है कि इनमें से जो भी जीतेगा वह पहली बार देश की संसद में कदम रखेगा. भाजपा ने संभल से परमेश्वरलाल सैनी को उतारा है, जिन्होंने 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे. वहीं सपा ने सांसद शफीकउर्रहमान के पोते कुंदरकी विधायक जियाउर्रहमान को प्रत्याशी बनाया है. बसपा ने पूर्व विधायक सौलत अली पर दांव खेला है.

हाथरस लोकसभा सीट: हाथरस सुरक्षित सीट पर हमेशा ही भाजपा का दबदबा रहा है. साढ़े तीन दशक से यहां लगातार भाजपा जीतती आ रही है. अब तक हुए कुल 15 चुनावों में सात बार भाजपा जीती है. इस सीट से बीजेपी ने पिछले चुनाव में राजवीर सिंह दिलेर को उतारा था. दिलेर ने आसानी से जीत दर्ज की थी. इस बार अनूप वाल्मिकि को प्रत्याशी बनाया है. वहीं सपा ने इस सीट से जसवीर वाल्मीकि और बीएसपी ने हेमबाबू धनगर को प्रत्याशी बनाया है.

आगरा लोकसभा सीट: भाजपा ने अपने सांसद सत्यपाल सिंह बघेल को फिर से मैदान में उतारा है. जबकि, बसपा ने इस बार पूजा अमरोही पर दांव खेला है. प्रत्याशियों के मंथन में कई दिनों तक उलझी रही सपा ने सबसे आखिर में पुराने बसपाई सुरेश चंद कर्दम को टिकट दिया है. राजबब्बर के ग्लैमर के सहारे 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव जीतने वाली सपा उसके बाद यहां कोई उल्लेखनीय प्रदर्शन नहीं कर पाई है. ऐसे में सपा के लिए चुनौती बड़ी है.

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट: भाजपा ने मौजूदा फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से अपने सांसद राजकुमार चाहर पर फिर से भरोसा जताया है. वहीं, बसपा ने रामनिवास शर्मा पर दांव खेला है. सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी के नाम का अभी औपचारिक ऐलान होना बाकी है. बता दें कि 22 साल पहले भी राजकुमार चाहर और रामनिवास शर्मा चुनावी मैदान में आमने-सामने आ चुके हैं.

फिरोजाबाद लोकसभा सीट: भाजपा ने इस सीट पर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. समाजवादी पार्टी ने जहां पार्टी के कदावर नेता और राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं बहुजन समाज पार्टी ने सवर्ण नेता और एकदम नया चेहरा सत्येंद्र जैन सौली को अपना प्रत्याशी बनाया है.

मैनपुरी लोकसभा सीट: 1996 के बाद से इस सीट पर सपा के प्रत्याशी अजेय रहे हैं. 2014 और 2019 की मोदी लहर वाले चुनाव में भी भाजपा इस सीट को जीत नहीं पाई थी. इस बार सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के सामने भाजपा ने पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह को प्रत्याशी बनाया है. तीन चुनावों के बाद भाजपा ने क्षत्रिय चेहरे पर दांव लगाया है.

एटा लोकसभा सीट: एटा में जातियों पर पकड़ इस चुनाव का रुख तय करने वाली है. ज्यादा हलचल शाक्य प्रत्याशी के आने से है. सपा ने निरंतर दो बार हुई हार से सबक लेकर इस बार शाक्य प्रत्याशी को उतार दिया है. हालांकि भाजपा अपने शाक्य नेताओं के सहारे वोटों का धुर्वीकरण कराने की कोशिश में है. भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह को लगातार तीसरी बार यहां से उम्मीदवार बनाया है. सपा ने देवेश शाक्य व बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी मुहम्मद इरफान अहमद को चुनाव मैदान में उतारा है.

बदायूं लोकसभा सीट: बदायूं लोकसभा सीट अपनी विविधता के लिए जानी जाती है. इस सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने लंबे इंतजार के बाद जीत हासिल की थी. इस बार सपा ने शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि पहले सपा ने शिवपाल को ही टिकट दिया था. लेकिन, बाद में बदल दिया. भाजपा ने यहां से अपने सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर दुर्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है.

आंवला लोकसभा सीट: बसपा ने सपा छोड़कर आए आबिद अली को यहां से उम्मीदवार बनाया है. जबकि, भाजपा ने अपने सांसद धर्मेंद्र कश्यप पर ही भरोसा जताया है. सपा ने अपने पूर्व विधायक नीरज मौर्य को टिकट दिया है.

बरेली लोकसभा सीट: बरेली भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है.पिछले 40 सालो से बरेली लोकसभा पर भाजपा का कब्जा है.भारतीय जनता पार्टी से संतोष गंगवार यहां के सांसद है. संतोष गंगवार 8 बार के सांसद है. बढ़ती उम्र की वजह से इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट कर पूर्व मंत्री छत्रपाल गंगवार को उम्मीदवार बनाया है. सपा ने पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन को प्रत्याशी बनाया है.ऐरन 2009 में संतोष गंगवार को हराकर संसद पहुंचे थे. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कुर्मी कार्ड खेलते हुए पूर्व विधायक मास्टर छोटेलाल गंगवार को मैदान में उतारा है.

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