पटनाः जब भी कोई चुनाव आता है मुस्लिम वोट को लेकर एक खास किस्म की चर्चा शुरू हो जाती है. ऐसा माना जाता है कि मुस्लिम एकजुट होकर वोट करते हैं और कई बार जीत-हार में निर्णायक भूमिका भी निभातें हैं. यही कारण है कि कई सियासी दलों का मुस्लिम वोट को लेकर खास फोकस रहता है. 2024 के लोकसभा चुनाव की भी जंग तेज हो गयी है. ऐसे में इस बार मुस्लिमों का वोट किसे हासिल होगा, ये बड़ा सवाल है.
क्या कहते हैं मुसलमान ?: 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर मुसलमानों के मन में क्या है, इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम पहुंच गयी पटना जिले के धनरुआ प्रखंड के बरनी मुस्लिम टोला में. ईटीवी भारत की टीम ने सीधे मुस्लिम वोटर्स से बात की और जानने की कोशिश की कि आखिर इस बार उनका वोट किस पार्टी को मिलेगा ?
जो देगा सुरक्षा का अधिकार, वो ही होगा वोट का हकदारः ईटीवी भारत की टीम ने जब लोगों से बातचीत की तो सुरक्षा को लेकर मुस्लिम समाज की चिंता खुलकर बाहर आई.लिहाजा सबने एक स्वर में कहा कि जो मुसलमानों को सुरक्षा का कानूनी अधिकार देगा वही मुसलमानों के वोट का हकदार होगा यानी जो माइनॉरिटी प्रिवेंशन एक्ट लागू करने की मांग पूरी करेगा, मुसलमानों का वोट उन्हें ही मिलेगा.
'2016 से जारी है मांग': इस मौके पर पूर्व राज्यसभा सांसद एजाज अली ने कहा कि आज देश में मुसलमानों की हालत भी दलित और आदिवासियों जैसी हो गयी है, इसलिए एससी-एसटी एक्ट की तरह ही मुस्लिम प्रिवेंशन एक्ट लागू होना चाहिए. 2016 से ही हमलोग इसकी मांग कर रहे हैं. इसलिए जो सरकार इन बातों पर विचार करेगी मुसलमानों को वोट भी उसे ही मिलेगा.
कई जगहों पर निर्णायक हैं मुस्लिम वोटः सामान्य तौर पर माना जाता है कि मुसलमानों का वोट वैसी पार्टी को मिलता है जो बीजेपी को हराने का माद्दा रखती है. बिहार की कई सीटों पर तो मुस्लिम वोट जीत-हार में बेहद ही अहम भूमिका निभाते हैं. यही कारण है कि अधिकतर सियासी दल मुसलमानों के वोट पर खास फोकस रखते हैं.