भोपाल। एमपी की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों पर भाजपा के कुछ ऐसे दिग्गज नेताओं ने नाम भी दावेदार के रूप में उभरे हैं जो दो महीने पहले विधानसभा चुनाव हार चुके हैं. प्रदेश की आधा दर्जन से ज्यादा लोकसभा सीटों पर भाजपा हाईकमान रायशुमारी करा चुका है. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उज्जैन सीट पर फार्मूला अपनाया था जिसमें नए चेहरे को टिकट देकर सबको चौंका दिया था. इस बार विदिशा सीट पर फिर से शिवराज के समर्थक उनको यहां से सांसद बनाना चाहते हैं लेकिन पार्टी इनको छिंदवाड़ा से भी उतार सकती है. हालांकि मुरैना, मंदसौर, विदिशा, होशंगाबाद और सीधी में टिकट के लिए कवायद तेज हो गई है.
मंडला,सतना में बीजेपी प्रत्याशी के लिए मंथन
विधानसभा चुनाव में निवास से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सतना से स्थानीय सांसद गणेश सिंह चुनाव हार गए थे. अब इस बार मंडला और सतना सीट पर भाजपा इन्हें फिर से मौका देगी या नहीं इसका जवाब केंद्रीय हाईकमान ही दे सकती है. बीजेपी हाईकमान अभी इन सीटों पर मंथन कर रहा है.
लोकसभा की तैयारी में जुटी राजनीतिक पार्टियां
लोकसभा चुनाव के लिए ईवीएम की फर्स्ट लेवल की तैयारी पूरी हो चुकी है. इधर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारी में जुट चुकी हैं. भाजपा में प्रवासी कार्यकर्ता भी तैनात किए जा रहे हैं. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के साथ 2 मार्च को एमपी में मुरैना से एंट्री करेंगे. इधर कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को गठबंधन के तहत खजुराहो लोकसभा सीट दी है. सपा ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर 25 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एमपी दौरा भी अहम माना जा रहा है.
कमल पटेल और शरदेंदु तिवारी भी चाह रहे हैं लोकसभा टिकट
विंध्य क्षेत्र की चुरहट सीट से चुनाव हारने के बाद शरदेंदु तिवारी को सीधी के लिए उपयुक्त बताया गया है. होशंगाबाद के लिए पूर्व मंत्री कमल पटेल की भी दावेदारी है. सीधी, होशंगाबाद सहित मुरैना, जबलपुर और दमोह सीट सीट खाली हो चुकी हैं. इधर पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया, गौरीशंकर बिसेन और महेंद्र सिंह सिसोदिया भी उम्मीद लगाए बैठे हैं. 2018 का विधानसभा चुनाव हार चुके पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता भी अपने पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं.
फिरोजिया की हार-जीत एक उदाहरण
उज्जैन के मौजूदा सांसद अनिल फिरोजिया नवंबर 2018 में तराना से विधानसभा चुनाव हार गए थे लेकिन पाटी ने उन्हें चार महीने बाद ही उज्जैन से लोकसभा चुनाव में उतार दिया और वह भारी मतों से जीत भी गए. इस बार भी पार्टी इस तरह के प्रयोग करेगी.
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नरोत्तम, सिसोदिया और रामपाल के नाम की चर्चा
मंदसौर, मुरैना, सीधी, होशंगाबाद और विदिशा सहित दूसरी सीटों पर दावेदारी हो रही है. विदिशा सीट पर मामला कुछ अलग है. यहां से पिछली बार शिवराज सिंह ने अपने करीबी रमाकांत भार्गव को टिकट दिलाया था. नरोत्तम, सिसोदिया और रामपाल के नाम की भी चर्चा हो रही है.