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कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत के आदर्श ग्राम भैसमा में विकास का स्ट्राइक रेट हुआ फेल - Lok Sabha Election 2024

ग्राम पंचायतों तक विकास पहुंचे, लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिले इसके लिए सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरु हुई. कोरबा लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद ज्योत्सना महंत ने भी भैसमा गांव को गोद लिया. सासंद का पांच साल का कार्यकाल खत्म होने को है. भैसमा गांव आज भी विकास की राह देख रहा है. गांव के लोगों का कहना है विकास भी गांवों तक नहीं पहुंचा. सांसद का चेहरा भी देखने को तरस गए.

LOK SABHA ELECTION 2024
विकास की राह देखता भैसमा
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 29, 2024, 2:21 PM IST

Updated : Apr 2, 2024, 3:45 PM IST

विकास की राह देखता भैसमा

कोरबा: आदर्श ग्राम योजना का मकसद गांवों तक विकास की गंगा को पहुंचाना था. गांव तक विकास की धारा पहुंचाने के इरादे से सांसदों ने अपने अपने क्षेत्र में गांव को गोद लिया. कोरबा लोकसभा सीट से कांग्रेस की सांसद ज्योत्सना महंत ने भी भैसमा गांव को आदर्श ग्राम बनाने के लिए गोद लिया. सासंद जी का पांच साल का कार्यकाल अब समाप्त होने को है. पांच सालों में न तो भैसमा गांव आदर्श गांव बन पाया नहीं विकास की कोई रेखा जमीन पर नजर आई. गांव वालों का कहना है कि तीन करोड़ के विकास कार्यों का काम शुरु होना था. पर एक सीसी रोड ही सांसद आदर्श ग्राम में योजना के तहत 9 लाख की लागत से बन पाया.

पानी और विकास की राह देखता भैसमा गांव: गांव के लोगों की शिकायत है कि सांसद कभी कभार ही यहां आईं हैं. पूरे गांव में पानी की सबसे बड़ी समस्या है. गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत यहां लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है. जलस्तर लगातार गिरने से पानी मिलना लोगों को मुश्किल हो गया है. हालत ये है कि रोजमर्रा के कामों के लिए भी पानी का जुगाड़ करना अब कठिन होता जा रहा है.

नाले का पानी इस्तेमाल करने को मजबूर: वर्तमान में भैसमा गांव की आबादी 2000 से अधिक है. गांव के लोगों ने बताया कि दूर के एक नाले से पानी का इंतजाम गांव वाले करते हैं. आबादी बड़ी है और नाले में भी पानी कम रहता है, लिहाजा पानी गांव वालों को पूरा नहीं पड़ता. ऐसा नहीं है कि गांव मे पानी कि किल्लत को दूर करने के लिए जलप्रदाय योजना नहीं बनी. योजना बनी लेकिन पूरी नहीं हो पाई. कागजों में काम होता गया जमीन पर लोग पानी के लिए तरसते रहे. सांसद आदर्श ग्राम की हालत ये है कि लोग पानी और विकास के इंतजार में पांच साल से बैठे हैं.

5 साल में सिर्फ 9 लाख का एक सीसी रोड बना: पूर्व सरपंच और वर्तमान सरपंच संजय कुमार कंवर बताते हैं. सांसद आदर्श ग्राम मद से बीते 5 सालों में सिर्फ 9 लाख 44 हजार के खर्च से एक सीसी रोड बना. सीसी रोड के अलावा गांव में आदर्श ग्राम योजना के कोटे से और कोई भी काम नहीं हुआ. हम लोग अपने स्तर पर 15वें वित से गांव के विकास के लिए छोटे-मोटे कम स्वीकृत कराते हैं.


'सांसद जी को देखने के लिए गांव वाले तरस गए': भैसमा गांव के लोगों की शिकायत है कि ज्योत्सना महंत पिछली बार तब आईं जब पूर्व उपमुख्यमंत्री स्व. प्यारेलाल कंवर के परिवार में उनके बेटे का निधन हुआ. उसके बाद से गांव में विकास कार्यों की समीक्षा और गांव वाला का हालचाल लेने वो कभी नहीं आईं. सांसद जी से मुलाकात जरूर हुई लेकिन विकास के कामों पर कोई चर्चा नहीं की.


गांव में पानी की बड़ी समस्या है. गर्मी के आते ही पानी के सारे स्रोत सूख जाते हैं. लोग पानी के लिए तरसते हैं. दूर के नाले से पानी ढोकर लाते हैं. सांसद आदर्श गांव होने का भैसमा को कोई फायदा नहीं मिला. हमें लगा था सांसद जी ने गांव को गोद लिया है तो विकास होगा. पांच साल हो गए सांसद जी को अबतक गांव आते नहीं देखा. - श्यामलाल यादव, निवासी, भैसमा


सांसद जी को हमने गांव में आज तक आते नहीं देखा. सुना है कि गांव को गोद लिया था. गांव में कोई भी विकास का काम नहीं हुआ. गांव में एक सामुदायिक भवन तक नहीं बना. किसी के यहां शादी होती है तो बारात कहां रुके ये सोचना पड़ता है. - देव कंवर सिंह, निवासी, भैसमा



तीन करोड़ के विकास के काम प्रस्तावित थे: सांसद आदर्श ग्राम भैसमा के लिए 3 करोड़ के काम प्रस्तावित किए गए थे. दावा है कि इनमें क्षेत्र के विकास के मद्देनजर अलग-अलग विभागों से कार्यों को प्रस्तावित किया गया था. लेकिन यह काम 5 साल में धरातल पर नहीं उतर पाया. गांव को सिर्फ आदर्श ग्राम का तमगा देकर छोड़ दिया गया. गांव के स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी यही मानना है कि कुछ काम प्रस्तावित जरूर हैं, लेकिन उन्हें स्वीकृति नहीं मिली है. अब वह काम कब पूरा होगा कहना मुश्किल है.

सांसद प्रतिनिधि ने फोड़ा काम नहीं होने का प्रशासन पर ठीकरा: कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत के सांसद प्रतिनिधि हरीश परसाई ने काम नहीं होने का ठीकरा प्रशासन पर फोड़ा है. सांसद प्रतिनिधि का कहना है कि ''भैसमा के लिए 3 करोड़ के काम प्रस्तावित किए गए हैं. काम को पूरा करने के लिए शासन स्तर पर कई बार हमने पत्राचार भी किया है. कार्यों को पूरा करने में समय लगता है. ढेर सारे काम प्रस्तावित हैं, यह सारे काम प्रशासनिक स्तर पर लंबित होंगे, आने वाले समय में यह सारे काम पूरे होंगे. सांसद ने अपनी तरफ से सदैव पूरा प्रयास किया है''.

सांसद मद के 422 में से 229 कार्य हुए पूर्ण: सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत भैसमा को गोद लिया गया था. इसके अलावा सांसद ज्योत्सना महंत को कोरोना काल में सांसद मद से कटौती के बाद भी क्षेत्र के विकास के लिए साढ़े 12 करोड रुपए की राशि मिली. सांसद मद से मिली इस राशि से सांसद महंत ने लोकसभा क्षेत्र के लिए 422 कार्य स्वीकृत किए. इनमें से भी 5 वर्षों में 229 कार्य पूर्ण हो चुके हैं. 106 कार्य प्रगति पर हैं. जबकि 87 कार्य अब तक शुरू भी नहीं हो सके हैं.

कांग्रेस के गढ़ में अधूरा विकास!: बीते 5 साल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार रही. साल 2018 में कांग्रेस ने बीजेपी के 15 साल के शासन के बाद छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई. इसके बाद 2019 में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत चुनाव जीत कर सांसद बनीं. प्रदेश में भाजपा की सरकार बने अभी 3 महीने का समय हुआ है. इसके पहले 5 साल तक कोरबा जिले को कांग्रेस का गढ़ कहना गलत नहीं होगा. यहां से सांसद ज्योत्सना महंत रहीं जिनके पति डॉ चरणदास महंत छत्तीसगढ़ के विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष रहे. कोरबा जिले की चार विधानसभा सीटों में से तीन कांग्रेस के पास थी. कोरबा से ही जयसिंह अग्रवाल भी कैबिनेट मंत्री रहे. इसके बाद भी सांसद ज्योत्सना महंत के गोद लिए गांव की हालत दयनीय बनी रही. भैसमा का विकास नहीं होना उनकी कार्यशैली और उनके विकास के दावों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है.

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कोरबा: आदर्श ग्राम योजना का मकसद गांवों तक विकास की गंगा को पहुंचाना था. गांव तक विकास की धारा पहुंचाने के इरादे से सांसदों ने अपने अपने क्षेत्र में गांव को गोद लिया. कोरबा लोकसभा सीट से कांग्रेस की सांसद ज्योत्सना महंत ने भी भैसमा गांव को आदर्श ग्राम बनाने के लिए गोद लिया. सासंद जी का पांच साल का कार्यकाल अब समाप्त होने को है. पांच सालों में न तो भैसमा गांव आदर्श गांव बन पाया नहीं विकास की कोई रेखा जमीन पर नजर आई. गांव वालों का कहना है कि तीन करोड़ के विकास कार्यों का काम शुरु होना था. पर एक सीसी रोड ही सांसद आदर्श ग्राम में योजना के तहत 9 लाख की लागत से बन पाया.

पानी और विकास की राह देखता भैसमा गांव: गांव के लोगों की शिकायत है कि सांसद कभी कभार ही यहां आईं हैं. पूरे गांव में पानी की सबसे बड़ी समस्या है. गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत यहां लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है. जलस्तर लगातार गिरने से पानी मिलना लोगों को मुश्किल हो गया है. हालत ये है कि रोजमर्रा के कामों के लिए भी पानी का जुगाड़ करना अब कठिन होता जा रहा है.

नाले का पानी इस्तेमाल करने को मजबूर: वर्तमान में भैसमा गांव की आबादी 2000 से अधिक है. गांव के लोगों ने बताया कि दूर के एक नाले से पानी का इंतजाम गांव वाले करते हैं. आबादी बड़ी है और नाले में भी पानी कम रहता है, लिहाजा पानी गांव वालों को पूरा नहीं पड़ता. ऐसा नहीं है कि गांव मे पानी कि किल्लत को दूर करने के लिए जलप्रदाय योजना नहीं बनी. योजना बनी लेकिन पूरी नहीं हो पाई. कागजों में काम होता गया जमीन पर लोग पानी के लिए तरसते रहे. सांसद आदर्श ग्राम की हालत ये है कि लोग पानी और विकास के इंतजार में पांच साल से बैठे हैं.

5 साल में सिर्फ 9 लाख का एक सीसी रोड बना: पूर्व सरपंच और वर्तमान सरपंच संजय कुमार कंवर बताते हैं. सांसद आदर्श ग्राम मद से बीते 5 सालों में सिर्फ 9 लाख 44 हजार के खर्च से एक सीसी रोड बना. सीसी रोड के अलावा गांव में आदर्श ग्राम योजना के कोटे से और कोई भी काम नहीं हुआ. हम लोग अपने स्तर पर 15वें वित से गांव के विकास के लिए छोटे-मोटे कम स्वीकृत कराते हैं.


'सांसद जी को देखने के लिए गांव वाले तरस गए': भैसमा गांव के लोगों की शिकायत है कि ज्योत्सना महंत पिछली बार तब आईं जब पूर्व उपमुख्यमंत्री स्व. प्यारेलाल कंवर के परिवार में उनके बेटे का निधन हुआ. उसके बाद से गांव में विकास कार्यों की समीक्षा और गांव वाला का हालचाल लेने वो कभी नहीं आईं. सांसद जी से मुलाकात जरूर हुई लेकिन विकास के कामों पर कोई चर्चा नहीं की.


गांव में पानी की बड़ी समस्या है. गर्मी के आते ही पानी के सारे स्रोत सूख जाते हैं. लोग पानी के लिए तरसते हैं. दूर के नाले से पानी ढोकर लाते हैं. सांसद आदर्श गांव होने का भैसमा को कोई फायदा नहीं मिला. हमें लगा था सांसद जी ने गांव को गोद लिया है तो विकास होगा. पांच साल हो गए सांसद जी को अबतक गांव आते नहीं देखा. - श्यामलाल यादव, निवासी, भैसमा


सांसद जी को हमने गांव में आज तक आते नहीं देखा. सुना है कि गांव को गोद लिया था. गांव में कोई भी विकास का काम नहीं हुआ. गांव में एक सामुदायिक भवन तक नहीं बना. किसी के यहां शादी होती है तो बारात कहां रुके ये सोचना पड़ता है. - देव कंवर सिंह, निवासी, भैसमा



तीन करोड़ के विकास के काम प्रस्तावित थे: सांसद आदर्श ग्राम भैसमा के लिए 3 करोड़ के काम प्रस्तावित किए गए थे. दावा है कि इनमें क्षेत्र के विकास के मद्देनजर अलग-अलग विभागों से कार्यों को प्रस्तावित किया गया था. लेकिन यह काम 5 साल में धरातल पर नहीं उतर पाया. गांव को सिर्फ आदर्श ग्राम का तमगा देकर छोड़ दिया गया. गांव के स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी यही मानना है कि कुछ काम प्रस्तावित जरूर हैं, लेकिन उन्हें स्वीकृति नहीं मिली है. अब वह काम कब पूरा होगा कहना मुश्किल है.

सांसद प्रतिनिधि ने फोड़ा काम नहीं होने का प्रशासन पर ठीकरा: कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत के सांसद प्रतिनिधि हरीश परसाई ने काम नहीं होने का ठीकरा प्रशासन पर फोड़ा है. सांसद प्रतिनिधि का कहना है कि ''भैसमा के लिए 3 करोड़ के काम प्रस्तावित किए गए हैं. काम को पूरा करने के लिए शासन स्तर पर कई बार हमने पत्राचार भी किया है. कार्यों को पूरा करने में समय लगता है. ढेर सारे काम प्रस्तावित हैं, यह सारे काम प्रशासनिक स्तर पर लंबित होंगे, आने वाले समय में यह सारे काम पूरे होंगे. सांसद ने अपनी तरफ से सदैव पूरा प्रयास किया है''.

सांसद मद के 422 में से 229 कार्य हुए पूर्ण: सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत भैसमा को गोद लिया गया था. इसके अलावा सांसद ज्योत्सना महंत को कोरोना काल में सांसद मद से कटौती के बाद भी क्षेत्र के विकास के लिए साढ़े 12 करोड रुपए की राशि मिली. सांसद मद से मिली इस राशि से सांसद महंत ने लोकसभा क्षेत्र के लिए 422 कार्य स्वीकृत किए. इनमें से भी 5 वर्षों में 229 कार्य पूर्ण हो चुके हैं. 106 कार्य प्रगति पर हैं. जबकि 87 कार्य अब तक शुरू भी नहीं हो सके हैं.

कांग्रेस के गढ़ में अधूरा विकास!: बीते 5 साल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार रही. साल 2018 में कांग्रेस ने बीजेपी के 15 साल के शासन के बाद छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई. इसके बाद 2019 में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत चुनाव जीत कर सांसद बनीं. प्रदेश में भाजपा की सरकार बने अभी 3 महीने का समय हुआ है. इसके पहले 5 साल तक कोरबा जिले को कांग्रेस का गढ़ कहना गलत नहीं होगा. यहां से सांसद ज्योत्सना महंत रहीं जिनके पति डॉ चरणदास महंत छत्तीसगढ़ के विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष रहे. कोरबा जिले की चार विधानसभा सीटों में से तीन कांग्रेस के पास थी. कोरबा से ही जयसिंह अग्रवाल भी कैबिनेट मंत्री रहे. इसके बाद भी सांसद ज्योत्सना महंत के गोद लिए गांव की हालत दयनीय बनी रही. भैसमा का विकास नहीं होना उनकी कार्यशैली और उनके विकास के दावों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है.

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Last Updated : Apr 2, 2024, 3:45 PM IST
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