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बिहार के चुनावी संग्राम में दुश्मन बन गए हैं दोस्त, मांग रहे एक दूसरे के लिए वोट - lok sabha election 2024

Lok Sabha Election 2024: राजनीति में कब कौन किसका दोस्त बन जाए और कब कौन किसका दुश्मन बन जाए कहा नहीं जा सकता. नीतीश कुमार जब एनडीए के साथ होते हैं तो महागठबंधन को कोसते हैं और जब महागठबंधन के साथ थे तो बीजेपी पर हमलावर थे. लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ इसी तरह के बदलाव सारण और महाराजगंज लोकसभा सीट पर देखने को मिल रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर.

बिहार के चुनावी संग्राम में दुश्मन बन गए हैं दोस्त
बिहार के चुनावी संग्राम में दुश्मन बन गए हैं दोस्त (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 8, 2024, 2:02 PM IST

डॉ. लाल बाबू यादव, पूर्व प्रोफेसर, राजनीति विभाग जेपीयू (ETV Bharat)

छपरा: राजनीतिक समीकरण लगातार बदलता रहता है. इसका सबसे प्रमुख उदाहरण सारण लोकसभा सीट है. 2019 में सारण संसदीय क्षेत्र से वर्तमान भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी भाजपा से और राजद से चंद्रिका राय जो लालू यादव के समधी हैं, वह उम्मीदवार थे.

2019 के दुश्मन 2024 में बने दोस्त: चंद्रिका राय सारण जिले के परसा निवासी पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय दरोगा प्रसाद राय के पुत्र हैं और उन्होंने अपनी पुत्री ऐश्वर्या राय की शादी लालू यादव के बड़े सुपुत्र तेज प्रताप यादव से की थी. इस कारण 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में रूडी के सामने वह राजद उम्मीदवार थे.

रूडी के लिए वोट मांग रहे लालू का समधी: समय बदला और परिस्थितियां बदली और राजनीतिक समीकरण भी बदले. लालू परिवार पर अपनी बहू चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय को प्रताड़ित कर घर से निकाल देने के आरोप लगे. इसके बाद चंद्रिका राय ने आरजेडी से इस्तीफा देकर जेडीयू ज्वाइन कर लिया. आज जेडीयू गठबंधन एनडीए के साथ हैं इसलिए चंद्रिका राय भी आज राजीव प्रताप रूडी के साथ एक मंच पर दिखाई पड़ रहे हैं और उनके पक्ष में प्रचार भी कर रहे हैं.

महाराजगंज सीट पर भी बदली परिस्थित: वहीं सारण के महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में भी कुछ ऐसी ही परिस्थितियों बनी है और इन दोनों परिस्थितियों का केंद्र भी लालू प्रसाद यादव हैं. इस बार सारण से लालू प्रसाद यादव ने अपनी दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य को चुनाव मैदान में वर्तमान भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के सामने चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं इसका महाराजगंज संसदीय क्षेत्र से भी जुड़ाव है.

अखिलेश के बेटे आकाश उम्मीदवार: महाराजगंज संसदीय क्षेत्र राजपूत और भूमिहार बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है. इसे बिहार का चित्तौड़गढ़ भी कहते हैं. इस सीट को लालू यादव ने कांग्रेस को दे दिया और कांग्रेस ने इस लोकसभा सीट पर बिहार अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र आकाश कुमार सिंह को जो भूमिहार समाज से आते हैं चुनाव मैदान में उतारा है.

रणधीर सिंह हुए बागी: वर्तमान लोकसभा चुनाव में लालू यादव ने महाराजगंज सीट कांग्रेस को दे दी जिसके कारण प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रणधीर सिंह ने बागी तेवर अपना लिया और राजद से अपना इस्तीफा देकर जदयू ज्वाइन करने की बात कही. उनका आरोप है कि लालू यादव ने 4 साल तक उन्हें आश्वासन देकर रखा कि वह महाराजगंज से राजद का टिकट उन्हें ही देंगे. अंतिम समय में उन्होने यह सीट कांग्रेस को दे दी और उन्हें भी बेटिकट कर दिया. रणधीर सिंह 14 मई को जदयू ज्वाइन करेंगे

"सारण से उनकी (लालू) बेटी रोहिणी आचार्य को भूमिहार समाज का वोट मिले इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया. लेकिन राजनीतिक रूप से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के मुख्य प्रतिद्वंद्वी रहे रणधीर सिंह जेडीयू ज्वाइन करने के साथ ही सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन का हिस्सा हो जाएंगे. उन्हें गठबंधन धर्म का पालन करना पड़ेगा. इस कारण कभी प्रतिद्वंद्वी रहे रणधीर सिंह अब जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के साथ हो जाएंगे."- रणधीर सिंह, पूर्व विधायक

"राजनीति में कोई किसी का स्थाई दोस्त और दुश्मन नहीं होता है. सारण सीट ही देखिए. चंद्रिका राय 2019 में रूडी के खिलाफ थे और आज चंद्रिका राय जदयू में हैं और रूडी को विजय दिलाने की बात कर रहे हैं."- डॉ. लाल बाबू यादव, पूर्व प्रोफेसर, राजनीति विभाग जेपीयू

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डॉ. लाल बाबू यादव, पूर्व प्रोफेसर, राजनीति विभाग जेपीयू (ETV Bharat)

छपरा: राजनीतिक समीकरण लगातार बदलता रहता है. इसका सबसे प्रमुख उदाहरण सारण लोकसभा सीट है. 2019 में सारण संसदीय क्षेत्र से वर्तमान भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी भाजपा से और राजद से चंद्रिका राय जो लालू यादव के समधी हैं, वह उम्मीदवार थे.

2019 के दुश्मन 2024 में बने दोस्त: चंद्रिका राय सारण जिले के परसा निवासी पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय दरोगा प्रसाद राय के पुत्र हैं और उन्होंने अपनी पुत्री ऐश्वर्या राय की शादी लालू यादव के बड़े सुपुत्र तेज प्रताप यादव से की थी. इस कारण 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में रूडी के सामने वह राजद उम्मीदवार थे.

रूडी के लिए वोट मांग रहे लालू का समधी: समय बदला और परिस्थितियां बदली और राजनीतिक समीकरण भी बदले. लालू परिवार पर अपनी बहू चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय को प्रताड़ित कर घर से निकाल देने के आरोप लगे. इसके बाद चंद्रिका राय ने आरजेडी से इस्तीफा देकर जेडीयू ज्वाइन कर लिया. आज जेडीयू गठबंधन एनडीए के साथ हैं इसलिए चंद्रिका राय भी आज राजीव प्रताप रूडी के साथ एक मंच पर दिखाई पड़ रहे हैं और उनके पक्ष में प्रचार भी कर रहे हैं.

महाराजगंज सीट पर भी बदली परिस्थित: वहीं सारण के महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में भी कुछ ऐसी ही परिस्थितियों बनी है और इन दोनों परिस्थितियों का केंद्र भी लालू प्रसाद यादव हैं. इस बार सारण से लालू प्रसाद यादव ने अपनी दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य को चुनाव मैदान में वर्तमान भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के सामने चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं इसका महाराजगंज संसदीय क्षेत्र से भी जुड़ाव है.

अखिलेश के बेटे आकाश उम्मीदवार: महाराजगंज संसदीय क्षेत्र राजपूत और भूमिहार बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है. इसे बिहार का चित्तौड़गढ़ भी कहते हैं. इस सीट को लालू यादव ने कांग्रेस को दे दिया और कांग्रेस ने इस लोकसभा सीट पर बिहार अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र आकाश कुमार सिंह को जो भूमिहार समाज से आते हैं चुनाव मैदान में उतारा है.

रणधीर सिंह हुए बागी: वर्तमान लोकसभा चुनाव में लालू यादव ने महाराजगंज सीट कांग्रेस को दे दी जिसके कारण प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रणधीर सिंह ने बागी तेवर अपना लिया और राजद से अपना इस्तीफा देकर जदयू ज्वाइन करने की बात कही. उनका आरोप है कि लालू यादव ने 4 साल तक उन्हें आश्वासन देकर रखा कि वह महाराजगंज से राजद का टिकट उन्हें ही देंगे. अंतिम समय में उन्होने यह सीट कांग्रेस को दे दी और उन्हें भी बेटिकट कर दिया. रणधीर सिंह 14 मई को जदयू ज्वाइन करेंगे

"सारण से उनकी (लालू) बेटी रोहिणी आचार्य को भूमिहार समाज का वोट मिले इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया. लेकिन राजनीतिक रूप से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के मुख्य प्रतिद्वंद्वी रहे रणधीर सिंह जेडीयू ज्वाइन करने के साथ ही सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन का हिस्सा हो जाएंगे. उन्हें गठबंधन धर्म का पालन करना पड़ेगा. इस कारण कभी प्रतिद्वंद्वी रहे रणधीर सिंह अब जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के साथ हो जाएंगे."- रणधीर सिंह, पूर्व विधायक

"राजनीति में कोई किसी का स्थाई दोस्त और दुश्मन नहीं होता है. सारण सीट ही देखिए. चंद्रिका राय 2019 में रूडी के खिलाफ थे और आज चंद्रिका राय जदयू में हैं और रूडी को विजय दिलाने की बात कर रहे हैं."- डॉ. लाल बाबू यादव, पूर्व प्रोफेसर, राजनीति विभाग जेपीयू

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