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कौन होंगे हिमाचल कांग्रेस के लकी फोर, लोकसभा चुनाव के कैंडिडेट तलाशने को दिल्ली में हुआ मंथन

lok sabha election 2024, Congress Screening Committee Meeting Delhi: आज दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह, हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला व अन्य नेता शामिल हुए. वहीं, मीटिंग में हाईकमान ने हिमाचल के... पढ़ें पूरी खबर...

Congress Screening Committee Meeting Delhi
सांकेतिक तस्वीर.
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 5, 2024, 10:22 PM IST

शिमला: कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल की चार लोकसभा सीटों के लिए विनिंग कैंडिडेट चुनने की कसरत शुरू कर दी है. इस संदर्भ में दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक हुई. कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल के लकी फोर चुनने का जिम्मा पूर्व कैबिनेट मंत्री भक्तचरण दास को सौंपा है. स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह, हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला व अन्य नेता शामिल हुए.

मीटिंग में तय किया गया कि चार सीटों के लिए पहले प्रत्याशियों का पैनल बनाया जाएगा. इससे पहले चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से औपचारिक रूप से आवेदन मांगा जाएगा. आवेदनों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और फिर चुनावी मैदान में जिताऊ प्रत्याशी उतारे जाएंगे. चूंकि हिमाचल में कांग्रेस सरकार सत्तासीन है, लिहाजा लोकसभा चुनाव को नाक व साख का सवाल मानते हुए पार्टी सभी सीटों को जीतने के लिए जी-तोड़ मेहनत करेगी.

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है. हिमाचल में इस समय सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है. सुखविंदर सरकार को सत्ता संभाले एक साल से अधिक का समय हो गया है. लोकसभा चुनाव में वोटर्स न केवल कांग्रेस सरकार के एक साल के कार्यकाल का हिसाब करेंगे, बल्कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली भी कसौटी पर कसी जाएगी. ऐसे में कांग्रेस हाईकमान व प्रदेश का नेतृत्व लोकसभा चुनाव को गंभीरता से ले रहा है.

इधर, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बने माहौल में भाजपा खुद को बहुत सेफ पोजीशन में मान रही है. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा की कम से कम 370 सीटें पार्टी की झोली में मानकर चल रहे हैं. ये चुनाव कांग्रेस के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में राजस्थान व छत्तीसगढ़ कांग्रेस के हाथ से निकल गए. केवल तेलंगाना में उसके हिस्से कुछ सुख आया है. अब कांग्रेस के पास मुख्य रूप से हिमाचल, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे राज्यों की सत्ता ही रह गई है. कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव जीवन-मरण का सवाल है. एक-एक सीट के लिए पार्टी ने जी-जान लगाने का निश्चय किया है. इसी कड़ी में लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत प्रत्याशी चुनने की कवायद शुरू हो गई है. हिमाचल की चार सीटों शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा व मंडी के लिए कौन प्रत्याशी भाजपा के जीत वाले रथ को रोक सकते हैं, इसे लेकर दिल्ली में मंथन हुआ है.

भक्तचरण दास की अगुवाई में आयोजित मीटिंग में चारों सीटों के समीकरणों पर चर्चा हुई. तय किया गया कि संभावित प्रत्याशियों का पैनल बनाया जाएगा. फिर हाईकमान उस पर फैसला लेगा. मीटिंग में जिन बिंदुओं पर चर्चा हुई, उसमें टिकट देने का फार्मूला, संभावित प्रत्याशियों की लिस्ट, जीतने की क्षमता आदि शामिल है. सियासी गलियारों में चर्चा चल रही है कि मंडी से प्रतिभा सिंह को फिर से मैदान में उतारा जा सकता है. शिमला से किसी युवा चेहरे पर दांव खेला जा सकता है. खैर, अभी तो ये पहली मीटिंग थी और इसमें भक्तचरण दास का फोकस सामान्य जानकारी तक ही था. अब अगली मीटिंग में कुछ ठोस बातों पर चर्चा होगी.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का हाथ तंग: हिमाचल में दस साल से लोकसभा की चारों सीटें भाजपा के पास रही हैं. अलबत्ता, मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा के अकस्मात देहावसान के बाद उपचुनाव में कांग्रेस की प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल की. ऐसे में अभी की परिस्थितियों के अनुसार हिमाचल में लोकसभा सीटों का स्कोर तीन एक से भाजपा के पक्ष में है. यदि 2014 की बात की जाए तो उस समय वीरभद्र सिंह राज्य के मुखिया थे, लेकिन मोदी लहर में कांग्रेस सभी चार सीटों पर हार गई. वर्ष 2019 में तो कांग्रेस का और भी बुरा हाल हुआ था. उस समय राज्य में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार थी. तब चारों सीटों पर कांग्रेस बुरी तरह से हारी. आलम ये था कि सभी 68 विधानसभा हलकों से कांग्रेस प्रत्याशी पीछे रहे थे.

क्या हिमाचल से राज्यसभा जाएंगी सोनिया अथवा प्रियंका: दिल्ली में आयोजित बैठक में राज्यसभा की एक सीट को लेकर भी चर्चा हुई. हिमाचल कांग्रेस, सीएम सुखविंदर सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री व पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह सहित सभी नेता इस बात पर एकमत थे कि यदि सोनिया गांधी अथवा प्रियंका वाड्रा वाया हिमाचल राज्यसभा में जाने की इच्छुक हों तो सबकी हामी है. यदि कांग्रेस में गांधी परिवार इस ऑफर से इनकार करता है या फिर कर्नाटक व तेलंगाना को राज्यसभा जाने के लिए चुनता है तो फिर अन्य नामों पर विचार किया जाएगा. कांग्रेस हाईकमान विप्लव ठाकुर के नाम को भी हरी झंडी दे सकता है. आनंद शर्मा का नाम तो चल रहा है, लेकिन उनकी राह में जी-23 के रोड़े हैं. आशा कुमारी का नाम भी सुझाया गया था, लेकिन वे इच्छुक नहीं दिख रही. बाकी पूर्व कैबिनेट मंत्री कौल सिंह ठाकुर भी कतार में हैं.

ये भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश में आत्महत्या के मामलों में कमी, पुलिस विभाग ने जारी किए आंकड़े

शिमला: कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल की चार लोकसभा सीटों के लिए विनिंग कैंडिडेट चुनने की कसरत शुरू कर दी है. इस संदर्भ में दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक हुई. कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल के लकी फोर चुनने का जिम्मा पूर्व कैबिनेट मंत्री भक्तचरण दास को सौंपा है. स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह, हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला व अन्य नेता शामिल हुए.

मीटिंग में तय किया गया कि चार सीटों के लिए पहले प्रत्याशियों का पैनल बनाया जाएगा. इससे पहले चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से औपचारिक रूप से आवेदन मांगा जाएगा. आवेदनों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और फिर चुनावी मैदान में जिताऊ प्रत्याशी उतारे जाएंगे. चूंकि हिमाचल में कांग्रेस सरकार सत्तासीन है, लिहाजा लोकसभा चुनाव को नाक व साख का सवाल मानते हुए पार्टी सभी सीटों को जीतने के लिए जी-तोड़ मेहनत करेगी.

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है. हिमाचल में इस समय सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है. सुखविंदर सरकार को सत्ता संभाले एक साल से अधिक का समय हो गया है. लोकसभा चुनाव में वोटर्स न केवल कांग्रेस सरकार के एक साल के कार्यकाल का हिसाब करेंगे, बल्कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली भी कसौटी पर कसी जाएगी. ऐसे में कांग्रेस हाईकमान व प्रदेश का नेतृत्व लोकसभा चुनाव को गंभीरता से ले रहा है.

इधर, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बने माहौल में भाजपा खुद को बहुत सेफ पोजीशन में मान रही है. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा की कम से कम 370 सीटें पार्टी की झोली में मानकर चल रहे हैं. ये चुनाव कांग्रेस के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में राजस्थान व छत्तीसगढ़ कांग्रेस के हाथ से निकल गए. केवल तेलंगाना में उसके हिस्से कुछ सुख आया है. अब कांग्रेस के पास मुख्य रूप से हिमाचल, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे राज्यों की सत्ता ही रह गई है. कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव जीवन-मरण का सवाल है. एक-एक सीट के लिए पार्टी ने जी-जान लगाने का निश्चय किया है. इसी कड़ी में लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत प्रत्याशी चुनने की कवायद शुरू हो गई है. हिमाचल की चार सीटों शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा व मंडी के लिए कौन प्रत्याशी भाजपा के जीत वाले रथ को रोक सकते हैं, इसे लेकर दिल्ली में मंथन हुआ है.

भक्तचरण दास की अगुवाई में आयोजित मीटिंग में चारों सीटों के समीकरणों पर चर्चा हुई. तय किया गया कि संभावित प्रत्याशियों का पैनल बनाया जाएगा. फिर हाईकमान उस पर फैसला लेगा. मीटिंग में जिन बिंदुओं पर चर्चा हुई, उसमें टिकट देने का फार्मूला, संभावित प्रत्याशियों की लिस्ट, जीतने की क्षमता आदि शामिल है. सियासी गलियारों में चर्चा चल रही है कि मंडी से प्रतिभा सिंह को फिर से मैदान में उतारा जा सकता है. शिमला से किसी युवा चेहरे पर दांव खेला जा सकता है. खैर, अभी तो ये पहली मीटिंग थी और इसमें भक्तचरण दास का फोकस सामान्य जानकारी तक ही था. अब अगली मीटिंग में कुछ ठोस बातों पर चर्चा होगी.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का हाथ तंग: हिमाचल में दस साल से लोकसभा की चारों सीटें भाजपा के पास रही हैं. अलबत्ता, मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा के अकस्मात देहावसान के बाद उपचुनाव में कांग्रेस की प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल की. ऐसे में अभी की परिस्थितियों के अनुसार हिमाचल में लोकसभा सीटों का स्कोर तीन एक से भाजपा के पक्ष में है. यदि 2014 की बात की जाए तो उस समय वीरभद्र सिंह राज्य के मुखिया थे, लेकिन मोदी लहर में कांग्रेस सभी चार सीटों पर हार गई. वर्ष 2019 में तो कांग्रेस का और भी बुरा हाल हुआ था. उस समय राज्य में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार थी. तब चारों सीटों पर कांग्रेस बुरी तरह से हारी. आलम ये था कि सभी 68 विधानसभा हलकों से कांग्रेस प्रत्याशी पीछे रहे थे.

क्या हिमाचल से राज्यसभा जाएंगी सोनिया अथवा प्रियंका: दिल्ली में आयोजित बैठक में राज्यसभा की एक सीट को लेकर भी चर्चा हुई. हिमाचल कांग्रेस, सीएम सुखविंदर सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री व पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह सहित सभी नेता इस बात पर एकमत थे कि यदि सोनिया गांधी अथवा प्रियंका वाड्रा वाया हिमाचल राज्यसभा में जाने की इच्छुक हों तो सबकी हामी है. यदि कांग्रेस में गांधी परिवार इस ऑफर से इनकार करता है या फिर कर्नाटक व तेलंगाना को राज्यसभा जाने के लिए चुनता है तो फिर अन्य नामों पर विचार किया जाएगा. कांग्रेस हाईकमान विप्लव ठाकुर के नाम को भी हरी झंडी दे सकता है. आनंद शर्मा का नाम तो चल रहा है, लेकिन उनकी राह में जी-23 के रोड़े हैं. आशा कुमारी का नाम भी सुझाया गया था, लेकिन वे इच्छुक नहीं दिख रही. बाकी पूर्व कैबिनेट मंत्री कौल सिंह ठाकुर भी कतार में हैं.

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