जयपुर. ग्राम पंचायत निवारू की कॉलोनियों में पिछले कई सालों से पानी की समस्या बनी हुई है. इस समस्या को लेकर कॉलोनीवासी लगातार प्रदर्शन भी कर रहे हैं. इसी क्रम में सोमवार को लोगों ने उपखंड अधिकारी जयपुर राजेश जाखड़ का घेराव किया और अपनी समस्याएं रखी. पानी की समस्या का समाधान नहीं होने से महिलाओं ने अधिकारियों के खिलाफ रोष जताया.
800 से 1500 रुपए वसूल रहे टैंकर चालक : ग्राम पंचायत निवारू के सरपंच सुरेंद्र कुमार शर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में महिलाएं जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंची. यहां महिलाओं ने जयपुर उपखंड अधिकारी राजेश जाखड़ को पानी को लेकर हो रही परेशानी से अवगत कराया. उन्होंने दावा किया कि निवारू ग्राम पंचायत की कॉलोनियों में पिछले 8-10 सालों से पानी की समस्या चल रही है. सरकार बदलती रही, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. जहां पहले 300 रुपए का टैंकर आता था. अब उसी टैंकर के चालक 800 से 1500 रुपए वसूल कर रहे हैं. कॉलोनी के लोगों ने इस संबंध में जयपुर एसडीएम राजेश जाखड़ को ज्ञापन भी सौंपा.
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पानी की टंकियां भी खाली पड़ी : ग्राम पंचायत निवारू के सरपंच सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि निवारू में 200 कालोनियां बसी हुई है, जिसमें एक लाख से अधिक की आबादी निवास कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से इस आबादी के लिए पानी की व्यवस्था नहीं की जा रही. जो ट्यूबवेल बने हुए थे वे भी सूख गए हैं. उसमें भी पानी नीचे चला गया है. बीसलपुर का भी काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. जल जीवन मिशन के तहत बनी पानी की टंकियां भी खाली पड़ी हैं, वह भी जर्जर हो रही हैं.
एईएन और जेईएन करेंगे सर्वे : उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से निवारू की कॉलोनियों में पानी की समस्या है, लेकिन यह समस्या गर्मियों में बड़ी विकट हो जाती है. आदमी को पीने तक का पानी नसीब नहीं होता. जलदाय विभाग के अधिकारी आश्वासन पर आश्वासन दे रहे हैं. वह टैंकर पहुंचाने की बात तो करते हैं, लेकिन कॉलोनियों में टैंकर पहुंचता नहीं है. सुरेंद्र शर्मा के मुताबिक जयपुर एसडीएम राजेश जाखड़ ने कहा कि विभाग के एईएन और जेईएन मंगलवार को कॉलोनी में आएंगे और सर्वे करेंगे. विभाग की ओर से टैंकर भी पहुंच जाएंगे.
नीरज बिहार कॉलोनी के अध्यक्ष कैप्टन मुकेश यादव ने बताया कि भरी दोपहर में हम लोग कलेक्ट्रेट आए हैं. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम लोग पानी को लेकर कितने परेशान हैं. टैंकर के लिए भी 5 दिन पहले बताना पड़ता है, तब जाकर टैंकर से पानी पहुंचता है. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जब नेता आते हैं तो उन्हें भी इस समस्या से अवगत कराया जाता है. वे उसे समय तो आश्वासन देते हैं, लेकिन जीतने पर समस्या का समाधान नहीं करते.