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पति ने घर से निकाला तो उसके भाई को उतारा मौत के घाट, पत्नी समेत दो को उम्रकैद की सजा

आजमगढ़ में हत्या के मामले में दो दोषियों को उम्रकैद की सजा (Life imprisonment to two culprits in Azamgarh) अदालत ने गुरुवार को सुनायी. साथ ही प्रत्येक को पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 25, 2024, 7:57 PM IST

आजमगढ़: आजमगढ़ में हत्या (Azamgarh Murder Case) के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत में दो आरोपियों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को पांच पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई. यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव शुक्ला ने गुरुवार को सुनाया.

पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक जिला अस्पताल के कर्मचारी अशफाक ने 16 अगस्त 2014 को शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अशफाक ने जिला अस्पताल के पीछे की तरफ एक बॉक्स देखा था. उसने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस चौकी को दी थी. बक्से को जब खोला गया, तो उसमें एक युवक की लाश बरामद हुई. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि यह बॉक्स कोट मोहल्ले की सबीना उर्फ मुन्नी पत्नी गुलजार का है.

पुलिस जब जांच शुरू की तब यह जानकारी हुई कि सबीना को उसके पति गुलजार ने घर से निकाल दिया था. इसी का बदला लेने के लिए सबीना ने गुलजार के भाई सोनू की हत्या कर दी. इस हत्या में सबीना का साथ आरिफ उर्फ गामरी पुत्र नियाज निवासी अर्दली बाजार वाराणसी ने दिया था. पुलिस ने सबीना तथा आरिफ को गिरफ्तार के चार्जशीट दाखिल की थी.

अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता प्रियदर्शी पियूष त्रिपाठी, सहायक शासकीय अधिवक्ता शिवाश्रय राय तथा आनंद सिंह ने वादी मुकदमा समेत कुल 12 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत में आरोपी सबीना उर्फ मुन्नी और आरिफ को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा (Azamgarh Court Order) सुनाई.

ये भी पढ़ें- अयोध्या में राम भक्तों को बड़ी राहत: अब आरती के समय भी होंगे रामलला के दर्शन, समय अवधि बढ़ी

आजमगढ़: आजमगढ़ में हत्या (Azamgarh Murder Case) के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत में दो आरोपियों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को पांच पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई. यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव शुक्ला ने गुरुवार को सुनाया.

पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक जिला अस्पताल के कर्मचारी अशफाक ने 16 अगस्त 2014 को शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अशफाक ने जिला अस्पताल के पीछे की तरफ एक बॉक्स देखा था. उसने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस चौकी को दी थी. बक्से को जब खोला गया, तो उसमें एक युवक की लाश बरामद हुई. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि यह बॉक्स कोट मोहल्ले की सबीना उर्फ मुन्नी पत्नी गुलजार का है.

पुलिस जब जांच शुरू की तब यह जानकारी हुई कि सबीना को उसके पति गुलजार ने घर से निकाल दिया था. इसी का बदला लेने के लिए सबीना ने गुलजार के भाई सोनू की हत्या कर दी. इस हत्या में सबीना का साथ आरिफ उर्फ गामरी पुत्र नियाज निवासी अर्दली बाजार वाराणसी ने दिया था. पुलिस ने सबीना तथा आरिफ को गिरफ्तार के चार्जशीट दाखिल की थी.

अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता प्रियदर्शी पियूष त्रिपाठी, सहायक शासकीय अधिवक्ता शिवाश्रय राय तथा आनंद सिंह ने वादी मुकदमा समेत कुल 12 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत में आरोपी सबीना उर्फ मुन्नी और आरिफ को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा (Azamgarh Court Order) सुनाई.

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