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हिमाचल में चेन वुड कटर खरीदने के लिए लेना होगा लाइसेंस, वनों में हो रहे पेड़ के अवैध कटान पर सरकार सख्त - CHAIN WOOD CUTTER

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार वन में अवैध पेड़ कटान को लेकर सख्त है. अब चेन वुड कटर खरीदने के लिए लाइसेंस लेना होगा.

chain wood cutter in Himachal
चेन वुड कटर के लिए लेना होगा लाइसेंस (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 30, 2024, 9:40 AM IST

शिमला: हिमाचल में वनों को अवैध कटान को लेकर सरकार सख्त हो गई है. वनों को कटने से रोकने के लिए सरकार ने कई कानून लागू किए है. वहीं, अब सरकार ने कहा है कि चेन वुड कटर (लकड़ी काटने का उपकरण) खरीदने के लिए लोगों को अब लाइसेंस लेना होगा. प्रदेश सरकार ने वन में पेड़ों के कटान को रोकने के लिए लाइसेंस लेने की शर्त को अनिवार्य कर दिया है.

वन विभाग का दावा है कि इस व्यवस्था के लागू होने से बन कटान पर रोक लगने में मदद मिलेगी. वहीं चेन वुड कटर को हॉोर्स पावर के आधार पर लाइसेंस जारी किए जाएंगे. इसमें कम हॉर्स पावर के छोटे चेन वुड कटर को लाइसेंस लेने में छूट देने पर भी विचार चल रहा है.

चेन वुड कटर से मिनटों में गिराया जाता है पेड़

हिमाचल में वैसे तो ग्रामीण इलाकों में किसान और बागवान द्वारा घरेलू लकड़ी सहित बगीचे में मोटे झाड़ काटने के लिए चेन वुड कटर का प्रयोग किया जाता है. ऐसे में अधिकतर ग्रामीणों के पास अपने चेन वुड कटर हैं. लेकिन इसके लाभ होने के साथ कई नुकसान भी हो रहे हैं. कुछ लोगों ने बड़े चेन वुड कटर खरीद कर जंगलों में पेड़ काटने का जुर्म कर रहे हैं. हिमाचल में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र सड़क सुविधा से जुड़ गए हैं. ऐसे में लोग चंद मिनटों में जंगलों के चेन वुड कटर की मदद से पेड़ काटकर टिप्पर और यूटिलिटी में भर कर आसानी के साथ ले जा रहे हैं. जिससे लगातार जंगलों में पेड़ों की संख्या कम हो रही है और पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है.

ऐसे में हिमाचल सरकार ने जंगलों में अवैध कटान को रोकने के लिए चेन वुड कटर के लिए लाइसेंस जारी करने का निर्णय लिया है. जिसके लिए अब वन विभाग नई व्यवस्था लागू करने के लिए नियम और शर्तें तय करने जा रहा है. जिसके बाद बिना लाइसेंस चेन वुड कटर इस्तेमाल करने पर वुड कटर जब्त करने और जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जा सकता है. वहीं, वन विभाग ने अभी लोगों के पास उपलब्ध चेन वुड कटर की संख्या पता लगाने के लिए विशेष अभियान शुरू करने जा रहा है. ऐसे में लोगों को संबंधित डीएफओ को चेन वुड कटर की सूचना देनी होगी.

वन विभाग के पीसीसीएफ पवनेश कुमार ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में अवैध वन कटान रोकने के लिए चेन वुड कटर के लिए भी लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. इस व्यवस्था को जल्दी ही लागू किया जा रहा है. इसके जल्द ही नियम और शर्ते तय की जाएंगे".

ये भी पढ़ें: "अवैध कटान से लेकर प्रतिबंधित मुर्गे को खाने में परोसना, किस हद तक जाएगी सरकार" अनुराग ठाकुर ने साधा निशाना

शिमला: हिमाचल में वनों को अवैध कटान को लेकर सरकार सख्त हो गई है. वनों को कटने से रोकने के लिए सरकार ने कई कानून लागू किए है. वहीं, अब सरकार ने कहा है कि चेन वुड कटर (लकड़ी काटने का उपकरण) खरीदने के लिए लोगों को अब लाइसेंस लेना होगा. प्रदेश सरकार ने वन में पेड़ों के कटान को रोकने के लिए लाइसेंस लेने की शर्त को अनिवार्य कर दिया है.

वन विभाग का दावा है कि इस व्यवस्था के लागू होने से बन कटान पर रोक लगने में मदद मिलेगी. वहीं चेन वुड कटर को हॉोर्स पावर के आधार पर लाइसेंस जारी किए जाएंगे. इसमें कम हॉर्स पावर के छोटे चेन वुड कटर को लाइसेंस लेने में छूट देने पर भी विचार चल रहा है.

चेन वुड कटर से मिनटों में गिराया जाता है पेड़

हिमाचल में वैसे तो ग्रामीण इलाकों में किसान और बागवान द्वारा घरेलू लकड़ी सहित बगीचे में मोटे झाड़ काटने के लिए चेन वुड कटर का प्रयोग किया जाता है. ऐसे में अधिकतर ग्रामीणों के पास अपने चेन वुड कटर हैं. लेकिन इसके लाभ होने के साथ कई नुकसान भी हो रहे हैं. कुछ लोगों ने बड़े चेन वुड कटर खरीद कर जंगलों में पेड़ काटने का जुर्म कर रहे हैं. हिमाचल में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र सड़क सुविधा से जुड़ गए हैं. ऐसे में लोग चंद मिनटों में जंगलों के चेन वुड कटर की मदद से पेड़ काटकर टिप्पर और यूटिलिटी में भर कर आसानी के साथ ले जा रहे हैं. जिससे लगातार जंगलों में पेड़ों की संख्या कम हो रही है और पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है.

ऐसे में हिमाचल सरकार ने जंगलों में अवैध कटान को रोकने के लिए चेन वुड कटर के लिए लाइसेंस जारी करने का निर्णय लिया है. जिसके लिए अब वन विभाग नई व्यवस्था लागू करने के लिए नियम और शर्तें तय करने जा रहा है. जिसके बाद बिना लाइसेंस चेन वुड कटर इस्तेमाल करने पर वुड कटर जब्त करने और जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जा सकता है. वहीं, वन विभाग ने अभी लोगों के पास उपलब्ध चेन वुड कटर की संख्या पता लगाने के लिए विशेष अभियान शुरू करने जा रहा है. ऐसे में लोगों को संबंधित डीएफओ को चेन वुड कटर की सूचना देनी होगी.

वन विभाग के पीसीसीएफ पवनेश कुमार ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में अवैध वन कटान रोकने के लिए चेन वुड कटर के लिए भी लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. इस व्यवस्था को जल्दी ही लागू किया जा रहा है. इसके जल्द ही नियम और शर्ते तय की जाएंगे".

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