नई दिल्ली: राजधानी को बड़ा आर्थिक बढ़ावा देने वाले एक कदम में एलजी वीके सक्सेना ने आईजीआई एयरपोर्ट पर विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड)/मुक्त व्यापार क्षेत्र (एफटीजेड) की स्थापना के लिए मंजूरी दे दी है. करीब पांच एकड़ क्षेत्र में कार्गो इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य संबद्ध गतिविधियों से संबंधित, यह एसईजेड/एफटीजेड के शुरू हो जाने के बाद लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा. साथ ही रोजगार पैदा करने के अलावा आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा.
लालफीताशाही होगी कम: एलजी ने एयरपोर्ट हब पर एफटीजेड/एसईजेड विकसित करने के महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव को मंजूरी दी. एसईजेड निर्यात, भंडारण, व्यापार और हवाईअड्डा परिसर में संबंधित सेवाओं के प्रावधानों के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों का निर्माण करेगा. यह उद्यमियों को कर लाभ प्रदान करने के अलावा लाइसेंसिंग, मंजूरी और अन्य नियमों के संदर्भ में प्रक्रियात्मक जटिलताओं को उदार बनाएगा और लालफीताशाही को कम करेगा.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय, दिल्ली को पायलट एयर कार्गो हब के रूप में पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत है. इसके लिए टियर 1, 2 और 3 स्तर के बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है. जबकि, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) ने पहले ही एयरपोर्ट पर दो कार्गो टर्मिनल और लॉजिस्टिक्स केंद्र विकसित करके टियर 1 और 2 बुनियादी ढांचे का विकास किया है. हवाईअड्डा परिसर में एसईजेड/एफटीजेड बनने के बाद यह टियर 3 का स्तर हासिल कर लेगा.
मांगी गई अनुमति: डीआईएएल ने आईजीआई एयरपोर्ट पर 2.02 हेक्टेयर (5 एकड़) क्षेत्र में दो बहु उत्पाद एसईजेड की स्थापना का प्रस्ताव रखा है और एसईजेड नियम, 2006 के तहत, दिल्ली सरकार की सिफारिश के लिए अनुरोध किया है. इसके बाद उद्योग विभाग, जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार) ने डीडीए से मंजूरी मांगी गई. चूंकि दिल्ली के मास्टर प्लान के अनुसार, दिल्ली का विकास डीडीए के दायरे में आता है, इसलिए उद्योग विभाग ने डीडीए को 2023 में लिखे पत्र से इस बारे में अपना इनपुट देने का अनुरोध किया कि क्या मास्टर के अनुसार, दिल्ली एयरपोर्ट पर इस तरह के बुनियादी ढांचे के विकास की अनुमति है.
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भारत सरकार को किया जाएगा सूचित: डीडीए ने अपने पत्र दिनांक के माध्यम से, एमपीडी-2021 में निर्धारित परिवहन के लिए यातायात और विकास नियंत्रण मानदंडों पर विचार करने के बाद, भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण द्वारा निर्धारित इस संबंध में विनियमों के अधीन अपनी सहमति व्यक्त की. एलजी की मंजूरी और डीडीए की टिप्पणियों के साथ जीएनसीटीडी की सैद्धांतिक सहमति/समझौता, वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार को भी सूचित किया जाएगा.
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