आजमगढ़ : जिले में विगत दो सप्ताह से आतंक का पर्याय बने तेंदुए को आखिर वन विभाग की टीम ने अपने जाल में कैद ही कर लिया. जिले में लगातार तेंदुए को लेकर दहशत बनी हुई थी. कभी तेंदुआ पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तो कभी इधर कभी उधर दिखता था. सड़क से आने जाने वाले लोग काफी डरे हुए थे. जिला प्रशासन और वन विभाग की टीम लगातार तेंदुए को गिरफ्त में लेने का प्रयास कर रही थी. मंगलवार शाम को तेंदुए को पिंजरे में कैद कर लिया गया.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बगल से गुजरने वाली सर्विस लेन से निकलने वाले लोगों में तेंदुए को लेकर काफी दिनों से दहशत थी. लोग अपने वाहनों को बहुत तेज रफ्तार से चलाते थे. इसके साथ ही शाम होते ही सभी लोगों के घरों के दरवाजे भी बंद हो जाते थे, हालांकि तेंदुए ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया.
क्षेत्रीय वन अधिकारी नरेंद्र चौधरी ने बताया कि विगत 15 दिनों से लगातार यह तेंदुआ कभी इधर तो कभी उधर भाग रहा था. लगातार इसकी ट्रैकिंग की जा रही थी. तेंदुआ पाइप लाइन से जाल काट कर भागा था और लगातार हम लोग इसको पिंजरे में बंद करने का प्रयास कर रहे थे. मंगलवार को आखिरकार सफलता मिल गई. उन्होंने बताया कि तेंदुए ने इन दिनों किसी तरह का कोई नुकसान नहीं किया है. तेंदुए के पकड़े जाने के बाद स्थानीय लोग चैन की नींद सो सकेंगे. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों और वन विभाग के अधिकारी के सहयोग से यह सफलता मिल सकी है. तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उसे जंगल में छोड़ा जाएगा.
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