शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पक्ष-विपक्ष के बीच सदन के अंदर और बाहर खूब तनातनी देखने को मिली. विधानसभा अध्यक्ष की ओर से लोकसभा चुनाव के दौरान जनसभा के दौरान 6 विधायकों के सर कलम करने के बयान पर सदन में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया.
भाजपा विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर लेकर स्पीकर के पूर्व के एक बयान का संदर्भ दिया था. लखनपाल ने कहा कि स्पीकर का बयान था कि छह विधायकों की मुंडी काट दी और तीन आरे के नीचे हैं. इसे वापिस लिया जाना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कहा कि उन्होंने विधानसभा के अंदर इस तरह का बयान नहीं दिया है. इस पर सदन में हंगामा हो गया. विपक्ष के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे और फिर स्पीकर के आसन की तरफ बढ़े. इसके बाद विवाद और गरमा गया. विधानसभा अध्यक्ष ने इसके चलते दो बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. वहीं, विपक्ष के विधायक काले बिल्ले लगाकर सदन में पहुंचे और विधानसभा अध्यक्ष से अपने बयान को लेकर खेद प्रकट करने की मांग उठाई. काफी देर तक सदन में नारेबाजी होती रही. इसके बाद विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर आ गए.
'स्पीकर को करना चाहिए खेद प्रकट'
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पूर्व में दिए गए सर कलम करने वाले बयान पर कहा कि अपने कलीग के बारे में इस तरह की बात करना शर्मनाक है. कई विधायक फिर से जनता की अदालत से चुनकर वापस सदन में आए हैं. वो स्पीकर के बयान से आहत हैं. इसलिए वो स्पीकर से उनके बयान पर खेद प्रकट करने की मांग कर रहे थे. प्रदेश में इस समय हर तरह की अराजकता है. हर वर्ग सरकार से निराश है. विधानसभा अध्यक्ष को इस तरह का बयान देना शोभा नहीं देता है. उन्हें इस तरह के बयान के लिए खेद प्रकट करना चाहिए.