लखनऊ: हुसैनगंज के मोहम्मद खालिद के घर को बुधवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के अधिकारियों ने सील कर दिया, जिससे उनका पूरा परिवार करीब 5 घंटे तक घर में कैद रहा. इस दौरान स्कूल गया उनका बच्चा घर के बाहर भूखा-प्यासा खड़ा रहा. शाम को अधिकारियों ने सील खोलने के बाद स्थिति सामान्य हुई.
मोहम्मद खालिद ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि अधिकारियों ने उनकी पत्नी से कहा कि घर खाली कर दीजिए क्योंकि इसे सील किया जाएगा. खालिद की पत्नी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि उनके पति दिल के मरीज हैं, जिन्हें दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है. डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति में अस्पताल ले जाने की सलाह दी है. ऐसे में घर खाली करना संभव नहीं है.
मासूमों पर गुजरा कठिन वक्त : खालिद ने बताया कि इस कार्रवाई के दौरान उनका 2 साल का मासूम बच्चा घर के बाहर भूखा-प्यासा खड़ा रहा. घर का कोई भी जरूरी सामान अंदर से नहीं लाया जा सका. मेरा दूसरा बेटा कक्षा 5 में पड़ता है. वह स्कूल गया था. स्कूल से जब वह वापस आया तो, दरवाजे को सील पाया. मेरा बेटा 5 घंटे तक दरवाजे पर खड़ा रहा.
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बिल्डर पर लगाया लापरवाही का आरोप : खालिद ने बताया कि उनका मकान 2017 से ताहिर कुरैशी नामक बिल्डर के अधीन निर्माणाधीन है. लेकिन, अब तक यह अधूरा पड़ा है. उन्होंने आरोप लगाया कि एलडीए के अधिकारी उन्हें बिना नोटिस दिए घर सील कर रहे हैं. हमने कई बार अधिकारियों से अपील की है कि वे बिल्डर से बात करें, लेकिन न अधिकारी हमारी सुनते हैं और न ही बिल्डर फोन उठाता है. शाम करीब 6 बजे एलडीए के अधिकारियों ने आकर घर की सील खोल दी. इसके बाद परिवार ने राहत की सांस ली.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी शशि भूषण पाठक ने बताया कि संबंधित बिल्डिंग को सितंबर में सील किया गया था. दोबारा सील करने का कोई आदेश नहीं हुआ था. इस बिल्डिंग को किसने सील किया, इसकी औपचारिक जानकारी उनके पास नहीं है. बिल्डिंग पहले से ही सील है. अगर उसके भीतर कोई रह रहा है, तो वह पूरी तरह से अवैध है. लखनऊ विकास प्राधिकरण संबंधित बिल्डर के खिलाफ कड़ा एक्शन लेगा.
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