पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव के पहले चरण की सीटों पर प्रचार थम गया है. आज यानी शुक्रवार को पहले चरण में बिहार के चार सीटों पर आज मतदान होना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में जीत की हैट्रिक लगाने की कोशिश में जुटी भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता अपने भाषण की शुरुआत लालू से शुरू करते है और लालू पर ही खत्म करते है. क्या बीजेपी बिहार में लालू प्रसाद के नाम पर सियासत करती है?
मोदी के टारगेट पर लालू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के चुनावी भाषण के सभी बयानों में एक कॉमन फैक्टर ये है कि उन्होने अपने भाषण में सिर्फ लालू यादव को ही टारगेट किया. जितनी बार भी नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा की उसमें निशाने पर सिर्फ और सिर्फ लालू यादव ही रहे है. कभी लालू यादव का चारा घोटाला, तो कभी लालू यादव जंगलराज, तो कभी लालू यादव का जमीन के बदले नौकरी, तो लालू यादव का भ्रष्टाचार मुद्दा हावी रहा.
लालू से शुरू और लालू पर खत्म: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा बिहार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह भी बिहार में चुनाव सभा कर रहे है. लेकिन, उनके भाषण में भी लालू यादव का विरोध ढूंसकर भरा रहता है. बीजेपी के सभी फायर ब्रांड नेता अपने भाषण की शुरुआत लालू से शुरू करते है और लालू पर ही खत्म करते है.
बिहार में पीएम मोदी की चार सभा : बिहार में चुनावी सभा का शंखनाद पीएम मोदी ने जमुई लोकसभा सीट से की थी. पहले चरण में पीएम मोदी तीन बार बिहार आये और चार सभा को संबोधित किये. पूरे भाषण में लालू को टारगेट किया गया. लालू यादव के गठबंधन में लालू यादव के अलावा कोई दूसरा नेता या पार्टी है ही नही. जबकि लालू यादव के अलावा उनके गठबंधन कांग्रेस, वीआईपी और लेफ्ट की चार पार्टियां है. लेकिन, टारगेट पर सिर्फ लालू यादव ही रहते हैं.
लालूराज को याद दिलाना है मकसद: वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते है कि लालू यादव का कार्यकाल 1990 से लेकर 2005 तक था. उन 15 सालों में जिस तरह बिहार में घोटाले और भ्रष्टाचार हुए, वो चीजें बताई जा रही है. नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्य नाथ या फिर राजनाथ सिंह उन 15 सालों को लोगों को याद करा रहे हैं. इसको ऐसे समझा जा सकता है लालू यादव की सत्ता 18- 19 साल पहले चली गई थी.
एक तीर से दो निशाना: वहीं रवि उपाध्याय ने बताया कि "बगैर लालू यादव को टारगेट किये नरेंद्र मोदी या फिर एनडीए सरकार की उपलब्धियों को नहीं बताया जा सकता है. इतने साल बिहार पीछे चला गया. इसकी वजह लालू यादव है." रही बात महागठबंधन में दूसरे नेताओं पर टारगेट करने की तो भाजपा नेता बड़ी ही चालाकी से भ्रष्टाचार और परिवारवाद पर हमला करते है जिसमें लालू यादव तो आते ही इसके साथ राहुल गांधी आ जाते है.
बिहार में मोदी का भाषण:
4 अप्रैल, जमुई: "जो लोग रेलवे में भर्ती के नाम पर गरीब युवाओं से जमीन लिखवा लें, वो बिहार का भला नहीं कर पाएंगे। नीतीश कुमार भी रेल मंत्री थे, लेकिन आज तक कोई शिकायत नहीं आई. मगर इन लोगों ने जमीनें छीन ली. पहले खस्ताहाल ट्रेनें चलती थीं. लेकिन, अब लोग वंदे भारत में सफर कर रहे हैं."- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
7 अप्रैल, नवादा: "पहले बिहार की बहन-बेटियों को घर से बाहर निकलने में डर लगता था. यहां जंगल राज का बोलबाला था." - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
16 अप्रैल,गया: "बिहार में जंगलराज का सबसे बड़ा चेहरा और भ्रष्टाचार का नाम आरजेडी है. चारा घोटाले पर तो अदालत ने भी मुहर लगा दी है. इस घोटाले के जरिए राजद ने गरीबों को लूटा है. क्या लालटेन से कभी मोबाइल चार्ज हो सकता है."- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
16 अप्रैल,पूर्णिया:"बिहार में जंगलराज का भी दौर रहा. इस इलाके में महाजंगलराज था. हिंसा, अपहरण, फिरौती का यहां उद्योग चलता था. इनका एक ही एजेंडा है भ्रष्टाचार और लूट. मेहनत गरीब जनता करें और मलाई आरजेडी वाले लूटें. मोदी के रहते ये मुमकिन नहीं है." -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
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