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शिक्षक संघ के बॉयकॉट के बावजूद लाखों शिक्षकों ने भरा फॉर्म, सक्षमता परीक्षा के आवेदन के लिए एक दिन शेष

Niyojit Shikshak: नियोजित शिक्षक राज्य कर्मी का दर्जा पाने के लिए सक्षमता परीक्षा का विरोध कर रहे हैं. इसके बावजूद सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन की आखिरी तिथि सोमवार 19 फरवरी ही है. परीक्षा 26 फरवरी से शुरू हो रही है और 13 मार्च तक ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन होगा.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 18, 2024, 7:15 PM IST

सक्षमता परीक्षा

पटना: नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा पाने के लिए शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुरूप सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करना है. सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन की आखिरी तिथि सोमवार 19 फरवरी है. परीक्षा 26 फरवरी से शुरू हो रही है और 13 मार्च तक ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन होगा. तमाम शिक्षक संगठनों ने सक्षमता परीक्षा का बॉयकॉट किया है. ऐसे में शिक्षक संगठनों के बॉयकॉट के के बावजूद लाखों की संख्या में नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन फॉर्म भर दिया है.

कल तक भरा जाएगा सक्षमता परीक्षा फॉर्म: टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने कहा कि शिक्षक बनने के लिए अर्हता एनसीटीई तय करती है. यह देश भर के लिए लागू होता है. एनसीटीई की अर्हता पूरी करने के बाद ही नियोजित शिक्षक शिक्षक बने हैं. नियोजित शिक्षकों ने टीईटी भी पास किया है और दक्षता परीक्षा भी पास किया है. ऐसे में नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा क्यों दें.सक्षमता परीक्षा पास होने के बाद भी शिक्षकों के वेतनमान में एक रुपये की बढ़ोतरी नहीं हो रही है.

शिक्षकों की छवि को धूमिल करने की कोशिश: राजू सिंह ने कहा कि सक्षमता परीक्षा के नाम पर नियोजित शिक्षकों की छवि को सरकार धूमिल करने की कोशिश कर रही है. विशिष्ट शिक्षक नियमावली पर सरकार की ओर से सुझाव मांगे गए थे. जिसमें सवा लाख से अधिक सुझाव मिले. बावजूद इसके शिक्षक नियमावली से शिक्षकों के लिए विशिष्ट शिक्षक का प्रावधान नहीं हटा. उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों की ऐच्छिक स्थानांतरण की लंबे समय से मांग थी. वह भी पूरा नहीं हो रहा है.

"वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों के लिए भी साक्षमता परीक्षा का सिलेबस वहीं रखा गया है जो नए शिक्षक अभ्यर्थियों के शिक्षक बनने के लिए सिलेबस है. मुख्यमंत्री ने कहा था मामूली परीक्षा होगी, लेकिन सिलेबस कठिन किया गया है. नियोजित शिक्षकों को उनके कक्षा के अनुरूप सब्जेक्ट से से सवाल पूछे जाए तो किसी को कोई दिक्कत नहीं है. सक्षमता परीक्षा के नाम पर नियोजित शिक्षकों की छवि को सरकार धूमिल करने की कोशिश कर रही है" - राजू सिंह, प्रदेश संयोजक, टीईटी शिक्षक संघ

सक्षमता परीक्षा देना ही होगा: वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मीकांत सजल ने बताया कि शिक्षक संगठन कितना भी विरोध क्यों न कर लें, यह स्पष्ट हो गया है कि उन्हें सक्षमता परीक्षा देना ही होगा. कई शिक्षकों को ऑनलाइन परीक्षा से आपत्ति थी तो शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने भी कह दिया है कि दो बार ऑफलाइन परीक्षा भी आयोजित की जाएगी. साक्षमता परीक्षा का लाखों नियोजित शिक्षक भी समर्थन कर रहे हैं. जो टीईटी पास शिक्षक हैं. वह चाहते हैं कि सक्षमता परीक्षा दे ताकि जो नियोजित शिक्षकों के ऊपर गुणवत्ता विहीन होने का कलंक है वह धूल सकें. जिन शिक्षकों की नौकरी 10-15 साल से अधिक बची हुई है वह अपने बेहतर भविष्य के लिए सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन कर रहे हैं.

डेढ़ लाख शिक्षकों ने भरा आवेदन: वर्तमान में अभी कार्यरत नियोजित शिक्षकों की संख्या लगभग 3.5 लाख के करीब है. 4.5 लाख नियोजित शिक्षकों में काफी संख्या में शिक्षक रिटायर हो चुके हैं और काफी संख्या में शिक्षक बीपीएससी परीक्षा पास कर पहले चरण में राज्य कर्मी शिक्षक बन गए हैं. फिलहाल अभी नियोजित शिक्षकों के पास साक्षमता परीक्षा पास करने का तीन अवसर है और संभव है कि इसे पांच अवसर तक बढ़ाया जाए. अभी पहले चरण की सक्षमता परीक्षा होगी और पांच चरण में इसे पूरा करने में लगभग 2 वर्ष लग जाएंगे. अभी के समय डेढ़ लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों ने साक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन किया है लेकिन इतनी संख्या में ही शिक्षकों ने इसका बहिष्कार भी किया है.

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सक्षमता परीक्षा

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कल तक भरा जाएगा सक्षमता परीक्षा फॉर्म: टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने कहा कि शिक्षक बनने के लिए अर्हता एनसीटीई तय करती है. यह देश भर के लिए लागू होता है. एनसीटीई की अर्हता पूरी करने के बाद ही नियोजित शिक्षक शिक्षक बने हैं. नियोजित शिक्षकों ने टीईटी भी पास किया है और दक्षता परीक्षा भी पास किया है. ऐसे में नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा क्यों दें.सक्षमता परीक्षा पास होने के बाद भी शिक्षकों के वेतनमान में एक रुपये की बढ़ोतरी नहीं हो रही है.

शिक्षकों की छवि को धूमिल करने की कोशिश: राजू सिंह ने कहा कि सक्षमता परीक्षा के नाम पर नियोजित शिक्षकों की छवि को सरकार धूमिल करने की कोशिश कर रही है. विशिष्ट शिक्षक नियमावली पर सरकार की ओर से सुझाव मांगे गए थे. जिसमें सवा लाख से अधिक सुझाव मिले. बावजूद इसके शिक्षक नियमावली से शिक्षकों के लिए विशिष्ट शिक्षक का प्रावधान नहीं हटा. उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों की ऐच्छिक स्थानांतरण की लंबे समय से मांग थी. वह भी पूरा नहीं हो रहा है.

"वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों के लिए भी साक्षमता परीक्षा का सिलेबस वहीं रखा गया है जो नए शिक्षक अभ्यर्थियों के शिक्षक बनने के लिए सिलेबस है. मुख्यमंत्री ने कहा था मामूली परीक्षा होगी, लेकिन सिलेबस कठिन किया गया है. नियोजित शिक्षकों को उनके कक्षा के अनुरूप सब्जेक्ट से से सवाल पूछे जाए तो किसी को कोई दिक्कत नहीं है. सक्षमता परीक्षा के नाम पर नियोजित शिक्षकों की छवि को सरकार धूमिल करने की कोशिश कर रही है" - राजू सिंह, प्रदेश संयोजक, टीईटी शिक्षक संघ

सक्षमता परीक्षा देना ही होगा: वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मीकांत सजल ने बताया कि शिक्षक संगठन कितना भी विरोध क्यों न कर लें, यह स्पष्ट हो गया है कि उन्हें सक्षमता परीक्षा देना ही होगा. कई शिक्षकों को ऑनलाइन परीक्षा से आपत्ति थी तो शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने भी कह दिया है कि दो बार ऑफलाइन परीक्षा भी आयोजित की जाएगी. साक्षमता परीक्षा का लाखों नियोजित शिक्षक भी समर्थन कर रहे हैं. जो टीईटी पास शिक्षक हैं. वह चाहते हैं कि सक्षमता परीक्षा दे ताकि जो नियोजित शिक्षकों के ऊपर गुणवत्ता विहीन होने का कलंक है वह धूल सकें. जिन शिक्षकों की नौकरी 10-15 साल से अधिक बची हुई है वह अपने बेहतर भविष्य के लिए सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन कर रहे हैं.

डेढ़ लाख शिक्षकों ने भरा आवेदन: वर्तमान में अभी कार्यरत नियोजित शिक्षकों की संख्या लगभग 3.5 लाख के करीब है. 4.5 लाख नियोजित शिक्षकों में काफी संख्या में शिक्षक रिटायर हो चुके हैं और काफी संख्या में शिक्षक बीपीएससी परीक्षा पास कर पहले चरण में राज्य कर्मी शिक्षक बन गए हैं. फिलहाल अभी नियोजित शिक्षकों के पास साक्षमता परीक्षा पास करने का तीन अवसर है और संभव है कि इसे पांच अवसर तक बढ़ाया जाए. अभी पहले चरण की सक्षमता परीक्षा होगी और पांच चरण में इसे पूरा करने में लगभग 2 वर्ष लग जाएंगे. अभी के समय डेढ़ लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों ने साक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन किया है लेकिन इतनी संख्या में ही शिक्षकों ने इसका बहिष्कार भी किया है.

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