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हाईकोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतों में राजीनामा से लाखों प्रकरणों का निस्तारण - Lok Adalat in Rajasthan

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 13, 2024, 4:09 PM IST

Updated : Jul 13, 2024, 5:02 PM IST

शनिवार को प्रदेशभर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस दौरान लंबित चल रहे लाखों प्रकरणों का निस्तारण किया गया.

National lok adalat
राष्ट्रीय लोक अदालत (ETV Bharat Jaipur)
राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जस्टिस पंकज भंडारी ने शेयर की जानकारी (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ राजस्थान हाईकोर्ट में प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस पंकज भंडारी ने दीप प्रज्जवलित कर किया. इस मौके पर जस्टिस भंडारी ने कहा कि हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में लाखों की संख्या में मुकदमे लंबित चल रहे हैं. ऐसे में लोक अदालत के जरिए यदि इनमें से मुकदमें तय होते हैं, तो भी यह बड़ी उपलब्धि रहेगी. गत लोक अदालत में अधीनस्थ अदालतों में लंबित करीब 13 फीसदी प्रकरणों का निस्तारण किया गया था.

लोक अदालत को लेकर प्राधिकरण के सचिव हरिओम अत्री ने बताया कि लोक अदालत में लाखों की संख्या में प्री-लिटिगेशन और लंबित मुकदमों को सूचीबद्ध किया गया है. इन मुकदमों की सुनवाई के लिए अधीनस्थ अदालतों में कुल 512 बेंचों का गठन किया गया है. वहीं हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्यपीठ में पांच बेंच और जयपुर पीठ में चार बेंच का गठन किया गया है.

पढ़ें: लोक अदालत शुभारंभ कार्यक्रम का अधिवक्ताओं ने किया बहिष्कार - Boycotted Lok Adalat

लोक अदालत में राजीनामा हो सकने वाले सिविल, आपराधिक, सेवा, श्रम, मोटर दुर्घटना, पारिवारिक सहित अन्य प्रकृति के प्रकरणों को सूचीबद्ध किया गया है. उन्होंने बताया कि लोक अदालत में दोनों पक्षकारों की आपसी सहमति से प्रकरण का निस्तारण किया जाता है. इसमें न किसी की हार होती है और न किसी की जीत. आपसी सहमति से निस्तारण होने के चलते संबंधित मुकदमे में अपील भी नहीं होती और उसका अंतिम रूप से निस्तारण हो जाता है. लोक अदालत की विभिन्न बेंचों ने शनिवार को आपसी सहमति से लाखों की संख्या में मुकदमों का निस्तारण किया है

राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जस्टिस पंकज भंडारी ने शेयर की जानकारी (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ राजस्थान हाईकोर्ट में प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस पंकज भंडारी ने दीप प्रज्जवलित कर किया. इस मौके पर जस्टिस भंडारी ने कहा कि हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में लाखों की संख्या में मुकदमे लंबित चल रहे हैं. ऐसे में लोक अदालत के जरिए यदि इनमें से मुकदमें तय होते हैं, तो भी यह बड़ी उपलब्धि रहेगी. गत लोक अदालत में अधीनस्थ अदालतों में लंबित करीब 13 फीसदी प्रकरणों का निस्तारण किया गया था.

लोक अदालत को लेकर प्राधिकरण के सचिव हरिओम अत्री ने बताया कि लोक अदालत में लाखों की संख्या में प्री-लिटिगेशन और लंबित मुकदमों को सूचीबद्ध किया गया है. इन मुकदमों की सुनवाई के लिए अधीनस्थ अदालतों में कुल 512 बेंचों का गठन किया गया है. वहीं हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्यपीठ में पांच बेंच और जयपुर पीठ में चार बेंच का गठन किया गया है.

पढ़ें: लोक अदालत शुभारंभ कार्यक्रम का अधिवक्ताओं ने किया बहिष्कार - Boycotted Lok Adalat

लोक अदालत में राजीनामा हो सकने वाले सिविल, आपराधिक, सेवा, श्रम, मोटर दुर्घटना, पारिवारिक सहित अन्य प्रकृति के प्रकरणों को सूचीबद्ध किया गया है. उन्होंने बताया कि लोक अदालत में दोनों पक्षकारों की आपसी सहमति से प्रकरण का निस्तारण किया जाता है. इसमें न किसी की हार होती है और न किसी की जीत. आपसी सहमति से निस्तारण होने के चलते संबंधित मुकदमे में अपील भी नहीं होती और उसका अंतिम रूप से निस्तारण हो जाता है. लोक अदालत की विभिन्न बेंचों ने शनिवार को आपसी सहमति से लाखों की संख्या में मुकदमों का निस्तारण किया है

Last Updated : Jul 13, 2024, 5:02 PM IST
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