लखनऊ: इस बार साइबर अपराधियों ने लखनऊ में PGI की डॉक्टर को ही चपत लगा दी. ठगों ने डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 2 करोड़ 81 लाख रुपये वसूल लिए. साइबर ठगों ने फर्जी सीबीआई अफसर बनकर डॉक्टर रुचिका टंडन को कॉल की थी. इसके बाद 6 दिनों तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखा. इस दौरान गिरफ्तारी का डर दिखाकर 7 अलग-अलग खातों में रकम ट्रांसफर करवाई गई. इस मामले में लखनऊ की साइबर पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच में जुटी है.
ठगों ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कर्मचारी बताया. फिर डॉ. रुचिका टंडन के सभी मोबाइल बंद करने की बात कहकर धमकाया. ठगों ने डॉ. रुचिका से कहा कि उनके नंबरों की 22 बार शिकायत की गई है. इसके बाद ठगों ने कहा कि कॉल सीबीआई अफसर को ट्रांसफर की जा रही है. फर्जी सीबीआई अफसर ने रुचिका को डिजिटल अरेस्ट कर लिया. उसने जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनका नाम आने की बात कहकर धमकाया.
डॉ. रुचिका को 3 से 5 अगस्त तक डिजिटल अरेस्ट बनाए रखा. इस दौरान महिला और बच्चों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तारी कर डर दिखाया गया. साइबर ठगों ने कार्रवाई से बचने के लिए रुपयों की डिमांड की. 3 से 8 अगस्त के बीच ठगों ने सात खातों में 2 करोड़ 81 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए. जब तक डॉ. रुचिका कुछ समझ पातीं, साइबर ठग उन्हें चपत लगा चुके थे. अब इस मामले में लखनऊ साइबर क्राइम पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच में जुटी है. साइबर पुलिस जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए, जिन नंबरों से कॉल आई है, उन सभी का जांच कर रही है.